Dhruv Rathee - The Hijab Controversy | Who is Right | Karnataka ..

  • 2 months ago
There is an ongoing controversy related to School Uniforms where some Muslim girl students of Udipi, Karnataka have been banned from wearing Hijabs in Schools. It resulted in many protests and counter-protests, where different people came with their own uniforms saying that it's their right to wear Saffron, or whatever they like. It has now taken the form of nationwide religious controversy. But what is the exact matter? Should we even care about Religion in Schools? Is this Secularism? What action did the government take? I talk about these things in this video and explain the entire Hijab Controversy.
Transcript
00:00लमस्कार दोस्तों!
00:01जब मैं स्कूल कॉलेज में था, हम स्टूडेंट्स को चिंता होती थी कि आज लंच में क्या खाना मिला है?
00:05यहाँ मेरे टेस्ट में कितने नंबर आए हैं?
00:07अगला पीरेड कौन सी टीचर का?
00:10आज के दिन, हालात इस हद तक नीचे गिर गए हैं
00:13कि देश के कुछ हेरियाज में स्टूडेंट्स अब रिलिजिन के नाम पर लड़ रहे हैं.
00:17इन स्टूडेंट्स को अब चिंता है कि यहाँ पर हिजाब किसने पहना है, भगवारंग किसने पहना है?
00:22इन स्टूडेंट्स को चिंता है किसके मूझ से यहाँ पर जैशरीराम निकल रहा है,
00:26किसके मूझ से अल्लाहु अखबर निकल रहा है?
00:28इस हद तक देश में डिविजिन फैल गया है.
00:31खबर में यह बताया जारा है कि कर्नाठका के कई स्कूल्स और कॉलेजिस में
00:34हिजाब को बैन कर दिया गया है, जिसकी वजय से
00:37कई लड़कियों को अब कॉलेजिस में एंटर नहीं करने दिया जारा है,
00:40पढ़ने नहीं दिया जारा है.
00:41उन्होंने इसके खिलाफ प्रोटिस्ट किया
00:43और उसके रिस्पॉंस में एक और काउंटर प्रोटेस्ट किया
00:46कुछ लड़कों ने सैफरन शॉल पहन कर.
00:48कुछ जगहां पर एँ प्रोटेस्ट नारे में बदले
00:50कुछ जगाओंपर कुछ लड़कियों को चेड़ा गया और कुछ जगाओंपर स्टोन पेल्टिंग तक देखने को मिली।
00:54हालात इस हद तक बिगढ़ गए कि करनाटका के चीफ मिनिस्टर ने फैसला लिया इन स्कूल्स और कॉलेजिस को तीन दिन तक बंद करने का।
01:01ये जो भी कुछ हुआ बहुत ही शर्मनाक था और इसे गहराई से समझने के लिए हमें इस मुद्धे की जड़ तक जाना पड़ेगा।
01:08सबसे पहले तो यहाँ पर एक हिजाब और एक बुर्के के बीच में डिफरेंस क्लियर कर लेते हैं।
01:12ये होता है एक हिजाब ये होता है एक बुर्का।
01:14जो लोग नहीं जानते हैं वो अकसर मिक्स अप कर देते हैं और ये डिफरेंस जानना बहुत ज़रूरी है
01:18क्योंकि बुर्का एक ऐसी चीज है जिसे कई देशों में बैन किया जा चुका है दुनिया भर के
01:22सेक्यॉरिटी रीजन्स की वज़ेस से
01:23इंक्लूडिंग कई मुस्लिम कंट्रीज में भी इसे बैन किया जा चुका है
01:26लेकिन हिजाब एक मुस्लिम्स के लिए हेड कवरिंग है और आज का ये वीडियो
01:30स्पेसिफिकली सिरफ हिजाब पर फोकॉस करेगा
01:33अब ये जो पूरा इशु है यहाँ पर जिसकी मीडिया में, सोशल मीडिया में चर्चा होने लग रही है
01:37इसे दो अलग-अलग सवालों में बाटा जा सकता है
01:40पहला सवाल ये कि क्या हिजाब सही है या गलत है
01:44और दूसरा सवाल ये, जो लड़कियां हिजाब पहनती हैं
01:47क्या उन्हें स्कूल, कॉलेज जाने से रोका जाना चाहिए?
