जीवन का ध्येय - आत्मज्ञान प्राप्ति

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जीवन में हम जन्म लेते है, जिम्मेदारी निभाते है और मृत्यु हो जाती है| जब कुछ करने का समय आता है तब तक मृत्यु का समय निकट आ जाता है | वास्तविकता में जीवन का ध्येय क्या है?
Transcript
00:00लक्षमी आती है और खा पी कर मजे लूटे
00:25और सारा दिन चिंता वरीज करते रहते हैं
00:31यह जीवन का धिय कैसे कहलाईगा
00:54मनुश्य जीवन में ही आत्म साक्षा कर हो सकता है
00:58और मनुश्य जीवन में ही मोक्ष की प्राप्ती का रस्ता मिल सकता है
01:02मनुश्य जीवन मोक्ष की प्राप्ती करनी है
01:04छुटना है इस जीवन से
01:06यह दे रखना जीए है
01:08हमने जो कर्म बांधे हैं हमें भुगतने पड़ते हैं
01:10नए कर्म न बांधे हैं
01:12तो मुक्ति मिलेगी
01:13तो नए कर्म कैसे बंधन न हो जाए
01:15पुराने कर्म समता भाव से पुरे कर सके
01:19और आत्म ज्ञान की प्राप्ती हो जाए
01:22तो प्राप्ती के लिए जीवन मनुष्य जीवन का दे है
01:25मनुष्य जीवन में यह लक्ष रखना जाए
01:27कि मुझे आत्म साक्षातकार हो जाए
01:29मोक्ष कभी प्राप्त होगा
01:31तो क्या आत्म साक्षातकार होगा
01:33आत्म साक्षातकार कभी हो जाएगा
01:35मुझे ग्यानी मिले आत्म ग्यानी मिले
01:37आत्म ग्यान उनसे मैं प्राप्त करो
01:39तो मुझे संसार के
01:41जन्म जन्म अंतर से मुक्ति होगे
01:43तो यह धे रखने से
01:45आत्म ग्यान प्राप्त करने का धे
01:47सेकेंडरी लेवल में होता है
01:49आत्म ग्यान प्राप्त के लिए दुन्डना चाहिए
01:52कोई ग्यानी है
01:54कोई संत महन चाहते है कि इतना ध्यान करो
01:56पर्मात्मा का साक्षातकार होगा
01:58जो करो करो करो सिखाते हैं
02:00तो पुन्य का बंदन होगा
02:02बुरा छुटेगा अच्छा पकड़ोगा
02:04तो पुन्य मिलेगा
02:06आत्म ग्यान तो आत्म तत्व की पहचान
02:08मैं खुद कौन हूँ
02:10सेल्फ रियलाइजेशन हो गया
02:12तो आत्म साक्षातकार मिलेगा
02:14और आत्म साक्षातकार हो गया
02:16तो सच्चा करता कौन है
02:18सच्चा भगवान कहां है क्या करता है
02:20ये जगत चलाने वाला कौन
02:22मैं खुद कौन हूँ
02:24इस सब हकिकत का समाधान हमें मिल जाता है
02:26तो ऐसा कुछ मिले
02:28तो ही मोक्षमार्ग हमारी शुरुवात होगी
02:30तो ये मनुष्य जिवन का दिये है

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