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Independence Day 2024 : Kakori Train Loot जिसने अंग्रेज़ी हुकूमत को हिलाकर रख दिया था || Explainer

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नमस्कार
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00:00आज से 99 साल पहले अगस्त के महीने में देश की आजाधी के लिए जो हुआ उसने अंग्रेजों की नीदें उड़ा दी थी।
00:10भारत के आजाधी की लड़ाई के लिए हर तरफ क्रांतिकारियों ने अलग-अलग योजनाओं पर काम शुरू कर रखा था।
00:16लेकिन साल 1925 आते आते आजाधी की लड़ाई लड़ रहे हैं क्रांतिकारियों की माली हालत खराब हो चुकी थी।
00:23वो पाई-पाई को मुझ्टाज हो चुके थे। उनको शशस्त्र संघर्स के लिए हाथियारों और आंधोलन को आगे ले जाने के लिए पैसों की जरौत थी।
00:31तब उन्होंने महसूस किया कि इसे पूरा करने के लिए सरकारी खजाना ही क्यों न लूट लिया जाया। इसे के साथ काकोरी ट्रेन एक्शन की नियो पड़ गयी।
00:40आज के इस वीडियो में हम आपको काकोरी ट्रेन एक्शन पर बताएंगे कि आखिर कैसे काकोरी ट्रेन एक्शन हुआ और इसके बाद उन क्रांतिकारियों के साथ बृतिश हुकूमत ने क्या किया।
00:51नमस्कार मेरे नाम है अभिशेक पांड़े और आप देख रहे हैं डेली लाइन एक्स्प्लेनर।
00:58देश के आजादी में युआओं की आवाज उठा रही हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन किसी बड़े एक्शन को अंजाम देना चाती थी।
01:05उससे जुड़े क्रांतिकारियोंने सरकारी खजाना लूपनी की योजना बनाई। इस लूट की योजना के दो मकसद थे।
01:12पहला हाथियारयों के लिए धन्ज उठाना और दूसरा बृतिश सक्ता को चुनोती देना। और फिर तयार हुआ काकोरी ट्रेन लूट एक्शन का पूरा प्लान। इस मिशन के लिए रामपरसाद बिसमिल ने नौ क्रांतिकारियों की एक टीम बनाई।
01:26सरकारी धन लूटने के लिए बिसमिल ने काकोरी को चुना। जोकि लकनों से आठ किलोमेटर दूर शाजापूर रेल्वे रूट पर एक चुटा सा रेल्वे स्टेशन था। योजना ये थी कि आठ डाउन सहारनपूर लकनों पैसंजन में हाथियारों के साथ कभजा करके
01:56जब योजना सटीक रहती तो काकोरी ट्रेन एकशन 9 गत की बजाए 8 अगस्त को हो जाता।
02:02दरसल हुआ ये कि जब ट्रेन पर कभजा करने के लिए ये सभी करांतिकारी 8 अगस्त 1925 को लकनों रेल्वे स्टेशन पहुँचे
02:09तो जिस ट्रेन को लूटना था वो ट्रेन महस दस मिनट पहले वहाँ से गुझर गए थी। इसके बाद योजना टाल दी गई और सभी को वापस लोटना पड़ा।
02:18लेकिन अगले ही दिन दुबारा रामपरसाद बिसमल के नितरत में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के करांतिकारियों ने काकोरी के पास ट्रेन रोग कर 46 से 89 रुपै एक आना और 6 पाई अंग्रेजों से लूट लिया। यह दस्ताविज्यों में दर्च हो गया ह
02:48यह भी तहीं हुआ कि हम तीन लोगी जिनने हत्यार चलाने आते हैं
02:52वो गार्ड के केबिन के पास खड़े होंगे और रुक रुक कर फायर करते रहेंगे
02:56ताकि कोई केबिन तक पहुँचने की हिम्मत न जुटा सके।
03:00ट्रेन डखैती हो गई ट्रेन डखैती से बृतिश शासन बॉखला गया था
03:04उसने इसे सामाने वारदात नहीं लिया बलकि एक ऐसी वारदात के तौर पर लिया
03:09कि जो हिंदुस्तान में बृतिश शासन को चुनोती देने वाली थी
03:13ट्रेन लूटे जाने के दोरान करांतिकारियों ने जिस तरीके से यात्रियों को मुक्त रखते वे अपना मकसद पूरा किया
03:19उससे इसे राजनायतिक श्रणी में रखा गया
03:22बृतिश सरकार की गुप्तचर इकाई तेजी से हरकप में आ गई
03:25करांतिकारियों की निग्रानी शुरू हो गई, करांतिकारी चोकरने थे
03:29लेकिन उनके छिपने के ठिकाने सीमी थी थे
03:31ट्रेन डेकैती के 47 वे दिन, 26 सितंबर को कई जिलों में गरफतारिया हुँ
03:37डेकैती में भले 10 लोग ही शामिल थे, लेकिन पुलिस के निशाने पर 40 यूग थे
03:42बाद में 21 को मुलजिम मनाए गया, चंदरिशेकर आजाद और कुन्दलाल गुप्ता को पुलिस आखर तक नहीं पकड़ सकी
03:49अश्वाकुला और शशीन दरबक्षी सबसे आखर में पकड़े गया, इसलिए उनपर मुकदमा अलग से चला
03:55मुकदमे ने देश में राजनेतिक माहॉल को भी गरम कर दिया था, क्रांतिकारियों के हिम्मत होसले से उनके परती लोगों का सम्मान बढ़ गया
04:03अश्वाकुला और शशीन दरबक्षी सबसे आखर में पकड़े गया, इसलिए उनपर मुकदमा अलग से चला
04:07जेल में बंद क्रांतिकारियों के बचाओ के लिए कई कमेटियां गठित हो गए थी, इस कमेटी में मोतिलाल नेहरू, मदन मोहन माल्वी, जवालाल नेहरू, गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे बड़े नाम शामिल थे
04:19लकनओं में अब जिस इमारत में जीपियो है, वहाँ जज्ज हैमिल्टन की अदालत में काकोरी कांड पर मुकदमा चला
04:26बचाओं में गोविन बल्लपन्त, चंडर्बान गुपता, वीके चौदरिया और आरेफ बहाधूर आदिने क्रांतिकारियों की जबर्दस पैर भी भी की पर अदालत सीधे सरकारी दबाओं में थी
04:36शैपरल 1927 को मुकदमे का फैसला हुआ, रामपरसाद बसमिल, अश्वाकुल लाखाँ, राजिन्दर लहडी और रौशन सिंग को फांसी की सजा सुनाई थी
04:46काला पानी, मन्मनाद गुपता और शचीन नाध बक्षी को 14 साल की उम्र कहेद हुई
04:52इस 4689 रुपए की लूट की कारवाई के लिए अंग्रेजों ने अपने ख़जाने से 8 लाख रुपए खर्च कर दिये
05:00इस काकोरी ट्रेन एक्शन की गुझ आज भी सुनाई देती है
05:0499 साल के बावजूत आज ये काकोरी ट्रेन एक्शन ये बताता है
05:09कि भारत के आजादी के लिए क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों की नीदे हराम कर दी थी
05:15आज के Daily Line Explainer में फिलाल इतना ही
05:17ऐसे ही और जानकारियो वाले वीडियो पाने के लिए आप देखते रही है
05:20Daily Line

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