01:50इन दो सवालों को दो अलग सवालों की तरह देखना बहुत जरूरी है
01:53क्योंकि यहाँ पर लोग इन्हें अकसर मिक्स-अब कर देते हैं
01:55इसके विज़े से confusion पैदा होता है और समाधान नहीं निकल पाता
01:59तो पहले हम पहले सवाल पर focus करते हैं
02:01क्या हिजाब सही है या गलत है?
02:03जो लोग हिजाब के favour में argue करते हैं,
02:06जो लोग support करते हैं हिजाब को पहनना,
02:07वो कहते हैं कि हिजाब हमारे tradition का, हमारी परंपरा का,
02:11और हमारे religion का एक बहुत ही एहम हिस्सा है
02:13और Indian Constitution में लिखा गया है
02:15कि every citizen has the right to practice and promote their religion peacefully.
02:19तो ये हमारा हक है हिजाब पहनना,
02:21हमारा right है Indian Constitution के according.
02:24अब Indian Constitution के हर right में कुछ reasonable restrictions होती हैं,
02:28General तोर पर बात करें तो किसी भी freedom की restrictions के पीछे reasons हो सकते हैं,
02:33कि India की sovereignty और integrity पर असर पढ़ रहा हो,
02:36India की security पर उससे असर पढ़ रहा हो,
02:38Public order को उससे ठेस पहुँच रही हो,
02:41contempt of court हो रहा हो,
02:42decency या morality को violated किया जा रहा हो,
02:44ये सारे reasons दिये जाते हैं,
02:46किसी भी freedom के पीछे restrictions लगाने को.
02:49लेकिन हिजाब पहना,
02:50क्या देश की security के लिए खत्रा है?
02:53नहीं.
02:53क्या morality के लिए बेकार चीज है,
02:56या decency उससे खराब हो रही है,
02:58Public order उससे तहस नहस हो रहा है,
03:00कुछ भी ऐसा नहीं हो रहा है.
03:01एक औरत के हिजाब पहनने से,
03:03किसी दूसरे को कोई चोट नहीं पहुँच रही है,
03:05किसी दूसरे की जिन्दी में कोई भी असर नहीं पढ़ रहा है.
03:07तो इसलिए ये ठीक है.
03:09दूसरी तरफ,
03:09इसके against में क्या arguments दिये जाते हैं?
03:13जो लोग हिजाब के against हैं,
03:14वो कहते हैं कि ये एक patriarchy का symbol है,
03:17ये एक patriarchy की निशानी है.
03:19ज्यादा तर औरते हिजाब इसलिए नहीं पहनती,
03:21क्योंकि वो पहनना चाहती हैं.
03:23बलकि इसलिए पहनती हैं,
03:24क्योंकि उनके अराण, उनका परिवार,
03:26उन्हें मजबूर करता है ये पहनने पर.
03:28अगर वो हिजाब नहीं पहनेगी,
03:30तो उन्हें अपनी community के अंदर
03:32included फिल नहीं कराया जाएगा,
03:33उन्हें हरैस किया जाएगा.
03:34उन्हें पर जबरदस्ती बनाई जाएगी,
03:36या फिर उन्हें बहुत ही निचली नजर से देखा जाएगा.
03:39ये similar चीज़ है जो कुछ लोग घूंगट के बारे में भी कहते हैं.
03:42और इस बात में भी दम है.
03:43क्योंकि कई देशों में हमें ऐसे प्रोटेस्ट देखने को मिलें,
03:46जहांपर हजारों के संख्या में औरते सढडको पर आ गई,
03:48compulsory हिजाब के against प्रोटेस्ट करने के लिए.
03:52इसका एक recent example है,
03:532017-19 के Iranian protests.
04:16औरते नहीं चाहती थी कि जबरदस्ती
04:20उनको हिजाब पहनने के लिए compulsory बनाए जाए.
04:24यहां जो argument है,
04:25वो है woman empowerment और freedom of choice को लेकर.
04:28अब unfortunate चीज़ यह है दोस्तों कि हमारे देश में,
04:30जो लोग सबसे ज्यादा against हैं हिजाब के,
04:32वो ना तो woman empowerment चाहते हैं,
04:34नहीं freedom of choice देना चाहते हैं.
