एकाग्रता कैसे लाएँ?

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कुछ चीजें करने में हमें एकाग्रता रहती है जबकि दूसरी चीजें करते समय एकाग्रता नहीं रहती| ऐसा होने में क्या वजह रही है और एकाग्रता किस प्रकार बढ़ा सकते है?
Transcript
00:00कई चीज़े ऐसी होती है कि हम उसे देखते ही उसमें खो जाते हैं।
00:24और कई चीज़े ऐसी भी होती है कि हम उसे करने तो बैठते हैं लेकिन उससे एकागरता से कर नहीं पाते।
00:36मुझे कोंसंट्रेशन लेवल के बाले में जानना है कोई भी काम करते हैं मन इदर उदर बहुत जाता है।
00:41स्पेशली पूजा पाठ करते टाइम।
00:44पूजा पाठ में ही जाएगा और पैसे गिनने में नहीं जाएगा।
00:48एक, दो, तीन, चार, पाँच, पटापट जाएगा।
00:52गहने की दुकान में जाएगे तो भी नहीं जाएगा, यह कितना का है, यह कितना है, यह इसका क्या है।
00:56बहुत एकागरता रहिगे, साडी खरीदना है, ड्रेस खरीदना है, एकागरता.
01:00यह इंट्रेस्ट है और भगवान में इंट्रेस्ट नहीं है, इसके लिए मन भाग जाता है, सचमुझ मन नहीं भागता है, चीत भागता है.
01:09हर चीत भटक भटक करता है, उसको शान्ती चाहिए, सुख चाहिए, भैसे में सुख आता है, गैने में सुख आता है, टीवी मूवी में सुख आता है, एकागरता रहते है, भगवान में सुख आएगा तो वहाँ भी एकागरता रहेगे, भगवान का साक्षातकार हुआ तो
01:39हसीम जय जय कारो
01:42एक एक शब्द अकशर पढ़के पढ़के बोलो, तो चीत को पढ़ना पढ़ेगा, और दादा भगवान पहुंचेगा भीतर वाले आत्मा को,
01:49कुछ के ही आत्मा को नमस्कार पहुंचेंगे, उसकी भक्ति आरादना करेंगे, तो चीत की शुद्धी होती है, शुद्धी होने से चीत की स्थिरता बढ़ती है, एकागरता की शक्ति बढ़ेगी,
02:00यह उच्छा उपाय है, डस मेट कम से कम बोलने का, एक एक शब्द पढ़के, पढ़ने के लिए चीत को इदर दर भागना बंद करना पढ़ेगा, और शब्द पढ़ने के लिए इदर रुखना पढ़ेगा, और चीत की शुद्धी होते जाएगी, और वो उच्छा उपाय
02:30है, यह उच्छा उपाय है, डस मेट कम से कम बोलने का, एक एक शब्द पढ़ने के लिए चीत को इदर रुखना बंद करना पढ़ेगा, और शब्द पढ़ने के लिए इदर रुखना पढ़ेगा, और शब्द पढ़ने के लिए इदर रुखना पढ़ेगा, और शब्द �
03:00पढ़ेगा।

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