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नमस्कार
डेली लाइन के इस डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म पर आपका स्वागत है। यह एक ऐसा मंच है जिसकी खबरें पत्रकारिता के वैश्विक मानकों पर खरी उतरती हैं। इसलिए वर्तमान मीडिया के बदलते परिदृश्य में हम विश्वस्नीय जानकारी और निष्पक्ष खबरों के साथ हम आपके साथ जुड़े हैं। बतौर न्यूज़ प्लेटफॉर्म हमारा धर्म है कि हम आपको ऐसी खबरें और जानकारियां उपलब्ध करवाएं जो न सिर्फ पत्रकारिता के मूल्यों खरी उतरें बल्कि देश-दुनिया से लेकर आपके क्षेत्र तक की हर खबर से आपको अपडेट रखें।
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00:00नमस्कार मेरा नाम है अभिशेक पांड़े और आप देख रहे हैं डेली लाइंग
00:12आज के इस डिस्कशन में हम बात करेंगे अपने पडूसी मुल्क बांगला देश की
00:17में जो हो रहा हो किसी से नहीं चुपा है और वहाँ पर इसमें बहुत
00:21जादा आराजक्टा का महौल है हिंदूओं को मारा जा रहा है उनके घर
00:25जलाय जा रहे हैं और वहाँ की जो प्रधानमंत्री थी जिनों
00:29है और कब तक यहां रहेंगी उसका कोई अभी वक्त निर्धारित
00:35नहीं हुआ है क्योंकि उनको तमाम देशों ने अपने यहाँ
00:38पे शरण देने से मना कर दिया है ऐसे मैं अभी सवाल उठा
00:42कि जिस महिला ने बांगला देश में लगातार सरकार चलाई
00:46पंधर साल उस शाशन में रहीं सब कुछ उनके कंट्रोल
00:50में था अचानक से ऐसा क्या होता है पंधर दिनों के
00:54अंदर जो सब कुछ उनके हाथ से बाहर हो गया इन फैक्ट
00:57जब वो बांगला देश शोड करके बाहर निकली हूँ उससे
01:00एक गंटे पहले तक उनको ऐसा लगता था कि सब कुछ
01:03उनके हाथ में है उनके हाथ में सब कुछ है जो आराजक्ता
01:06चल रही है उसको शांत कर लिया जाएगा उसको रोक दिया
01:09जाएगा क्योंकि जो मांगे थी वहाँ के चात्रों की उसको
01:13सुप्रीम कोट ने मान लिया था सुप्रीम कोट का आदेश
01:16आ गया था तो ऐसे ही सरकार को उस मांग को मानना था और
01:20तमाम चीजें धर्रे पे आ रहे थी ट्रेक्ट पे आ रहे थी
01:24लेकिन अचानक से शेख हसीना को कहा जाता है कि नहीं
01:27अपने लोगों पर गोली नहीं चलाएंगे आपको देश शोड के जाना ही होगा
01:39अब इसके पीछे बहुत सारे लोग हैं बहुत सारी कहानिया निकाल रहे हैं
01:43लेकिन जो मोटे तौर पर इतने दिनों में समझ में आ रहा है कि तीन बड़े
01:47ऐसे वाकिये हुए हैं बीते 15 दिनों में बांगला देश में जिनोंने शेख हसीना को उनके देश से निकाल के बाहर फेक दिया
01:55निकाले जाने से एक गंटे पहले तक उनको इस बात का इल्म नहीं था उनको नहीं पता था कि उनके साथ क्या हो सकता है
02:01बहुत सारी कहाणियां है लेकिन तीन कहाणियां सबसे महतुपूर्ण है जो सबसे पहली बात सामने आ रही है कि चात्रों का संगटन है अगर उनकी सारी बातें धर्रे पे आ गए थी तो ये बिगड़ा कहा
02:14तो ये पूछा जा रहा कि क्या कोई इसमें कैटलिस्ट का काम कर रहा था क्या कोई इसमें आग में घी डालने का काम कर रहा था क्या ये पूरा अंधुलन किसी से प्रयोजित था किसी वज़े से प्रयोजित था तो उसके पीछे बहुत सारी कहाणियां बहुत सारे लोग कह
