कंदमूल और रात्रि भोजन त्याग की सही समझ

  • last month
कंदमूल और रात्रि भोजन त्याग करने से अध्यात्मिक प्रगति का क्या संबंध रहा है? कंदमूल और रात्रि भोजन त्याग की महत्वता और सही उपयोगिता क्या रही है?
Transcript
00:00किसी को दुख ना हो वही सबसे बड़ा ज्यान है इतना संभाल लेना चाहि कंदमूल नहीं खाते हो
00:21किन्तु यदी मानवता का पालन करना नहीं आया तो व्यर्त है
00:26सबजी है, गेव, चावल, सब एक हिंद्रिय है
00:30एक हिंद्रिय में थोड़ा ज़्यादा कंदमूल का नुक्सान होता है
00:35कंदमूल में उसमें ज़्यादा जीव रहते हैं एक पोटेटो में बहुत जीव रहते हैं
00:39और वो भी एक हिंद्रिय है और सचमुश तो निगोत के जीव रहते हैं
00:45और उनका नुक्सान क्या है कि जीव हिंसा का गुना नहीं है सचमुश
00:53फूड खाने से जागरती मंद होती है
00:58तामसी अलग है चश्मे के उपर नहीं कलर लगा दिया तो हम क्लियर नहीं देख सकेंगे
01:04जागरती के उपर आवरण आता है अध्यात्मिक ग्रास्पिंग थोड़ा कम होता है
01:09इतना नुक्सान जो बता है नर्गती वो सब बरोबर नहीं है
01:14है नुक्सान होता है मगर इतना नहीं है
01:17भगवान ने यह बता है कि आप प्रमाण समझो कन्मूल का इतना तिरसकार मत करो
01:23कोई धर्म में तो उपवास के दिन कन्मूल ही खाने का बता था
01:28तो क्या समझना? यह भी करेक्ट है यह भी करेक्ट है
01:31इसका इतना जोखिम नहीं है जितना नौन वेज़ का जोखिम है
01:36इसके लिए दादा जी ने क्या कहा?
01:39अभी अभी पराई रोखो के नहीं हो तो अच्छा है
01:41रातरी भोजन नहीं हो कन्मूल त्याग हो तो अच्छी बात है
01:45बगर जो भी अभी संजोग भी देखो जौप पे साड़े साथ बज़े आएगा आट बज़े काएगा तो क्या करे?
01:50कोई जगह तो तीन बज़े सुर्यास्त हो जाता है तो भी क्या करे?
01:54तो ये छोड़ दो अभी इसको ये विवार है और वो लाश्ट एक जब चरम शरीर होईगा लाश्ट अवतार होईगा तब देख लेंगे
02:04अभी तो एक दो अवतार बाक है तो ये अभी क्या करना है? तो पंचेंद्रियों को दुख नहों जाए, मनुष्य मात्र को
02:10क्रोध से, बान से, लोप से, कपड़ से, मोँ से, चोरी से, हिंसा से, विशेविकार से, किसी को नुक्सान नहों जाए उतना समालो तो ये दोना है
02:22मनुष्य के साथ जो रागद्वेश होते हैं उसको पहले साप करो, कनमोल और रात्री भोजन लाश्ट में देखेंगे
02:31क्रोध ख़तम करने के लिए नियम पालन करना था, नियम समालने के लिए क्रोध मान वाए लोपा पर लिए तो नुक्सान हो जाता है इसके लिए एजस्मिन्ट करो चलो नहीं हुआ 10-15 मीट लेट हरकत नहीं और सब लोग कंटालते हैं मालुम है रात्री भोजन नहीं करता ह
03:01आहारी आहार करे, आत्मा तो निराहारी है, तो आप आत्मा में आ गए, तो आहार का नहीं करना चाहिए, करना चाहिए, खाना चाहिए, नहीं खाना चाहिए, आग्रः छोड़ दो, क्योंकि आग्रः सबसे बड़ा पोईजन है, अग्रः, मताग्रः, धर्म में मताग्र�
03:31करता है, निकाली बाबत हो गई, अक्रम में, जब ये खाना मिले, तो खाना, अभी कोबी और पोटेटो का शाक बनाया, सबजी बनाई है, तो कोबी खा लिया, पोटेटो छोड़ दिया, क्या फ़र्क पड़ता है, तो 1%-1.5% चला जाएगा पोटेटो का परमाणू, छू
04:01चला जाएगा पड़ेटो का परमाणू, छूड़ दिया, क्या फ़र्क पड़ता है, तो 1%-1.5%

Recommended