मृत्यु के शोक के सामने समाधान

  • 2 months ago
मृत्यु के बाद होने वाले शोक की वजह क्या है? इस शोक के समय हम समाधान कैसे पाए?
Transcript
00:00पैदा होते हैं मोह तो सबसे हो जाता है, मृत्यू के बाद जो शोक होता है उससे बाहर कैसे निकलें?
00:07पैदा होते हैं, खुशी मनाते हैं सब लोग, बच्चा हो गया, खुश, खुश, तो होई मृत्यू के बाद शोक देने वाला हो गया.
00:15पड़ोसे का बेटा मर गया तो कुछ दुख नहीं होता है, जाकर शान्ती रखो, सम्था में रहो, वापस आ जाएगा, हमारा कुछ लेना देना नहीं.
00:24तो ये मृत्यू का शोक क्यों लगता है, कि हमारा कुछ अटेश्मेंट हो गया है, इसके वाज़े से मृत्यू के वाज़े से दुख लगता है.
00:32पर ग्यान के बाद ये समझ में आता है, जैसे सोने की बेंगल है, उसको मोड दिया, तो दुखी हो जाएंगे, सोना भीगडा नहीं, सोना तो वही है, आकार, उसका आवस्था भीगड गई, अच्छे तत्वद्रश्ठी मिल जाती है, कि शरीर विनाशी है, खुद तो अव
01:02के मोक्ष मार्ख में आगे गए, तो फिर समता रहेगी, शरीर, यानि मृत्यू का शोक नहीं रहेगा, शोक, मोह के वज़े से शोक है, जितना मोह जादा, उतना शोक जादा, और जितना मोह खतम हो गया, हमारे भी फादर एकस्पाइड हो गया, मधर एकस्पाइड ह
01:32नहीं था, समता रही, फादर एकस्पाइड गया 91 में, तो भी उतनी समता, अभी आपके साथ जितनी बात करता हूं उतनी, उस टाइम पे भी समता थी, क्योंकि ग्यानी की द्रश्टी है, खुद मरता ही नहीं, ये ब्रांती है, मैं मर गया, ये मेरा चला गया, ब्रांती चल

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