What if I asked you which is the world’s most expensive currency? Considering that there are only a handful of so-called major currencies in the world, your guesses would include the US Dollar, Euro, Pound or even the Japanese Yen. However, the correct answer would be- The Kuwaiti Dinar or the KWD(its denomination). At the time of shooting this video, 1 Kuwaiti Dinar equals almost 250 Rupees! Why is that the case? How did the Kuwaiti Dinar become so valuable that it has outperformed even the USD (which makes up 60% of the forex reserves in the central banks across the world even today!)? And how does cryptocurrency like Bitcoin fit in terms of valuableness? I explain in today’s video.
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00:00Namaskar, दोस्तों!
00:01आज के दिन, एक डॉलर की कीमत
00:0375 रुपए टच करने को हो रही हैं.
00:05दूसरी तरफ, एक यूरो ने
00:0785 रुपए का मार्क क्रॉस कर दिया है.
00:09और एक पाउंड ने तो सेंचुरी मार दिये रुपीज में.
00:12लेकिन क्या आप जानते हैं?
00:14इन सारी महंगी करण्सी से भी कहीं ज्यादा महंगी है
00:17दुनिया की सबसे महंगी करण्सी.
00:20World's Most Expensive Currency.
00:22क्या आप गैस कर सकते हैं, वो कौन सी करण्सी है?
00:25कुवेती दिनार.
00:26एक कुवेती दिनार, almost 250 रुपीज के बराबर है.
00:31सवाल यहाँ पर यह उठता है,
00:33कि ऐसी क्या खास बात है कुवेती दिनार में,
00:35कि वो दुनिया की सबसे महंगी करण्सी बन गई?
00:37अला कि दूसरी तरफ,
00:39US Dollar दुनिया की सबसे पॉपिलर करण्सी है,
00:42वो इतनी महंगी नहीं बन पाई,
00:43लेकिन कुवेती दिनार इतनी महंगी बन गई?
00:46आज के इस एपिसोड में, आए जानने की कोशिश करते हैं.
00:51इस वीडियो को दोस्तो, आप एक तरह से
00:53continuation समझ सकते हुँ,
00:54मेरे पुराने What if $1 equals Rs.1 वाले वीडियो की,
00:57आप लोगों को वो वीडियो बहुत पसंद आया था,
00:59इसलिए आज का इस वीडियो भी एक similar से ही टॉपिक पर हैं।
01:03कुवेती दिनार के बारे में बात करने से पहले,
01:05हमें थोड़ा कुवेत की हिस्ट्री में जाना पड़ेगा।
01:07आप शाज ये बात जानकर हैरान हो जाएंगे, दोस्तो,
01:09कि आज से 70-80 साल पहले,
01:11कुवेत में जो करणसी इस्तिमाल करी जाती थी,
01:14उसे इंडियन सरकार के दोरा इशू किया जाता था।
01:17सही सुना आपने?