04:36वो हिजाब के against बस इसलिए हैं,
04:38क्योंकि वो इस धर्म से बहुत ज़्यादा नफरत करते हैं.
04:40इसलिए वो अपनी dominance जतलाना चाहते हैं
04:43और अपनी मरजी थोपना चाहते हैं.
04:45इसका एक जीता जाकता उधारण आप इस वीडियो में देख सकते हैं,
04:48जहाँपर लड़कों ने एकखटे होकर,
04:50एक लड़की को छेड़ा, जो अकेली जा रही थी, हिजाब पहने.
04:53अगर यह लड़के सही में woman empowerment चाहते हैं,
04:55तो यहाँपर छीक-छीक कर धंकाने वाली भाषा में नहीं बात कर रहे होते हैं.
04:59लेकिन एनिवेज अगर हम अपने दो आर्ग्यूमेंट्स पर वापस आएं,
05:02दोनो आर्ग्यूमेंट्स में यहाँपर दम हैं,
05:04तो कौन यहाँपर सही है?
05:05सरकार के perspective से देखते हैं, एक सरकार का ultimate purpose क्या होना चाहिए?
05:10लोगों के प्रती सरकार की कोशिश होनी चीज़िए कि लोग ज्यादर से ज्यादा socially integrated हो,
05:15एक साथ मिल जुलकर रहे, unity में रहे, harmony में रहे,
05:19और at the same time, ज्यादा से ज्यादा freedom मिले लोगों को,
05:23आजाधी हो, कुछ भी करने की freedom of choice हो, as much as possible.
05:27अब ये पाने के लिए क्या किया जाये?
05:29लोगों को अपने religious कपड़े पहनने दिये जाये,
05:31ताकि लोग अपने religious symbols, अपने अलग-अलग type के कपड़े आराम से पहन सके,
05:35तब ज्यादा लोग socially integrated साथ में,
05:38खुशी से मिल जुलकर रहेंगे,
05:40या फिर लोगों को religious symbols completely ban कर दिये जाये,
05:43लोग एक तरीके के कपड़े पहने,
05:45अपने धर्म को, अपने कपड़ों में ना इस्तिमाल करें,
05:47तब ज्यादा लोग खुश रहेंगे.
05:49इसका कोई सीधा अंसर नहीं है, इसी रीजन की वज़ेसे,
05:51दुनिया के अलग-अलग देशों का
05:53अलग-अलग अप्रोच रहा है इस चीज को लेकर.
05:55Same with हिजाब,
05:57क्या यहाँ पर और्तों को आजादी दीजाए हिजाब पहनने की,
05:59लेकिन यह कैसे पता लगगा है
06:01कि यह और्ते अपनी मरजी से हिजाब पहन रहे हैं,
06:03यहाँ पर इनके परिवार के दुआरा,
06:05इनके कम्यूनिटी के दूआरा इने मजबूर नहीं किया जा रहा है,
06:07हिजाब पहनने के लिए,
06:09यह पता लगाना बहुत मुश्किल है,
06:11तो इसी रीजन से, अलग-अलग देशों के अलग-अलग अपरोचेज,
06:13और अलग-अलग टाइब का सेक्योलरिजम,
06:15सेक्योलरिजम का भुन्यादी तौर पर मतलब होता है,
06:17धर्म निर्पेक्ष्टा,
06:19इस फिलॉसवी की शुरुवात अक्शुली में यूरोप में होई थी,
06:21एक ऐसे समय में,
06:23जब चर्च और उस समय के जो राजा-महराजा थे यूरोप में,
06:25दोनों साथ में मिलकर,
06:27एक तरह से सरकार का काम करते थे,
06:29उन देशों में जो उस वक्त होते थे,
06:32तो चर्च की बहुत सुनी जाती थी,
06:34गवर्मेंट मैटर्स में, स्टेट अफेर्स में,
06:36और इस चीज को हटाने के लिए,
06:38सेकिलरिजम का कॉंसेप्ट आया,
06:39कि चर्च और स्टेट को एक दूसरे से अलग रखा जाएगा,
06:42जो चर्च है,
06:43वो गवर्णिंग अफेर्स में इंटरफेर नहीं करेगा, डे-टु-डे,
06:46और जो स्टेट है, वो रिलिजिस अफेर्स में इंटरफेर नहीं करेगा.
