Dhruv Rathee - The Secret of Nuclear Submarines | World's Most Ex..

  • 2 months ago
Join Dhruv Rathee in a fascinating exploration of the mysterious world of submarines. In this video, we dive deep into the ocean's depths to uncover how these incredible underwater vessels operate. From witnessing a dramatic missile launch to understanding the advanced technology that powers nuclear submarines, we'll learn about the intricacies of submarine mechanics and their strategic importance in global defense. Discover the unseen world beneath the waves and learn how submarines have become one of the most formidable and stealthy machines in human history. Tune in to unravel the secrets of submarine technology!

Clarification: This video claims that Arihant Class submarine originated from Russia. It is to clarify that only the initial design was influenced from Russian technology and Russia provided some technical assistant with it but the submarine themselves have been designed and made in India.
Transcript
00:00नमस्कार दोस्तों, इमाजिन करो आप समुद्र में एक नाओ पर खड़े हो।
00:04समुद्र की साफ सुहाणी हवा का आनंध उठा रहे हो।
00:07तभी अचानक से आपको ये दिखाई देता है।
00:15एक भयंकर मिसाईल पानी के अंदर से बाहर निकलती है।
00:18और ये कोई चोटी मोटी मिसाईल नहीं है।
00:20ये एक न्यूक्लियर मिसाईल है जो धरती के दूसरे कोने में एक न्यूक्लियर स्ट्राइब कर सकती है, हजारों किलूमेटर दूर।
00:27इमाजिन करने की जरूत नहीं क्योंकि आज के दिन पॉसिबल है सब्मरीन्स की वजजस।
00:31ये जो वीडियो आप ने देखा, ये US नेवी के दूरा कंड़क्ट किया गया Trident 2 मिसाईल का टेस्ट था।
00:37जिससे लॉंच किया गया एक US Ohio क्लास सब्मरीन्स से।
00:41Trident 2 की ये मिसाईल सब्मरीन लॉंच बेलिस्टिक मिसाईल यानी SLBM की कैटेगरी में आती है।
00:46ये दुनिया के सबसे खतरनाक हतियारों में से एक है।
00:49इन SLBM की एस्टिमेटेड यील्ड 475 किलो टन्स है।
00:53इसे आप compare करो हिरोशिमा पर गिराए गए न्यूक्लियर बॉम से जिसकी यील्ड 12-13 किलो टन्स थी।
00:59आज के जमाने में ऐसे हतियारों को सब्मरीन्स में रखा जाता है।
01:02और ये सब्मरीन्स घूम रही हैं दुनिया के समद्रों में,
01:05Highly Classified Secret Locations में।
01:08आज के इस वीडियो में आईए इन सब्मरीन्स को गेहराई से समझते हैं,
01:11क्या है इनके पीछे की टेकनोलोजी और ये exactly कैसे काम करती है।
01:28दोस्तो सभी सब्मरीन्स एक basic principle पर काम करती हैं,
01:30जिसे Archimedes principle कहा जाता है।
01:33बड़ा simple concept है, आपने इसके बारे में school में भी पढ़ा होगा।
01:36जब भी कोई object पानी के अंदर डूबता है,
01:39उसके उपर एक force लगता है, जिसे buoyant force कहा जाता है।
01:42और ये force उतना ही होता है जितना वजन इस fluid का displace हुआ इस object के डूबने से।
01:48जब submarine का खुदका वजन उतना ही होता है जितना पानी उसने displace किया,
01:52तो submarine एक neutral buoyancy के level पर होती है।
01:55इसका मतलब, पानी में वो एक constant depth पर रहेगी।
01:58जब submarine को पानी के अंदर डूबाना हो,
02:00तो उसपर लगने वाला gravitation force ज्यादा होना चाहिए, buoyant force से।
02:04इसके लिए इस्तेमाल किया जाता है ballast tanks का।
02:07ये दो tanks हैं जो आमतोर पर submarine के दो ends में लगे होते हैं।