01:18Reserve Bank of India,
01:20कुवेत की करणसी बनाय करता था एक टाइम पर,
01:22और उस करणसी का नाम था,
01:24गल्फ रूपी।
01:25इंडियन रूपी से काफी सिमिलर था,
01:27दिखने में कुछ ऐसा दिखता था,
01:29और आप इस नोट पर देख सकते हो,
01:30कि Government of India लिखा हुआ है।
01:32इंडियन रूपी और गल्फ रूपी के नोट में जो नंबरिंग थी,
01:35उसमें एक लेटर का फरक होता था,
01:37गल्फ रूपी के जो नंबर्स होते थे,
01:39वो हमेशा Z से शुरू होते थे।
01:41इस गल्फ रूपी के बारे में खास बात यह थी,
01:44कि इसे इंडिया के अंदर इस्तिमाल नहीं किया जा सकता था,
01:46इसे इंडिया के वहार ही चलता था।
01:47अगला सवाल यह उठता है,
01:49कुवेट जैसी country को क्या जरूरत पड़ी,
01:52एक ऐसी करंसी इस्तिमाल करने की,
01:54जिसे एंडियन गवर्मेंट के दोरा इशू किया जा रहा हूँ।
01:57इसका जवाब, दोस्तों, इतिहास में छुपा है।
01:59Almost 200 सालों तक,
02:011763 से लेकर 1961 तक,
02:04ब्रितिश राज का कंट्रोल रहा था पर्सियन गल्फ के एरिया पर।
02:08इसी एरिया में एक country थी कुवेट के।
02:10अब ऐसा नहीं था कि ब्रितिश राज का पूरा टोटल कंट्रोल था कुवेट के उपर,
02:15throughout the years, अलग-अलग degree of control रहा था कुवेट के उपर।
02:19तो यहाँ पर ब्रितिश इंडिया सरकार ने देखा कि कुवेट की जो economy है,
02:22यह काफ़ी चोटी economy है,
02:23क्या करेंगे यहाँ पर एक अलग से currency बना कर।
02:26आसान यही रहेगा कि हम वही same currency इस्तिमाल कर लें,
02:29जो हम इंडिया में इस्तिमाल करने लग रहें।
02:31तो शुरुवात में यह decision ब्रितिश इंडिया सरकार का था
02:34same currency इस्तिमाल करने का.
02:36लेकिन 1947 में जब इंडिया को आजादी मिली,
02:39तो इंडिया ने ये होते होए देखा
02:41और permission दे दी कुवेट को
02:42कि वो Indian Rupee को इस्तिमाल करते रह सकता है।
02:45तो इस point of time तक exact same Indian Rupee इस्तिमाल किया जा रहा था
02:49कुवेट में भी और इंडिया में भी.
02:50याद रखे ये वो समय था जब कुवेट की economy काफी चोटी थी
02:54क्यूंकि oil boom नहीं हुआ था.
02:55हाला कि oil की discovery कुवेट में late 1930s में अलड़ी हो चुकी थी.
03:00लेकिन World War II की वजए से
03:01कुवेट बाकि दुनिया को इतना तेल नहीं बेच पाया था.
03:04इन 1960s के अराउंड ही होना शुरू हुआ था.
03:07लेकिन इंडिया की आजादी के कुछ सालों बाद
03:09इंडिया ने एक problem होती होई देखी.
03:11Gold trafficking की.
03:12Gulf के एरिया में एक बड़े स्केल पर Gold की trafficking हो रही थी.
03:16Smugglers क्या करते थे?
03:17Gold ले जाकर इंडिया में बेचते थे.
03:19उसके बदले इंडियन रुपी लेते थे
03:21और उस इंडियन रुपी को ले जाकर
03:22Gulf countries में बाकि फॉरण करंसी में exchange करा लेते थे.
03:26इससे इंडियन एकोनमी को काफ़ी नुकसान सहना पढ़ रहा था.
03:29इसी रीजन से 1959 में
03:31इंडियन सरकार ने डिसाइड किया
03:33कि Gulf के एरिया के लिए हम एक अलग करंसी introduce करेंगे
03:36जिसका नाम होगा Gulf रुपी.
03:39इंडियन रुपी से ये one is to one की ratio में
03:42लेकिन फर्क ये होगा कि
03:43Gulf रुपी को इंडिया के अंदर इस्तिमाल नहीं किया जा सकता.
03:46इससे स्मगलिंग पर काफी हद पर रोक लग पाई.
03:49इसके बाद 1961 में
03:51कुवेट को ब्रिटिश से आजादी मिलती है.
03:53और 1963 में
03:55कुवेट पहली अरब कंट्री बन जाती है.
03:57अपनी पारलेमेंटरी एलेक्शन्स कंड़क्ट करवाने वाली
04:00और एक कॉंस्टिटूशन क्रियेट करने वाली.
04:031970s तक प्रोगरेस इतना अच्छा चलता है
04:06कि कुवेट अपने एरिया की सबसे डेवलब्ट कंट्री बन चुकी है.
04:10In fact, प्रेस फ्रीडम के मामले में भी
04:12कुवेट दुनिया की एक अपने टॉप कंट्री बन जाती है अपने टाइम की.