02:44कर दिया और वहाँ पर जो तमाम कटरपन्ती संगठन हैं वो इस समय अक्टिव हो गए हैं जो माना जा रहा था कि शेख हसीना के हटने के बाद ही हो पाएगा
02:53शेख हसीना के बेटे ने भी इस बात का जिकर किया है कि इस पूरे आंधोलन को ड्राइब किया जा रहा था पाकस्तान की तरफ से और अमेरिका का भी इसमें नाम आया है कि इसमें फंडिंग होई है जम के पैसा इस चात्रों के आंधोलन में खर्च किया गया है लगाया गय
03:23उग्र हो गया तो ये यूही नहीं हो सकता बहुत सारे रक्षा मामलों के विशेशग हैं उनका ये कहना है कि इसमें आयेसाई का हात है क्योंकि आयेसाई अपने धाका उच्छायोग के जरीये उनोंने इस पूरे आंधोलन को फंड किया खूब पैसा यहाँ पे चात्रों के
03:53बागे रखा गया उसको प्रोवोक किया गया असल में चात्रों की जो मांग थी वो तो पूरी हो चुकी थी कि वाई आरक्षन को नियमित किया जाए
04:01जो आरक्षन शेख हसीना और उनके परिवार को मुक्ति बाहनी आंधोलन से जुड़ोगे लोगों को मिल रहा था उसको खतम किया जा वो तो हो चुका था
04:09लेकिन जो जमाते इसलामी है उसके मन्सूबे कुछ और थे और ISI का इसमें नाम आ रहा है पाकिस्तान का नाम आ रहा है कि इन लोगों ने धाका के जरिये जमाते इसलामी के जरिये उसके चात्र संगठन के जरिये शेख हसीना के सरकार को कमजोर किया इसमें चीन का भी न
04:39ख्यूद है तो उसके मन्दां पर वहें हरासारत किल्यागत आप के।
05:09और इसे लिए उन्होंने इन पर बैन लगा दिया था
05:13और आप देखें कि जैसे शेख हसीना वहां से हटती हैं
05:16फिर से जमात-ए-असलामी सोतंत्र है
05:18उनका जो चात्र संगटन है जो पूरा अंधोलन चला रहा था
05:20वो सोतंत्र है लेकिन
05:22उसके बावजूद आराज़क्ता अभी भी पंगला देश में हो रही है
05:26इसका मतलब कि जो प्रदर्शन कारियों का जो आंधोलन कारियों का उद्देश था
05:31वो ये उद्देश नहीं था कि आरक्षन समाप्त कराए जाए
05:35आरक्षन तो वैसे ही समाप्त हो गया था
05:37लेकिन उसके बाद अगर ये हिंसा हो रही है तो इसकी पीछे का उद्देश अब धीरे धीरे डीकोड हो रहा है
05:43कि सिर्फ आरक्षन का खेल नहीं था इसमें
05:46इसमें एक सरकार एक चुनिएवी सरकार उसमें एक राइट प्रोसेस को सोचने वाली सरकार को किनारे करना था
05:53वहाँ पे जमाते इसलामी को अपने आपको मस्बूत करना था
05:56बहुत सारे लोग कहते हैं कि जमाते इसलामी ठीक उसी तरह उसी प्रोसेस में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है
06:02जैसा कि अफगानिस्तान में है तालिबान का साशन बांगला देश में किस तरह लाया जाए ये
06:08उस कटरपंथी सोच के साथ जमाते इसलामी काम कर रही थी
06:11बहुत सारे जमाते इसलामी के लोग जो शेख हसीना के सरकार में जब उनकी सरकार थी तो उनको बंद करके रखा गया था उन पर बैन लगाये गया था
06:21तो ये कई कडियां आपस में जुड़ रही हैं जो ये बता रही है कि शेख हसीना की सरकार को केवल उखार फेकना ही उनका मकसद था
06:31आरकशन तो एक महज मुद्धा था क्योंकि अगर आरकशन ही एक मुद्धा होता सिर्फ एक मुद्धा होता शात्रों का तो ये शांत हो गया होता और दूसरी बात ये चात्र जो इतनी बड़ी तादात में बाहर निकले तो जो चात्र है उनको पता है कि अगर उनकी बात मा