02:11जब submarine surface पर होती है, तो इनमें हवा भरी जाती है,
02:14जिसकी मदद से वो float कर पाती है।
02:16पानी के अंदर ले जाने के लिए इन ही ballast tanks को पानी से भरा जाता है,
02:19ताकि submarine का वजन बढ़े और वो अंदर डूबने लगे।
02:23ऐसे case में हम कहेंगे यहाँ पर negative buoyancy है।
02:26तो एक submarine की depth यहाँ पर control करी जाती है,
02:29ballast tanks में water level एज्जस्ट करके।
02:32यह तो हो गई vertical movement उपर नीचे जाने के लिए।
02:35अब पानी के अंदर अगर side में मुड़ना है,
02:37तो इसके लिए एक rudder का इस्तिमाल किया जाता है,
02:40जो कुछ ऐसा दिखता है, इसे vertical rudder कहा जाता है,
02:43और इससे horizontal movement possible है पानी के अंदर।
02:47एक similar rudder लगाए जाता है,
02:48boats, ships और even हवाई जहाज में भी।
02:51इसके बाद आगे पीछे जाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है,
02:54propeller का, जो की basically ये पंखाये घूंते हूँ।
03:00अब पानी के अंदर घूंते हुए, रास्ता धूनने की भी जरूत होती है,
03:03और उसके लिए इस्तिमाल किया जाता है sonar technology का.
03:06Sonar technology साउंड पर रिलाय करती है, आवाज पर.
03:10मोटे-मोटे तौर पर दो तरीखे की sonar technologies होती है,
03:13active sonar और passive sonar.
03:15Active sonar में submarine की तरफ से साउंड निकाली जाती है,
03:18तो आवाज पानी के अंदर travel करके, किसी चीज से टकरा कर,
03:22वापस reflect होके submarine तक पहुँचती है.
03:24उस time से distance calculate किया जाता है,
03:27जिससे अंदाजा लग पाता है कि submarine कहाँ पर है,
03:29आगे क्या चीज मौजूद है.
03:31Passive sonar में submarine अपनी तरफ से कोई आवाज नहीं निकालती,
03:34कि बाकि और enemy submarines को detect करने के लिए.
03:37उनकी engine की sound, उनके propeller की आवाज को पकड़ा जाता है,
03:41और उस से अंदाजा लगाय जाता है,
03:43कि वो enemy submarine कितनी दूर है.
03:45इस sonar technology से पानी के अंदर मौजूद marine life,
03:48whales और dolphins पर एक बुरा असर पढ़ता है,
03:50क्योंकि whales और dolphins भी sonar का इस्तिमाल करती हैं,
03:53एक दूसरे से communicate करने के लिए.
03:55तो इसी के चलते कुछ submarines में नई technologies यूज़ करने की भी कोशिश करी जा रही है,
03:59जैसे की LIDAR की technology.
04:01इसका full form है Light Detection and Ranging.
04:03Basically, light का इस्तिमाल किया जाता है, distance estimate करने के लिए.
04:07ये technology कई latest smartphones पर भी आपको मिल जाएगी आज के दिन.
04:11दूसरे एक option है Radar की technology, Radio Detection and Ranging.
04:15पानी के उपर और aeroplanes के दुआरे इसी का इस्तिमाल किया जाता है.
04:19Radio waves के जरीए distance detect किया जाता है,
04:22लेकिन पानी के अंदर ये unfortunately काम नहीं करता है,
04:24क्योंकि Radio waves पानी के अंदर unfortunately ज्यादा travel नहीं कर पाती.
04:28तीसरा कुछ नई technologies है जिन पर काम चलने लग रहा है,
04:31जैसे की MRS, Magnetic Anomaly Detection System,
04:34या Gravitational Anomaly Detection,
04:36लेकिन कुल मिला कर बात ये है कि आज के दिन,
04:38जियातर सब्मरीन सोनार की technology पर काम करती है.
04:41और इसके लिए किसी भी सब्मरीन पर एक नहीं,
04:43बलकि धेर सारे सोनार sensors लगे होते हैं उसके चारो तरफ.