04:16सुनकर आपको यकीन नहीं होगा
04:18एक टाइम पर कुवेट को अपनी लिबरल वैलियूस के लिए काफी जाना जाता था.
04:23आज भी सिच्वेशन इतनी खराब नहीं है वैसे.
04:25आज के दिन तक कुवेट की जो प्रेस फ्रीडम इंडेक्स रैंकिंग है
04:29वो इंडिया से कहीं ज्यादा भैतर है.
04:31यानि कुवेट में आज के दिन जर्नलिस्ट को ज्यादा आजादी है बोलने की इंडिया के कमपैरिजन में भी.
04:37Anyways, मैं में टॉपिक से काफी जाधा डाइवर्ट हो गया.
04:39अपने उरिजिनल करंसी के टॉपिक पर वापस आते हैं.
04:42Early 1960s में कुवेटी दिनार को अंट्रिडूस किया जाता है नई कुवेट की सरकार के दौरा.
04:48और इसका प्राइस फिक्स किया जाता है at 13.33 INR to 1 कुवेटी दिनार.
04:541966 तक गल्फ रूपी सर्कुलेशन में रहता है लेकिन उसके बाद इंडियन सरकार को,
05:00इंडियन रूपी को डी वैल्यू करना पड़ता है कई रीजन्स की वज़ेसे.
05:03एक तो वार जेलनी पड़ी है इंडिया को, चाइना के साथ, पाकिस्तान के साथ.
05:07इन सारे रीजन्स को मैंने इस पुराने वाले वीडियो में एकस्प्लेइन किया था,
05:11वन रूपी, वन डौलर वाले में, कि क्यों एंडिया को, एंडियन रूपी को डी वैल्यू करना पड़ता है.
05:15लेकिन इस डी वैल्यूएशन की वज़े से, इन गर्फ कंट्रीज पर असर पड़ता है.
05:19और ये मजबूर हो जाती हैं, अपनी करंसीज क्रियेट करने पर.
05:22ओमान, कतर, यूआई, ये सारी कंट्रीज अपनी खुद की करंसीज क्रियेट करती हैं इसके बाद.
05:271975 में, कुवेटी दिनार का एक्शेंज रेट फिक्स कर दिया जाता है तुवा बासकिट अफ करंसी.
05:33अब फिक्स करना क्या होता है एक्शेंज रेट को, ये मैंने आपको सेम पिछले वीडियो में एक्षेंब किया था.
05:39बेसिकले तीन टाइप के एक्शेंज रेट होते हैं,
05:43फिक्स का मतलब है कि आप ये करंसी तीकना कर सकते हो।
05:48और उसके हसाब से आपकी करंशी की वैलियो उपरनीचे होती है।
05:51ज़ैसे, आप कहें दो में एक नई करंशी बनाता हूँ,
06:09इन दोनों के बीच का कॉंबिनेश।
06:10अब इंडियन रुपी भी फिक्स्ट एक्षेंज रेट पर था 1990s तक.
06:15इंडिया में जब एकानॉमी का लिबरलाइजेशन हुआ,
06:17उसके बाद ही इंडियन रुपी को फ्लोटिंग एक्षेंज रेट पर लाये गया.
06:21आज के दिन ज़्यादधर करण्सीज दुनिया में
06:24फ्लोटिंग एक्षेंज रेट पर हैं या मिक्स्ट एक्षेंज रेट पर हैं.
06:27With the exception of Gulf countries की जो करण्सीज हैं.
06:30जैसे की कुवेती दिनार जो आज के दिन तक
06:33फिक्स्ट एक्षेंज रेट पर काम करता है.
06:35ये किसी single currency के सात Οbreadh के साथ फिक्स्ट नहीं है
06:38मलिकि basket of currencies के साथ फिक्स्ट हैं.
06:40एक basket हैं catastrophøs केस में 30% dollar हैं,
06:4420% pound हैं,
06:45अलग-अलग proportion में अलग-अलग currencies हैं
06:47और उनकी combined ratio निकलती है.