06:49इस चीज की बात मैं डीटेल में,
06:51फ्रेंच रेविलिजिन वाले वीडियो में करूँगा,
06:54इसी महिने बाद में रिलीज होगा, तब जा कर उसे देख लेना.
06:56लेकिन इसका कॉंसिक्वेंस क्या हुआ?
06:58कि जो भी पब्लिक इंस्टिटूशन था एरोपियन देशों में,
07:01कहा गया कि वहाँ से रिलिजिन को बिलकुल निकाला जाये,
07:04दूर रखा जाये.
07:05Media, Public Schools, Colleges, Bureaucracy, Political Parties, इन सब में रिलिजिन का कुछ नहीं होना चाहिए.
07:12दूसरी तरफ, इंडिया में जो सेकेलरिजम का कॉंसिप्ट आया वह इससे काफी अलग था.
07:16इंडिया में चर्च की कोई इंटरफेरेंस नहीं थी स्टेट अफेर्स में,
07:19बल्कि इंडिया में टॉलरेंस और को-एक्सिस्टेंस की विचार धाराएं काफी टाइम से अपने आप ही देखने को मिली थी.
07:26भारत की जमीन पर जैनिजम, बुद्धिजम, सिक्खिजम, इसलाम, क्रिश्शैनिटी सब ने कदम रखा.
07:31और more or less सब साथ में मिलकर रहें.
07:33सुफी और भक्ती मुवमेंट्स थी, जिनोंने लोगों के भाईचारे को बढ़ाया एक दूसरे के साथ.
07:38लोगों को प्यार से रहना सिखाया.
07:40इसके पीछे कई लोगों को क्रेड़िट जाता है.
07:42इंक्लूडिंग बाबा फरीज, संथ, कबीरदास, गुरु नानक, मीरा बाई, और इवन अकबर जैसे राजा.
07:48इनी सब reasons की वज़े से जो Indian version of secularism बना, वो इस आधार पर बना कि सारे धर्म एक बराबर हैं.
07:54सबको equality दी जाये और हम unity in diversity में रहें.
07:58इस idea के पीछे महात्मा गांधी जी का काफी influence रहा था.
08:01उन्हें लगता था कि India एक highly religious society है, यहाँ पर लोग धर्म को बहुत follow करते हैं.
08:07और French version of secularism यहाँ पर implement करना possible नहीं हो पाएगा.
08:11इस लिए हमें इस तरह का secularism implement करना पड़ेगा,
08:14कि जहाँ पर लोग अपने धर्म को follow कर सकें,
08:17एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रह सकें.
08:19तो इसका consequence हमें क्या देखने को मिला,
08:21कि India और America जैसे देशों में,
08:23जिस तरह का secularism practice किया जाता है,
08:26उसे soft secularism कहा जाता है.
08:28कि state, जो सरकार है,
08:30वो religion से completely दूर नहीं रहेगी,
08:32बलकि interfere करेगी,
08:34लेकिन सारे धर्मों को equally support करके,
08:37religious activities को support करेगी,
08:39लेकिन equally.