04:46Continuously उन सब से data collect करके monitor किया जाता है,
04:49ये ensure करने के लिए,
04:50कि सब्मरीन के आगे कोई obstacles या hazards तो नहीं है.
04:53इससे आपको importance पता चल जानी चाहिए Data Science की.
04:57चाहे space हो, धरती हो, या पानी के अंदर हो,
05:00Data Science की ज़रूरत almost हर field में पड़ती है.
05:03इसलिए कोई हरानी की बात नहीं कि Data Science आज के दिन,
05:05one of the most lucrative career options बन चुका है.
05:08और इस Data Science की field में,
05:09अगर आप अपने आपको upskill करना चाहते हैं,
05:12तो scalar.com एक बहुत ही बढ़िया option है,
05:14जो कि आज के वीडियो के sponsor भी है.
05:16Scalar एक Online Tech Learning Academy है,
05:19जो Software Development, Data Science और Machine Learning में
05:21प्रोग्राम्स ओफर करती है.
05:23ये Top Tech कम्पिनी से Industry Experts लेकर आते हैं,
05:26Learners को Guide और Mentor करने के लिए.
05:28और अगर आप इनके through पढ़ेंगे,
05:29तो आपको डेली 3 घंटे की learning मिलेगी,
05:31with access to over 80 real world case studies.
05:34Scalar का दावा है,
05:35कि जिन learners ने मेहनत करके अपना course
05:37complete किया scalar के साथ,
05:38उन्होंने on average 126% का salary hike देखा.
05:42और ये ये भी कहते हैं,
05:43कि 93.5% scalar के learners को place किया गया है,
05:47Top Tech Companies में,
05:48जैसे कि Google, Facebook, Flipkart, Myantra, Amazon और Zomato.
05:52ये एक easy EMI option भी offer करते हैं,
05:54दो साल के लिए,
05:55जिसमें 0% interest है.
05:57तो अगर आपको लगता है,
05:58कि ये आपके लिए useful हो सकता है,
05:59आपके career को grow करने के लिए,
06:00इनकी website जाकर check out करिये,
06:02इसका link नीचे description में मिल जाएगा.
06:05आप एक free live class लेकर भी देख सकते हैं,
06:08उसका भी link नीचे description में है.
06:10अब submarine के अंदर एक नज़र डालते हैं,
06:12अंदर क्या कुछ मौझूद है?
06:14टिपिकली एक आम military submarines में,
06:16तीन levels होते हैं,
06:17जिनने तीन decks कहा जाता है.
06:19मैं इस वीडियो में mostly,
06:20military submarines पर ही focus करूँगा,
06:22क्योंकि जियादधर submarines,
06:23आज के दिन जो दुनिया में exist करती हैं,
06:25वो military submarines हैं.
06:26बाग़ी जो research और tourism के लिए submarines होती हैं,
06:29उनके design अलग-अलग हो सकते हैं.
06:30जैसे कि ये Titan submarine थी,
06:32कुछ महीने पहले famous होई थी,
06:34अपने हाथसे की वज़ेसे.
06:35इसको समझना है,
06:36तो इसपर मैंने एक अलग से वीडियो बनाया था,
06:38उस वीडियो को जाकर देख सकते हो,
06:39लिंक description में है.
06:40लेकिन military submarines पर आये,
06:42तो सबसे उपर के deck पर usually रखे होते हैं,
06:44torpedoes,
06:45जोकि हैं हतियार.
06:47सबसे नीचे,
06:48battery rooms होते हैं,
06:49जिससे बिजली मिलती है submarine को,
06:51नीच में diesel machine होती है,
06:53motor room और एक nerve center,
06:55जिससे control room कहा जाता है.
06:57Typically control room के उपर एक
06:59conning tower भी मिलेगा आपको.
07:01Conning tower क्या है?
07:02ये एक submarine का attack center है.