06:50उसके साथ फिक्स कर रखा है कुवेती दिनार को.
06:52Obviously, अगला सवाल उठता है कि कुवेत ने आज के दिन तर
06:56क्यों अपनी करणसी को फिक्स रख रखा है?
06:58और एंडिया ने क्यों नहीं फिक्स कर रखा?
07:00इंडिया ने अपनी करणसी को क्यों floating exchange rate पर रख रखा है?
07:03क्या इसके फाइदे नुखसान है?
07:05अपनी करणसी को फिक्स करने का या peg करने का
07:08इसे peg भी कहा जाता है.
07:09नुखसान ये है कि आप किसी दूसरी करणसी के भरोसे बैठे रहोगे
07:13अपनी country की economy को लेकर.
07:15अगर आप अपनी करणसी को US Dollar के हिसाबसे peg करते हो
07:18तो कल कोई US Dollar कराश कर जाता है,
07:21US की economy गिर जाती है,
07:22तो आपकी देश की economy भी नीचे ही जाएगी.
07:25क्यूंकि आपकी करणसी US Dollar के हिसाबसे चल रही है.
07:28अब इस चीज़ को काफी हद तक avoid करने के लिए
07:30कुवेथ ने अपनी करणसी को एक basket of currencies के साथ peg कर दिया.
07:34सिर्फ US Dollar के साथ peg करने की जेगे.
07:36लेकिन अब दूसरी problem यह है
07:38कि जब आप अपनी करणसी को peg करोगे,
07:40तब आपको उस peg को maintain करके रखना पड़ता है.
07:43और maintain करने के लिए आपके पास
07:44sufficient supply of foreign exchange reserves होने चाहिए अपने देश में.
07:49Maintain करने का मतलब क्या है?
07:51देखो, किसी भी करणसी को
07:54जो market में supply और demand में changes आ रहे हैं, उसे जहेलना पड़ेगा.
07:58उसे avoid नहीं किया जा सकता.
08:00चाहिए आप floating exchange rate पर हो, चाहिए fixed exchange rate पर हो.
08:03बस फर्क यह है कि fixed exchange rate पर,
08:06जो भी supply और demand के forces आ रहे हैं,
08:08उन्हें counteract करने के लिए,
08:10आपकी सरकार को foreign exchange reserve को use करना पड़ेगा,
08:14अपनी करणसी की value को maintain रखने के लिए.
08:16जब इंडिया ने 1990s के टाइम में,
08:19Indian Rupee को floating exchange rate में shift किया था,
08:22उसके पीछे एक reason यही था,
08:23कि इंडिया के foreign exchange reserves इतने कम हो गए थे,
08:27कि वो सिरफ तीन हफ़ते के imports को support कर सकते थे.
08:30Floating exchange rate का यही फायदा रहता है,
08:32कि अगर देश में unemployment बढ़ रही है,
08:34एकानॉमी की खराब हालत है,
08:35तो Central Bank,
08:36पैसे की supply को control कर सकता है,
08:38बढ़ा सकता है,
08:39यह interest rate को कम कर सकता है,
08:41यह currency की value को कम कर सकता है,
08:43devalue कर सकता है,
08:45growth को revive करने के लिए.
08:47यह सब fixed exchange rate में possible नहीं है.
08:50तो इतने सारे नुखसान बता दिये,
08:51यहाँ पर मैंने fixed exchange rate सिस्टम के,
08:53लेकिन फिर भी यह सारी Gulf countries,
08:55क्यों इस system को आज के दिन भी इस्टिमाल करती हैं?
08:58इसके बीचे simple reason यह है, दोस्तो,
09:00कि इन country's की economy,
09:01oil के base पर चलती हैं.
09:03और जैसा हम सब जानते हैं,
09:04oil का price बहुत ही volatile है,
09:06बहुत ही तेजी से उपर, नीचे होते रहता है.
09:09अगर यह country's floating exchange rate का
09:12तो oil की supply और demand को देखकर,
09:14इन country's की करंसी है,
09:16वो भी बड़ी तेजी से उपर, नीचे होती रहेगी,
09:19value इनकी बड़ी तेजी से change होती रहेगी.