08:40यही reason है कि हम इसके कुछ उधारण होते हूँ देखते हैं,
08:43कि Haj pilgrimage पर Indian सरकार भेजती है लोगों को,
08:46Amarnath Shrine Board की formation करती है,
08:48और इसका एक और बड़ा example होगा,
08:50recent times में दिल्ली सरकार की तीर्थ यातरा योजना,
08:54जिसमें हर धर्म के लोग,
08:55pilgrimage कर सकते हैं,
08:57अपनी sacred pilgrimage site पर,
08:59और इसके लिए सरकार पैसे देने लग रही है,
09:01सरकार basically promote करने लग रही है,
09:03एक तरीके से religion को,
09:04सारे religion को equally promote कर रहे हैं,
09:06इसलिए फ्रांस और कई European देशों में,
09:08जिस तरीके का secularism practice किया जाता है,
09:10उसे कहा जाता है hard secularism,
09:12या फिर negative secularism,
09:14सरकार बिल्कुल religion को दूर रखना चाती है,
09:17हर public institution से,
09:19इसलिए किसी भी तरीके की religious dress,
09:21किसी भी तरीके का religious symbol,
09:24तो फ्रांस जैसे देशों ने,
09:26स्कूल में हिजाब को ban कर रखा है,
09:28और जो European Union का highest court है,
09:30उन्होंने कह रखा है,
09:32कि European देशों में,
09:33employers की मरजी है,
09:34अगर वो चाहे,
09:35तो अपनी workplace पर भी,
09:37हिजाब को ban कर सकते हैं,
09:38तो एक company इसके उपर छोड़ दिया गया है,
09:40फ्रांस में वैसे ये चीज इस हद तक है,
09:42कि आज से करीब साथ साल पहले,
09:44एक ऐसा case हुआ था,
09:45Friends school में,
09:46पोर्क सर्व किया जा रहा था लोगों को,
09:48students को, बच्चों को,
09:49और Muslim लोग वैसे पोर्क नहीं खाते यहां पर,
09:53लेकिन उस दिन,
09:54दिन खाने में, लंच में,
09:55बच्चों को सिर्फ पोर्क ही मिला था,
09:57तो कुछ students के parents ने call करके कहा,
10:00कि हम Muslim से हम पोर्क नहीं खाते,
10:02तो school की तरह से जवाब मिला था,
10:04कि पोर्क ही खाना पड़ेगा आपको यहां पर,
10:06हमने आज पोर्क खिलाया है,
10:07तो हर बच्चा यहां पर पोर्क खाएगा,
10:09यहां पर धर्म की कोई भी restriction allowed नहीं है,
10:12school के अंदर.
10:13चाहे आप अपने religion को देखकर vegetarian बनो,
10:15कुछ बनो,
10:16लेकिन हम जो खिलाएंगे,
10:17आपके बच्चों को खाना पड़ेगा.
10:18अगर यह example आपको सुनने में extreme लग रहा है,
10:20तो कुछ countries इस से भी ज्यादा आगे चली गई हैं,
10:23heart secularism के नाम पर,
10:25जैसे की China,
10:26चाइना में literally,
10:27churches को तोड़ा जाता है,
10:29churches से crosses को हटाया जाता है,
10:31उन्होंने कितने हजारो
10:33pastors को jail में डाल दिया है,
10:35और कहा जाता है कि,
10:36चाइना में एक मिलियन से ज़्यादा मुसलिम्स को,
10:38re-education camps में भेजा जा रहा है,
10:40politically brainwash करने के लिए,
10:42इस हद तक नफरत करती है,
10:44Chinese सरकार religion से.
10:46अगर हम secularism की original definition देखें यहाँ पर,
10:49कि सरकार को बिल्कुल भी interfere नहीं करना चाहिए religion में,
10:51तो चाइना तो इतना उल्टी direction में चला गया है,
10:53कि चाइना को शाइद एक secular country बुलाया भी नहीं जा सकता.
10:56तो अब सवाल यहाँ पर यह है कि,
10:58कौन सा model अच्छा है?
10:59Indian-US version of secularism,
11:01या फिर French-European version of secularism?
11:04इसका सीधा-सीधा कोई भी आसान जवाब नहीं है.
11:08यह मैं आप से पूछना जाता हूँ,
11:09आपको क्या लगता है?
11:10कौन सा model एंडिया के लिए better रहेगा?
11:12क्या एंडिया को भी French model अडॉप्ट कर लेना चाहिए?
11:15नीचे comments में लिखकर बदाओ.
11:17अगर French model एंडिया में implement किया जाता है,
11:19तो इसका मतलब होगा कि,
11:20ना सिर्फ हिजाब band है,
11:21बल्कि सिखों के लिए पगडी भी band होगी,
11:23किसी भी तरीके के religious धागे allowed नहीं होगी,
11:26बिंदी, टीका, complete band.
11:28इसके लावा स्कूल में किसी भी तरीके की religious prayers नहीं गाई जा सकती,
11:32चाहें वो Hindu prayers हों,
11:33चाहें Christian prayers हों.
11:34और स्कूल के लावा हर पब्लिक institution में वैलिड होगी,
11:38सरकार में बैठे लोग भी किसी तरीके का religious dress,
11:41किसी तरीके के religious symbols का इस्तिमाल नहीं कर सकते,
11:44मीडिया में भी, बिरोक्रैसी में भी ये possible नहीं हो सकता,
11:48तो imagine कर सकते हो आप.
