सच्ची समझ से मन वश

  • 2 months ago
हम अपने भागते और चंचल मन पर किस तरह से काबू पाएँ और उसे कैसे स्थिर करे? क्या मन को वश करने का कोई उपाय है?
Transcript
00:00अपने चंचल मन को जो हमें सब भागता रहता है, इसे किस तरह अपने काबूमे कर सकते हैं, ताकि हम जो लक्ष अपने लिए निर्धारित करते हैं, उन्हें समुचित रूप से और उचित समय पे पा सकें।
00:25अपने मन का दोश नहीं है और मन को स्थीर करने जैसा भी नहीं है।
00:33मन, जैसे पानी को बांधना है, तो बर्तन में डाले तो बंधा जाएगा, नहीं डाला तो फैल जाएगा।
00:41इसे मन को भी ज्यान से वश कर सकते हूँ।
00:44तो ज्यान बदली करो, मन को सुधारने मत जाओ।
00:47वो हमारी अज्यानता का परिणाम है। ज्यान सुधारो।
00:51नहीं, अभी कुछी ने बोला कि डस तारिक से सक्कर में तकलिफ आने वाली है, चीनी मिलेगी नहीं।
00:57तो लोग क्या करेंगे, डस किलो, पचीस किलो इकटटा करने लगेंगे।
01:01और बाद में हुआ माल, वो हो, डिसेंबर की डस तारिक, वो चलो, बहुत टाइम है।
01:06तो ज्यान बदली हो गया, तो मन शांत हो जाता है।
01:09तो अज्ञानता से मन चंचल हो जाता है, और ज्यान से शांत होते जाएगा।
01:13ये समाधान मिलता नहीं, मन को, मेरे साथ, जीवन में ऐसा क्यूं होता है, इसने मुझे क्यूं ऐसे किया, उसका समाधान मिलता ही नहीं।
01:21इसके लिए वो चंचल, नेगिटिव, पॉजिटिव, अपसेट, अपसेट, डिस्टर्ब, डिस्टर्ब, और समाधान मिलता हो, मेरा हिसाब, मैंने दस हजार, नहीं, हमारे से कोई दस हजार लेके गया, तो हमें गुसा आएगा, क्यूं मेरे साथ आमाँगता है।
01:35बाद में मालूंगा, नहीं, हमने दस हजार लिये थे पाँच साल पहले, चुकाये नहीं, तो वापस मांग रहा है, ओ, मेरा हिसाब पूरा हुआ, तो शांति मिलेगे।
01:44समाधान से मन स्थीर होते जाता है, असमाधान से अपसेट, चंचल रहेगा।

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