09:21और इसी चीज को avoid करने के लिए,
09:23इन्होंने fixed exchange rate का system
09:25आज के दिन भी इस्टिमाल कर रखा है.
09:27और foreign exchange reserve की Kuwait के पास
09:41one of the largest global reserve है oil का.
09:43और इस oil industry के basis पर ही,
09:45Kuwait अपने इस high value peg को maintain कर पाता है.
09:50अगर हम theoretically कहें,
09:52कि Kuwait अपनी करंसी को,
09:54एक और भी ज्यादा fixed exchange rate पर क्यों नहीं रखता?
09:57आज के दिन 250 रुपीज,
09:59one Kuwaiti Dinar के बराबर है,
10:01कुवेट ऐसा क्यों नहीं कहता कि,
10:031000 Indian Rupees एक Kuwaiti Dinar के बराबर होने चाहिए,
10:07हम इस level तक,
10:08अपनी करंसी के fixed exchange rate को ले जाएंगे.
10:11अब theoretically कहें,
10:12तो Kuwait ऐसा कर सकता है,
10:14लेकिन उस peg को maintain करना उतना ही मुश्किल हो जाएगा,
10:17उतने ही ज्यादा foreign exchange reserve की जरुवत पड़े.
10:20आज के दिन,
10:21बहुत सारे forces होते हैं,
10:25जिनको मैंने फिर से पुराने वीडियो में बताया था,
10:28इनके basis पर,
10:29जो भी करंसी की value निकल कर आ रहा है,
10:31उसके around ही,
10:33peg को maintain करना सही रहता है.
10:35Example के तोरपे,
10:36एक बड़ा factor है,
10:37Balance of Payments.
10:39जितना पैसा,
10:40Kuwait देश के अने लग रहा है,
10:52इसका मतलब है,
10:54कि बाहर के लोग,
10:55कहीं ज्यादा goods and services,
10:57देश के अंदर खरीदने लग रहे हैं,
10:58इंवेस्ट करने लग रहे हैं.
10:59तो करंसी की demand बहुत ज्यादा है,
11:01जिससे इसकी value बढ़ती है.
11:03वैसे दोस्तो,
11:04अगर हम इन करंसी की बातों में,
11:05Non-Government Owned Currencies को भी include कर लें,
11:08तो दुनिया की सबसे valuable,
11:10और सबसे महेंगी करंसी,
11:12Actually में होगी,
11:13Bitcoin.
11:14क्योंकि,
11:15एक Bitcoin की आज के दिन value है,
11:17Almost 34 Lakh Rupees.
11:19और बाकि और करंसी के comparison में,
11:21Bitcoin की value इतनी ज्यादा क्यूं है?
11:23Same reason की वज़ेसे,
11:26लोग इसे actually खरीदना चाहते हैं.
11:28दिन परती दिन,
11:29Cryptocurrency की जो adoption है,
11:31वो बड़ी तीजी से बढ़ रही है.
11:32पिछले साल ही estimate किया गया था,
11:346.6 Billion Dollars,
11:36Cryptocurrency में invest किये गए थे,
11:38दुनिया भर के लोगों के द्वारा.
11:40और जैसे जैसे,
11:41दुनिया भर की सरकार इसे और accept करती जा रही हैं,
11:44जैसे की,
11:45अपने देश में ही,
11:46एक Crypto Bill present किया जा सकता है,
11:48पारलेमेंट में जल्द ही,
11:49और RBI ने तो already order दे दिया है,
11:51बैंक को,
11:52कि Crypto Transactions को continue रखा जाये.
11:54वैसे-वैसे ही,
11:55और लोग motivate हो रहे हैं,
11:58अपने देश में ही,
11:59करीब couple of crore लोग,
12:01इंवेस्ट कर चुके हैं,
12:02Crypto में.