11:50अब सच बताओं तो यहाँ पर दोनों मॉडल्स के अपने फाइडे और अपने नुकसान है.
11:54French model of secularism का क्या नुकसान है?
11:57इसका नुकसान हमें दिखता है social integration में.
12:00कई reports निकल कर आए हैं फ्रांस से,
12:02जिनोंने बताया है कि जब से फ्रांस ने हिजाब ban किया था,
12:05स्कूलों में, colleges में,
12:07तब से social integration मुस्लिम्स का society में कम हो गया है.
12:10मुस्लिम्स ज़्यादा excluded हो गए हैं society से.
12:13इसे समझने के लिए थोड़ा आपको consequences को समझना पड़ेगा,
12:16कि imagine करके देखो अगर इंडिया में हिजाब ban किया जाता है,
12:19जो realistically आगे होगा क्या?
12:21अक्सर जो लड़कियां हिजाब पहनती हैं,
12:23वो ऐसे परिवारों से आती हैं,
12:24जिनके लिए religion बहुत important चीज है.
12:27अक्सर education से भी बढ़कर religion होता है.
12:30अब ऐसे case में,
12:31अगर हिजाब ban कर दिया जाएगा स्कूलों में,
12:33तो क्या होगा?
12:34लड़की के parents,
12:35शायद उस स्कूल से उसे निकाल दे,
12:37स्कूल जाने ही ना दे,
12:38किसी दूसरे religious स्कूल में डाल ले,
12:40और अगर कोई आसपास religious स्कूल नहीं है,
12:43तो स्कूल जाने ही ना दे अपनी लड़की को,
12:45वो अपनी लड़की की शादी कराकर वहाँ पर,
12:48और दूसरा भविश्य बना देंगे.
12:50तो ये लड़की की educational opportunities छीनना हो गया basically.
12:53आप में से शायद कुछ लोग बोलेंगे,
12:55क्या इतना मुश्किल है?
12:56अगर स्कूल में आना है,
12:57तो हिजाब अपना हटा दो आने से पहले.
12:59लेकिन reality में,
13:00कोई बच्चा,
13:01कोई चोटी लड़की,
13:02जो स्कूल में जा रही है,
13:03कॉलेज में जा रही है मान लो,
13:04वो अपनी जिंदिगी के decisions खुछ से नहीं ले रही होती.
13:07अक्सर उसके parents decision ले रहे होते हैं.
13:09On the other hand,
13:10अगर हिजाब ban नहीं किया जाएगा,
13:12हिजाब पहनी लड़कियों को
13:13school, colleges जाने दिया जाएगा,
13:15तो लड़कियां अपनी education complete कर सकती हैं,
13:18पढ़ लिख सकती हैं,
13:19और शायद, जब वो पढ़े लिखी बनेंगी,
13:21उनके आने वाली पीडियां,
13:23वो अपने बच्चों को
13:24freedom of choice के बारे में सिखाएंगी,
13:26और उन पर जबरदस्ती
13:28तो ये जो patriarchy वाला सवाल था,
13:30कि लड़कियों को मजबूर किया जाता है,
13:32हिजाब पहनने के लिए,
13:33इसका solution,
13:34woman empowerment से आता है,
13:35जिसके लिए education की सक्त जरूरत होती है,
13:38तो ये एक बड़ा paradox है,
13:39लेकिन मुझे लगता है,
13:40ये Indian society के लिए काफी सच है,
13:43आपकी क्या राये हैं यहाँ पर?
