भ्रष्टाचार को कैसे रोकें?

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भ्रष्टाचार रोज बरोज बढ़ता जा रहा है| भ्रष्टाचार का अंत लाने के लिए क्या प्रत्यन करने चाहिए?
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00:00क्या लगता है विश्वों में आज के समय में सबसे ज्यादा बुरा क्या है?
00:09चल्ये सुनते हैं अपने ही लोगों से.
00:14इस समय वर्ल्ड में करप्शन बहुत बड़ी चीज़ है.
00:18अभी क्या यहाँ जाता है कि करप्शन बहुत है.
00:22हर जगापे करप्शन बहुत है.
00:23प्रस्टाचार बुरा है, राजनिती बोली है, करप्शन बहुत बढ़ गया है.
00:28गरीब और गरीब होता जाता है, अमिल और अमिल होता जाता है, सबको पैसा के लिए भूख है अभी.
00:33सबको बता है कि प्रस्टाचार बुरा है, पर इसे रोपने के लिए हम क्या कर सकते हैं?
00:41बाल, रोटी से बाहर आ जाये, फिर कुछ करें.
00:43इंसान पर जाता है, दूसरी बात है सपोर्ट मिले.
00:46सपोर्ट अगर मिले अच्छा, तो सब भट सकते हैं.
00:48मगर सपोर्ट ही भी करने वाला नहीं है, तो करप्शन कहां सेटेगा?
00:51अलकी जो अपनी लाइफ्स्टाइल चल रही नहीं है, आपकी या मेरी या किसी होती, उसके अंदर कोई किसी के पास इतना टाइम नहीं है, कि ये सारे मामलों में सब निकलके, साथ में निकले.
01:01ये मौसिबल ही नहीं है.
01:03अब करप्शन किस तरह मिटाना है? ये हमलों के उपर है, अब आप सुचिए, हम सुचेंगे.
01:08सरवज़न हिताय पूछ रहा हूं, कि ये ब्रश्टाचार इतना पढ़ता जा रहा है, रोज नहीं, खबर आती, तो इसका अद्ध कैसे हो?
01:14हमारा मन में से ब्रश्टाचार को निकाल दो, वहाँ से अन्शुर होईगा.
01:21और ये ब्रश्टाचारी उसके पर तिरस्कार मत करो, इसके लिए प्रार्थना करो, कि ये बगवान इनको सद्धू दी दे, और इसमें से बाहर निकल जा, इसी प्रुपा करो.
01:29ताकि द्वेश, ब्रश्टाचार के उपर द्वेश करने वाला दूसरे अवतार में खुद ही ब्रश्टाचारी हो जाता है, कोई उपाई नहीं है, क्योंकि ये राक करने से भी ब्रश्टाचार का रोग बढ़ेगा, द्वेश करने से भी ब्रश्टाचार का रोग बढ़े
01:59देखेंगे तो दूसरा सुध्रेगा, दादाजी 1958 में एक थे ऐसे, पियर, 100% पियर, तो उनके देखके दस सुध्रे, सौस सुध्रे, अजार सुध्रे, लाग सुध्रे, आज सुधर रहे, सारी दुनिया सुधर के रहेगी, तो वही उपाई है, दूसरे को सुधारने की मे
02:29अगर हमें रिश्वत देनी पसंद नहीं है, और फिर भी देनी पड़ती है, तो वो क्या पाप कहलाता है?
03:00अच्छा, रिश्वत दिये, आपने दिया, और आपका वो CLC हो गया सब, अभी देखो नहीं, यह है नहीं, यह यहाँ कागश की नोट चलती है क्या?
03:10के सोने के सिख्के चलते हैं यहाँ, अपने बाजार में कौन सा सिख्का चलता है?
03:14कागश की नोट.
03:15तो चला के पुरा करो काम, ताकि एक बात ज़रूर समझ लो, के आप अपने तरप से जितना हो सके उतना प्यॉरिटी में रहो, ताकि यह रस्ता अच्छा नहीं है.
03:29हमारा तो यह काईदा है, के मैं आपको रिश्वत लेके काम कराता हूं, आप दूसरे से लेते हो, आप तीसरा से लेते हो, चोथे से, करते करते वो मेरे से भी लेगा यह.
03:39एक जग ब्रश्टाचार स्टॉप करो, एक प्यॉर आदमी होने दो, मैं लेना बंद करूँगा, मैं देना भी बंद करूँगा, देखो क्या होता है, कितनी तकलिफाईगी?
03:49एक को देखे दस सुध्रेंगे, दस को देखे सौ सुध्रेंगे, सौ को देखे अजार सुध्रेंगे, अजार को देखे दस अजार सुध्रेंगे, लाख सुध्रेंगे, करोड सुध्रेंगे, अबज सुध्रेंगे, पर वहाँ एक जग से ब्रश्टाचार स्टॉप करो, य
04:19हन्डरेड में से 99, 98, 97, जितना हो सके, उतना कम करते जाओ,
04:24और एक दिन, प्यॉरिटी में आप सोचो, कि मुझे प्यॉरिटी से जीवन जीना है,
04:29एक आदमी प्यॉर होईगा, तो दस आदमी प्यॉर होईगे, धीरे धीरे सारी दुनिया प्यॉर होईगी,
04:33दादा जी ऐसे प्यॉर थे, आज लाखो आदमी ऐसे प्यॉर हो सके हैं, तो हम क्यों नो प्यॉर हो जाए?

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