07:04बहुत सी equipment यहाँ पर मौझूद है,
07:06जैसे कि periscopes,
07:07जिसके थुरू देखा जा सकता है,
07:09आगे की तरफ.
07:10Electronic antennas यहाँ से गुधरते हैं,
07:12arms यहाँ से गुधरती है,
07:13और usually इस conning tower को ही
07:15entrance और exit के लिए इस्तिमाल किया जाता है.
07:18लोगों को submarine के अंदर जाना है,
07:20और भार निकलना है,
07:21तो यहीं से ही होता है.
07:22Torpedos रखे जाते हैं,
07:23torpedo tubes के अंदर,
07:25और ये basically self propelled
07:27underwater missiles हैं.
07:28एसी cylindrical सी missiles हैं,
07:30जिन्ने इन cylindrical tubes के अंदर रखा जा रहा है.
07:36Modern submarines में,
07:37torpedoes submarines के आगे,
07:39front में रखे जाते हैं.
07:40लेकिन अगर आपको याद हो,
07:412017 की Bollywood फिल्म,
07:43Ghazi attack जो आई थी,
07:44जिसमें submarine दिखाई गई थी,
07:46जहाँ पर torpedoes front में भी थे,
07:48और back में भी थे.
07:49क्योंकि उस जमाने में,
07:50जो powerful submarines होती थी,
07:51उनमें torpedoes दोनों जगह लगाए जाते थे,
07:53आगे और पीछे.
07:54क्योंकि उस जमाने में,
07:55torpedoes सिरफ straight line में travel कर सकते थे.
08:02एक interesting चीज़ यहाँ पर यह है,
08:04इन torpedo tubes का इस्तिमाल किया जाता है,
08:06emergency escape करने के लिए submarines से.
08:09लेकिन actually में,
08:10इनके थुर escape करना कोई आसान काम नहीं है.
08:12क्योंकि इन tubes का diameter सिरफ 12.75 inch होता है,
08:16आम तोर पर light torpedoes के लिए.
08:18और बड़े जो heavy torpedoes होते हैं,
08:19उनके लिए 21 inch होता है.
08:20तो पहली चीज़ तो जगह ही इतनी कम है,
08:22दूसरा आपको एक 23 kg का escape suit भी पहनना होता है,
08:25क्योंकि जब समुंदर के इतने नीचे मौजूद होगे,
08:28अगर ऐसे ही बाहर निकल के उपर तैरने की सोच रहे हो,
08:31तो ये मत सोचना,
08:32क्योंकि पूरा जो पानी का pressure है,
08:34वही आपको कुछल देगा.
08:35इंडिया का इकलोता Military Submarine Training Establishment मौजूद है विशाका पत्नम के शेहर में,
08:50जिसका नाम है INS सत्वाहना.
08:52यहाँ पे कई replicas बनाये गए हैं,
08:54टॉर्पीडो ट्यूब्स के,
08:55जहाँ पर हमारे officers training करते हैं,
08:57और practice करते हैं,
08:58ये emergency escape की.
08:59अब बात करते हैं,
09:00Power Source की,
09:06मेंली दो types हैं submarines की इंडिया में,
09:08Conventional Submarines और Nuclear Submarines.
09:10Conventional Submarines में,
09:12बड़ी electrical batteries का इस्तिमाल किया जाता है,
09:14जिनने हर 2-3 दिन में recharge करना पड़ता है,
09:17जैसे की,
09:18गाड़ी की जो batteries होती हैं,
09:19गाड़ियों में जो electric batteries लगे होती हैं.
09:21इस battery को recharge करने के लिए,
09:23एक diesel engine की जरूत होती है.
09:25लेकिन एक diesel engine को काम करने के लिए,
09:27oxygen की जरूत पड़ती है,
09:29जो की हवा में मौझूद है.
09:30अब आप सोचोगे की,
09:31लेकिन submarines तो पानी के अंदर operate करती हैं,
09:33बिल्कुल सही बात है,
09:35इसलिए जब भी,
09:36submarine को अपनी battery recharge करनी पड़ती हैं.