12:03इंवेस्ट शब्द यहाँ पर,
12:04बहुत ही critical है,
12:05ध्यान दीजिये इस पर,
12:06क्योंकि,
12:07एक currency में इंवेस्ट करना,
12:08Cryptocurrency और Bitcoin,
12:09यह आने से पहले,
12:10किसी ने ज्यादा सोचा नहीं था इसके बारे में,
12:12कि हम currencies को खरीदेंगे,
12:14इंवेस्ट करने के लिए.
12:15आंतोर पर,
12:16आप currencies का इस्तेमाल करते हैं,
12:17day-to-day life में.
12:18लेकिन, आज के दिन,
12:19जिस तरह से,
12:20Cryptocurrency आगे बढ़ रही है,
12:21दुनिया में,
12:22देखकर तो ऐसी लग रहा है,
12:23कि लोग इसे,
12:24Asset की तरह ज्यादा देखते हैं,
12:25Currency की तरह कम देखते हैं.
12:27और ये एक ऐसी Investment है,
12:29जो बहुत रिस्की है.
12:30बहुत-बहुत ज्यादा रिस्की है,
12:31क्योंकि,
12:32ये Oil के प्राइस से भी,
12:34लेकिन शायद यही रीजन है,
12:36कि लोगों को इसमें,
12:37इंवेस्ट करना भी इतना पसंद है.
12:38अपने टॉपिक पर वापस आये,
12:39तो Conclusion में,
12:40मैं एक और चीज आपको बताना चाहूँगा,
12:42हमेशा याद रखिए,
12:43कि Currency की जो वैलियो होती है,
12:45कोई इंडिगेटर नहीं है,
12:46कि एक देश की Economy कैसे प्रफॉर्म करने लग रहे है?
12:49Historically, एक British Pound,
12:51हमेशा ज्यादा वैलियोबल रहा है,
12:53एक US Dollar के Comparison में.
12:55लेकिन इसका मतलब ये नहीं,
12:56कि UK के Economy ज्यादा Strong है,
12:58या UK ज्यादा Powerful Country है,
13:00as compared to the US.
13:01बिल्कुल भी नहीं है ऐसा,
13:02हम सब जानते हैं,
13:03US एक ज्यादा बड़ी Economy है,
13:05UK के Comparison में.
13:06और आज के दिन,
13:07US से ज्यादा Powerful Country है,
13:09UK के Comparison में.
13:10और यही रीजन है, दोस्तों,
13:11कि दुनिया की सबसे महंगी करंसी
13:13रखने के बावजूद भी,
13:14कुवेट आज के दिन,
13:16एक Economic Crisis से गुजर रहा है,
13:18जो कि शुरू होई थी,
13:19COVID-19 पैंडेमिक की वज़ेस से,
13:21Oil Prices क्रैश कर गए थे,
13:23और काफी समय तक,
13:24Oil Prices इतने नीचे रहे,
13:26कि कुवेट अब Loss में जा रहा है,
13:28कुवेट के अंदर,
13:29कोई Personal Income Tax नहीं है,
13:30उपर से कुवेट एक ऐसा देश है,
13:32जो अपने Citizens की देखभाल के लिए,
13:34बहुत पैसा Spend करता है,
13:35कुवेट में लोगों को,
13:36Free Healthcare,
13:37Free Education,
13:38Cheap Electricity,
13:39Cheap Gasoline,
13:40इसके लावा,
13:41बहुत सारे Benefits,
13:42और Subsidies दी जाती हैं,
13:44लेकिन अब सरकार के पास,
13:45कमाई का कोई जरिया नहीं बचा है,
13:47जब Oil Price इतना लो चल रहा है.
13:49कोशिश करी जा रही है,
13:50सरकार के द्वारा,
13:51लोगों के द्वारा भी demand करी जा रही है,
13:52कि सरकार Diversify करे,
13:54अपने Revenue Sources को.
13:55अलग-अलग तरीके दूंडे,
13:57Renewable Energy में Invest करने के लिए,
14:00यह देखने वाली बात होगी,
14:02कि आने वाले टाइम में,
14:03कुवेट कैसे इस Crisis को ओवर कम करेगा?
14:29कुवेट कैसे इस Crisis को ओवर कम करेगा?