13:44अब जैसा मैंने बताया,
13:45हर model के अपने फाइदे नुकसान है,
13:47तो Indian version of secularism के भी कुछ अपने नुकसान है,
13:50पहला disadvantage यह है,
13:51कि line कहाँ पर draw करी जाएं यहाँ पर,
13:54अगर आज हिजाब में school में आना allowed है,
13:56तो कल को,
13:57कोई औरत बुर्खे में भी आ सकती है school में,
13:59मेरा freedom of religion है,
14:01और कल को मैं बोलू कि,
14:03मैं अपना एक नया religion बना रहा हूँ,
14:05मेरे religion में bikini में भी आना allowed है,
14:07तो कल को, कोई bikini में भी आ सकता है school में,
14:09कैसे इस चीज़ को होने से रोका जाए,
14:11क्या इसके लिए reasoning होगी,
14:13और दूसरा disadvantage,
14:15क्यूंकि यहाँ पर एक line draw करना बहुत मुश्किल चीज है,
14:17इसलिए लोगों को politically exploit करना
14:19ज्यादा आसान बन जाता है,
14:21लोगों को भढकाना,
14:23लोगों को एक दूसरे के साथ धर्म के नाम पर लड़वाना,
14:25स्टुडेंट्स लड़ने लग रहे हैं,
14:35क्या solution है इस चीज का?
14:37अराम से बैठकर, बातचीत करके,
14:39peacefully इस चीज का समाधान निकाला जाए,
14:41और अगर यह नहीं हो पारा है,
14:43तो High Court या Supreme Court को एक काम दिया जाए,
14:45यह line draw करने का,
14:47rules बनाने का, क्या allowed है,
14:49मुश्किल नहीं है यह करना,
14:51लेकिन problem तब आती है,
14:53जब कुछ संगठन यहाँ पर अपनी भरपूर कोशिश करें,
14:55बच्चों को भढ़काने की,
14:57धर्म के नाम पर एक दूसरे से लड़वाने की,
14:59क्योंकि election आ रही है,
15:01जो यहाँ पर इन लड़कों को बाठने लग रहा था,
15:03जो इन लड़कों को कह रहा था,
15:05कि यहाँ जुंड में आ जाओ,
15:07और लड़कियों को छेड़ना शुरू कर दो,
15:09यहाँ जैशरी राम के नारे लगाने शुरू कर दो,
15:11ऐसा तो होगा नहीं,
15:13कि हम सब एक साथ में,
15:15सेम कलर का यह भगवे रंग का शॉल पहन कर आ जाते हैं,
15:17मुझे याद है,
15:19जब मैं स्कूल में जाता था,
15:21लोगों को कहा जाता था,
15:23कि एक वाइट कलर की ड्रेस पहन के आओ,
15:25तो लोग अलग-अलग पहने जाते हैं,
15:27यह बड़ी मुश्किल से हो पाता था,
15:29और यहाँ पर तो,
15:31सौसे जदा लड़कों को,
15:33एक जैसी दिखने वाली सैफरिन शॉल दी जा रही है,
15:35यह काम किसी संगठन का है,
15:37यह खुद से नहीं कि,
15:39यह जैसी संगठन का है,
15:41यह जैसी संगठन का है,
15:43यह काम किसी संगठन का है,
15:45यह खुद से नहीं किया इन बच्चों ने,
15:47किसी ने इने बढ़काने की कोशिश करी है,
15:49यह और करनाटिका की सरकार का,
15:51यहाँ पर एक बहुत ही डिसिपोंटिंग रिस्पॉंस रहा है,
15:53कुछ ऐसे केसिस देखने को मिले हमें करनाटिका में,
15:55जहाँ पर कुछ संगठन के लोग,
15:57एक स्कूल या कॉलेजिस में गुज़ गए,
15:59और क्रिस्मस की सेलिबरेशन्स को रोखने लगे,
16:01यह चीज एक बारी नहीं,
16:03बलकि साथ अलग अलग इंसेडेंट्स हुए ऐसे,
16:05क्रिश्टिन्स पर हमला किया गया था इससे पहले,
16:07सरकार ने क्या एकशन लिया यहां पर,
16:09क्या सरकार चाहर रही है यह चीजे हो,
16:11यह एक बहुत ही इंपोर्टेंट सवाल है,
16:13जो सोचने वाला है,
16:15तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:17तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:19तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:21तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:23तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:25तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:27तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:29तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:31और अगर सरकार सही में चाहती है देश में social integration बढ़ाना,
16:35कि सब लोग साथ में मिल जुलकर रह सके,
16:37देश में unity हो, देश में लोगों को
16:39freedom of choice मिले और woman empowerment हो,
16:43तो वैसे डिसिजन्स भी लेने चाहिए फिर सरकार,
16:45बहुत-बहुत धन्यवाद.

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