09:39तो इन्हें diesel engine चलाने के लिए,
09:40पानी के उपर आना पड़ता है.
09:45लेकिन ये problem,
09:46nuclear submarines में नहीं होती है,
09:48क्योंकि nuclear submarines,
09:49diesel engine की जगह,
09:50एक nuclear reactor का इस्तिमाल करती हैं,
09:52बिजली generate करने के लिए.
09:54तो nuclear submarines,
09:55पानी के अंदर,
09:57लेकिन वहाँ फिर limitation आ जाती है,
09:59human factor की विजए से.
10:00Submarine के अंदर,
10:01जो लोग हैं,
10:02उन्हें खाने की जरुवत होती है.
10:03तो जितना खाना और राशन,
10:04उस submarine के अंदर मौजूद है,
10:06उतने ही time तक,
10:07वह पानी के अंदर रह सकती है.
10:08अब एक submarine की बनावट को देखें,
10:10तो बहार की जो layer होती है submarine पर,
10:12वह usually rubber की होती है.
10:14इसके बीचे कारण बढ़ा simple है,
10:15कि rubber,
10:16sound को बढ़ी अच्छी तरीके से absorb करती है.
10:18इससे होता क्या है,
10:19पानी के अंदर,
10:20submarines को detect करना मुश्किल हो जाता है.
10:22अब usually,
10:23कोई भी military यही चीज़ चाहेगी,
10:25कि हमारी submarine,
10:26दुश्मनों की submarines को ना दिख सके.
10:28तो जो भी आप photos देखते हो,
10:29submarines की,
10:30बहार की है,
10:31जो black-black की layer है,
10:32यह rubber की बनी है.
10:33अब rubber के अंदर,
10:34जो submarine की main body है,
10:35उसे hull कहा जाता है.
10:37और typically,
10:38दो type के hulls होते हैं.
10:39Single Hull और Double Hull.
10:41Single Hull submarines में,
10:42सिर्फ एक layer होती है main body की.
10:44और Double Hull submarines में,
10:45दो main body की layers होती हैं.
10:47इस Double Hull design में,
10:48अकसर जो ballast tank होता है,
10:50वो अलग से नहीं होता,
10:51बल्कि इन दो layers के बीच में ही,
10:52पानी भर दिया जाता है.
10:54तो यही ballast tank की तरह,
10:55एक्ट करता है.
10:57Double Hull को obvious फाइदा यह है,
10:58कि एक extra layer है protection के लिए,
11:00अगर submarine किसी चीज़ से टकराती है,
11:02तो जियादर secure रहेगी.
11:04जितनी भी modern military submarines हैं,
11:06वो जियादर Double Hull submarines ही होती हैं.
11:08इससे water pressure से बचने में भी फाइदा मिलता है.
11:11Titan submarine का हाथसा याद है,
11:12जिसमें submarine बिल्कुल,
11:13पूरी crush हो गए थी water pressure में.
11:15पानी के surface पर जो pressure होता है,
11:17वो one atmosphere होता है.
11:18Basically,
11:19एक kilogram per centimeter square.
11:21लेकिन जैसे-जैसे पानी के नीचे जाते रहते हो,
11:23pressure बढ़ता है.
11:24हर 10 meters depth पर,
11:26pressure एक kilogram per square meter से बढ़ता है.
11:28आम तोर पर military submarines
11:30design करी गई है,
11:31up to 300-400 meter depth में travel करने के लिए.
11:35कुछ submarines पानी के अंदर
11:36500 meter की गहराई पर भी operate कर सकती हैं.
11:38इस depth पर pressure 50 atmospheres हो जाता है.
11:41यानि 50 गुना ज्यादा surface से.
11:44जाहिर सी बात है,
11:45बड़े मजबूत materials की जरूत होगी,
11:47hulls बनाने के लिए.
11:48और सही material का ना इस्तिमाल किया जाना
11:50कारण बन सकता है,
11:51हादसे के पीछे,
11:52जैसा Titan submarine के साथ हुआ थी.
