बुद्धि की स्थिरता का उपाय

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कोलेज में जब भी कोई परीक्षा आए तब बहुत घबराहट और अतिसवेदंशील बन जाते है, ऐसी परिस्थिति में खुद को स्थिर और शांत किस प्रकार रखे?
Transcript
00:00मेरा question ये है कि every time I have a presentation or exam in my college, I panic and get hyper.
00:07Presentation के दिन I end up reaching the examination hall 2 hours earlier than the given time.
00:13दो घंटे पहले इसलिए जाती हूँ ताकि मैं अपने आपको सोड़ा काम कर सकूँ.
00:16पर एकड़म से कुछ बी situation सामने आती है तो मैं उसको बहुत कामली नहीं ले पाती, डर जाती हूँ एकड़म से,
00:23तो मैं कैसे अपने आपको शांत रखूं।
00:26यह क्या है कि बुद्धी सब बताती है, ऐसा होगा तो, यह होगा तो, यह होगा तो, क्या होगा, नहीं होगा तो, नहीं होगा,
00:32कितना revolution गुमता है, हाइपर हो जाती है, उसके लिए शांत होने के लिए,
00:37फ़र्स्ट एपिया है कि मैं शुद्धात्मा हूँ, अवनी जुदा है, और अवनी को बोलना, अवनी शांती रखो,
00:42देखो पहले भी एक्जाम आयी थी, पूरी हो गई, और हम अपसेट हुए, हाइपर हो गए, कोई फरक नहीं पड़ा,
00:48एक्जाम पर ताम तो जितना, दो गंटे का ताम में देना, जल्दी आ गया, बगर कोई फरक पड़ता नहीं है,
00:54देखो अनुबव हुआ के नहीं, आपको अच्छी तर हुआ ना, दूसरी बार भी अच्छा होगा, टेंशन में मत आ जाओ,
00:59ऐसे बातचित करना, दूसरा धादा भगवान नासीम जय जय कार बोलो,
01:03क्योंकि धादा भगवान है ने वित्राग है, वित्राग को याद करो, स्थिरता बड़ेगी,
01:07ये चंचलता बुद्धी की है, इमोशनल पणा बुद्धी का है, बुद्धी अपसेट करती है, इमोशनल करती है, हाईपर कर देती है,
01:13बुद्धी शांत कभी होगी, तो कहे, धादा भगवान नासीम जय जय कार, शब्दे शब्दे पढ़ो, दस मिनिट, पंधर मिनिट,
01:20तो काम end quite होते जाएगा, और वाच्चित करने के, अब नहीं, शांती रखो, कुछ फ़र्क बढ़ने वाला नहीं, जितना हाईपर होगा, तो भी वही result आने वाला, नहीं हुआ, पुराना अनुभव यात करने का, देखो, कोई फ़र्क पढ़ा नहीं, हमारा दो गंटे में
01:50और दादा जी की किताबे ज़रूर पढ़ते रहना, तो बहुत बुद्धी का solution मिलते जाएगा, ग्यान से सच्ची समज मिलते जाएगे, स्थिर्ता बढ़ेगे.

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