07:01किया वो लूट ले गया तो ये चात्र तो कोई नहीं कहाई गया इनको इन तस्वीरों को
07:05कोई भी देखके नहीं कहेंगा कि इन चात्रों का मकसद आरकशन व्योस्ता
07:10को खत्म करना था तो ये पुरी तरीके से प्रायोजित बताय जा रहा है कि
07:14पूरी दुनियां से आलग-अलग हिस्सों से अब ये रिपोर्ट सामने आ रही हैं
07:17कि इसमें पाकिस्तान, अमेरिका, चीन, जमाते इसलामी, कटर पंठी, तमाम संगठन हैं
07:23उनका involvement बता जा रहा है ताकि भारत कमजोर रहे, भारत परेशान रहे
07:29बांगला देश कि वेसे और बांगला देश एक नया सेंटर बन पाए, असलामिक सेंटर बन पाए
07:33ऐसे कटर पंठी सोच के लोगों की
07:35शेख हसीना के भारत के साथ बहुत अच्छे रिष्टे थे
07:38बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे, बां
08:08देश की एक रिष्टे थे, बांगला देश की एक रिष्टे थे,
08:23खिलाफ शुरू से ही ये देशवावी आंदुलन का हिस्सा बना था
08:26और अबुवकर मजुनदार शेख सेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने में
08:30इसका भी एक महतपूर्ण योगदान रहा है
08:34कैसे इस पूरे आंदुलन को आगे लेकर के जाये जा था
08:39इन छात्रों को आगे रखा गया मकसद यह था कि आरक्षन को दिखाये जा
08:46कि आरक्षन को किस तरह हमको आरक्षन विवस्ता जो कि लगबक 56% आरक्षन मिलता था
08:50नौकरियों में और एजुकेशन में
08:52इस में 30% आरक्षन था मुक्ति वाहिनी यानि शेख हसीना और उनके परिवार
08:56और इस आंदुलन से जुड़वे लोगों को
08:58यह मुक्य मकसद था लेकिन यह पूरी तरीके से हाईजैक हो गया
09:01डीरेल हो गया, दूसरी दिशा में पूरा आंदुलन चला गया
09:04और अराजक्ता फैल गई
09:06आज आप देखिए शेख हसीना महापर नहीं है
09:08मुद्धा भी वो समाप्त हो चुका
09:10उसके बावजूद हिंसा नहीं थम रही है
09:13वहाँ पर कट्रपंथी लोग हावी हैं
09:15हिंदुवों के घर जलाई जा रहे हैं वहाँ पर
09:17हिंदुवों को मारा जा रहा है
09:19बहुत सारे जो हिंदु परिवार हैं
09:21वो बांगला देश ते पलाइन करके
09:23भारत आना चाहते हैं वहाँ पर उनको फिलाव रोका जा रहा है
09:25तो जो असल उदेश था
09:27कि बांगला देश को अस्थिर किया जाए
09:30आरक्षन तो एक मुद्दा था
09:32और इससे भारत को परिशान रखा जाया
09:34तो यह हमने डिकोड करने की कोशिश कि
09:36हमारे पास जो अलग-अलग
09:38खबरें आईं अलग-अलग तरीके से
09:40जो तस्वीर आईं उसके जरिये
09:42कि बांगला देश में क्या हो रहा है
09:44मकसद क्या था कि
09:46शेख हसीना के सरकार को गिरा दिया जाए
09:48इसके पीछे का उद्देश क्या था
09:50यह आज हमने आपको बताने की कोशिश कि
09:52कैसा लगा आपको डिसकेशन आप हमें जरूर बताईएगा
09:54और बांगला देश में
09:56हमारे इस डिसकेशन में
09:58आप और आएड करना चाहते हैं
10:00शेख हसीना के सरकार क्या पढ़ने में
10:02नाकाम रही कि वो इस अंडर करण्ड को
10:04नहीं समझ पाई इस साजिष को नहीं समझ पाई
10:06आप हमें कॉमेंट करके जरूर बताईए
10:08और देखते रहेंगे डेली लाइम