11:55So military submarines,
11:56high quality steel alloys का इस्तिमाल करती हैं,
11:59जिसमें steel mix किया जाता है,
12:01titanium, carbon, aluminium और बाकिया
12:03और elements के साथ.
12:04एक submarine को design करना
12:06बहुत ही complex चीज है.
12:07एक diesel electric submarine को design करने में
12:09typically 10 साल का समय लगता है.
12:11और nuclear submarine को minimum
12:1315-17 साल का समय लगता है,
12:15designing में सिर्फ.
12:16यही कारण है कि इंडिया में अभी भी
12:18हम अपनी submarines को
12:19खुछ से design नहीं करते हैं.
12:21Design को outsource किया जाता है,
12:22बाकिया और देशों को.
12:23जैसे कि रशिया, जेर्मनी या फ्रांस के
12:25designs का हम इस्तिमाल करते हैं.
12:27लेकिन बनाने का काम submarines को
12:29हम खुछ से जरूर करते हैं.
12:31इंडिया की पहली made in India submarine थी
12:33INS Shalki, जिसे launch किया गया था
12:35साल 1987 में
12:37under Prime Minister Rajiv Gandhi.
12:39इस submarine को Indian Navy ने commission कर लिया था
12:41साल 1992 में.
12:43अब अगर आप Indian Navy की website पर जाएंगे
12:45तो आपको दिखेगा कि submarines की
12:47अलग-अलग categories exist करती हैं
12:49जिनने classes में divided किया गया है.
12:51इंडिया में टोटल में चार classes हैं.
12:53सिंधु गोश, शिशु मार,
12:55कलवरी, और अरिहंट.
12:57इन में से पहली
12:59तीन classes conventional submarines की हैं.
13:01सिंधु गोश class Russian Diesel Powered
13:03EKMs हैं.
13:05शिशु मार class में German
13:07SSKs हैं. और कलवरी class
13:09नई French Designed और
13:11Indian Built Scorpions हैं.
13:13यहाँ पर EKM, SSK और Scorpions
13:15यह वो नाम हैं जो बाकी और
13:17देश इन submarines को देते हैं. लेकिन हम
13:19इन submarines के लिए इन तीन classes
13:21का नाम इस्तिमाल करते हैं. तो इजो
13:23classes है submarines की इन्हें गाडियों की
13:25अलग-अलग models की तरह समझ लो. सिंधु गोश
13:27में साथ submarines हैं. शिशु मार
13:29में चार submarines हैं और कलवरी class में
13:31पांच operational submarines हैं.
13:33इन सब के नाम और details आप
13:35Indian Navy की website पर चेक कर सकते हैं.
13:37इसका link मैं नीचे description में डाल दूँगा.
13:39और इनके बाद आती है Nuclear
13:41submarine की category जिसे एंडिया
13:43ने नाम दिया है Arihant class.
13:45और इस वक्त हमारे पास दो active
13:47nuclear submarines हैं इस class में.
13:49और दो और submarines हैं जो बनाई
13:51जा रही हैं विशाका पटनम में.
13:53Arihant class की submarines एक ballistic missile
13:55को carry कर सकती हैं. Ballistic missile
13:57self-guided missile है जिस पर एक
13:59nuclear bomb भी लगाया जा सकता है.
14:01INS Arihant इस वक्त
14:03presently armed है K-15
14:05submarine launched ballistic missile से.
14:07ये एक SLBM है जिसकी बात
14:09मैंने शुरू में करी थी वीडियो के.
14:11इसकी range है 750 km to
14:131900 km.
14:15अगर हम बाकी developed countries की बात करें
14:17American Navy की Ohio class
14:19submarines दुनिया की सबसे
14:21powerful submarines में से हैं.
14:23America के बास टोटल में 18 Ohio class
14:25submarines हैं जिन में हर एक
14:27submarine में 24 Trident 2
14:29ballistic missiles carry करी जा सकती हैं.
14:31और एक एक Trident 2
14:33missile में potentially
14:3514 nuclear bombs रखे जा सकते हैं.
14:37इसलिए जब अमेरिका और रशिया
14:39ने कोशिश करी थी कि हम nuclear bombs
14:41अपने पास कम करेंगे तो
14:43START 1 agreement करी गई थी जिसमें
14:45कहा गया कि ये 14 की जगएं इस
14:47limit को कम करके 8 तक लाय जाए.
14:49START 1 यानी Strategic Arms
14:51Reduction Treaty पहली ट्रीटी थी
14:53पहली ट्रीटी थी
14:55पहली ट्रीटी थी
14:57पहली ट्रीटी थी
14:59पहली ट्रीटी थी
15:01पहली ट्रीटी थी
15:03पहली ट्रीटी थी
15:05पहली ट्रीटी थी
15:07पहली ट्रीटी थी
15:09पहली ट्रीटी थी
15:11पहली ट्रीटी थी
15:13पहली ट्रीटी थी
15:15पहली ट्रीटी थी
15:17इन सबमरीन के अंदर कितने लोग फिट बैठ सकते हैं?
15:20ये अक्शुली सबमरीन तो सबमरीन पर डिपेंड करता है
15:23और अक्शुल डेटा इन देशों ने
15:25कॉंफिडेंशल रखा है
15:27मिलिटरी रीजन्स की वज़े से
15:29पर जो एस्टिमेट है वो 50 से 80 तक का है
15:3150 से 80 लोग एक सबमरीन के अंदर रह सकते हैं
15:34एक न्यूक्लियर सबमरीन और भी बड़ी होती है
15:36तो न्यूक्लियर सबमरीन में
15:38रफली 100 लोगों की कपैसिटी होती है
15:40यहाँ वीडियो में आप देख सकते हो कि
15:42कितना बड़ा साइस हो सकता है इन सबमरीन का
15:44अन्बिलीवेबल है यह
15:46अगर आप इन सबमरीन को असल जिन्दी में देखना चाहते हैं
15:49तो विशाका पत्नम जाये क्योंकि
15:51वहाँ पर है एक सबमरीन मुजियम
15:53इस म्यूजियम में आप एक एक्स इंडियन नेवी सबमरीन देख सकते हैं
15:57आई एनेस कुसुरा जिसे कमिशन किया गया था
15:591969 में
16:01इस म्यूजियम की बात करें तो इसे इनौग्रेट किया गया था
16:03साल 2002 में बाई दी देन चीफ मिनिस्टर
16:05of Andhra Pradesh
16:07Mr. Chandrababu Naidu
16:09लेकिन इसके लाव अगर आपको सबमरीन के अंदर
16:11बैठने का experience चाहिए तो ये किया जा सकता है
16:13टूरिजम सबमरीन या
16:15रीसर्च सबमरीन के दुआरा
16:17आम तोर पर ये नॉन मिलिटरी सबमरीन पानी के इतना अंदर तक जाती नहीं है
16:20वो टाइटन सबमरीन एक exceptional case था
16:22डीप सी सबमरीन टूरिजम के लिए
16:24बहुत रेर होती है
16:26कुछ गिनी चुनी companies ही हैं यूरोप, यूसे और यूके में
16:28जो डाइव्स औफर करती हैं
16:30सबमरीन और सबमर्सिबल्स में
16:32Atlantis Company एक है ये Seaborn Company
16:35इसमें आप अलासका के जैसे जगहों पर जाकर
16:37Expeditions ले सकते हैं
16:39उमीद करता हूँ कई सारी नई चीज़े इस वीडियो से
16:41आपने सीखी होंगी
16:42केलर को चेक आउट करने का लिंक नीचे डिसक्रिप्षिन में
16:45और अब अगर आप Titan Submarine के हाथसे की कहाणी
16:47डीटेल में जानना चाहते हैं
16:49तो इस वीडियो को देख सकते हैं यहां क्लिक करके
16:51बड़ी ही दिल दहला देने वाली कहाणी है
16:53बहुत-बहुत धन्यवाद

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