Double Ismart Full Movie In Hindi 2024 _ Ram Pothineni, Kavya Thapar, Sanjay Dutt _ New South Movie

  • 2 months ago
Transcript
00:00:00प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्त
00:00:31आपके कोठे के दर्वाजे हमेशा खुले रहते हैं
00:00:36हमें कुछ भी चुपाने की ज़ूरत नहीं है
00:00:40हम ये शेहर छोड़के जा रहे हैं
00:00:47अलविदा तो आप बहुत साल पहले कह जुके हैं
00:00:50बताईए, आज कौन सी तकलीज देने आये हैं
00:00:54वक्त बदल गया लेकिन आपने ही बदली बाहर जाया हैं
00:00:59अब अपने बेटे को इस्तेमाल करके आप हमारे खांदान को तबा करना चाहती हैं
00:01:05समझाए उसे, रूप हमारी बहु है
00:01:11ख़दा के मज़ाद का भी जवाब नहीं
00:01:13जिस आदमी ने इतनी जिंदिगियों का तमाशा बनाया
00:01:19आज वो अपनी इजद बचाने के लिए गुजारिश करने आया है
00:01:26वक्त नहीं, आपको भी नहीं बदला बल्रार सहाँ
00:01:31हमने आपको साफ साफ समझाया था कि हमारा रिष्टा कलत था
00:01:34लेकिन आप सच्चाय बरदाश नहीं कर पाए
00:01:37और जिंदिगि बर हमसे धूका करने का तमाशा कर दि रहे था
00:01:43तो क्या यही कहकर तसली देते रहे हैं आप अपने आपको
00:01:47तो क्या यही कहकर तसली देते रहे हैं आप अपने आपको
00:01:52रिष्टा कलत था तो क्यों बार-बार लोड़ के आते थे हमारे दर्वाजे पे
00:01:58महापत आपको भी हुई थी बल्रार सहाँ
00:02:01लेकिन समाच के डर से एक दिन अच्छानप कुड़े की तरफ फैंक दिया हमें
00:02:16आपको बार-बार लोड़ के आते थे हमारे दर्वाजे पे
00:02:46मेरे पती ने मुझे शादी की रात को एक रुखसती दे दे दे
00:03:01क्योंकि आपने एक ऐसे आदमी से शादी की जिससे आप कभी पहले मिली भी नहीं थे
00:03:07पलकी कई दिनों तक मैं जानती भी नहीं थे वो दिक्ते कैसे है
00:03:11मेरी गुस्से में लिए गए एक फैसले ने हम चारो की जंदगी बरबात कर दी
00:03:22ऐसे जफर मिया अगर आपको अपनी तलवानों से इतना ही एशक है
00:03:28तो लुहारों की लड़ाई में शामिल क्यों नहीं हो जाते
00:03:32उसी लड़ाई के लिए तो तलवारे बना रहा हूँ
00:03:34बस इनी तेज जुमलों से न घीरा मंडी की औरतों के दिल काट रहे हैं आपने
00:03:40कल मीटिंग में क्यों नहीं आये
00:03:43एक और दिल कटने का इन्तजार कर रहा था जो तोड़ना नहीं चाहता था
00:03:48देखे ज़फर मिये अगर आउजार बनानी की मशीने आ गई न
00:03:53तो हमारे कारखाने बनद हो जाएँ जा अब इस बार हमारी कॉम पर नहीं
00:03:59हे से से खील खूद खूद रहे है न सो कहामारे घीरा मंडी की औरतों के लिए
00:04:03तो हमारे कारखाने बंद हो जाएंगे।
00:04:05इस बार हमारी कॉम पे नहीं,
00:04:07हमारे पेट पे हमला हुआ।
00:04:11एक तरफ अल्ला अल्ला करते हो,
00:04:13और दूसरी तरफ डरते रहते हो।
00:04:15अगर हम मेंनत करें,
00:04:17तो कभी बेरुज़गार नहीं होगे।
00:04:19पर रही आपके आवामे हग पार्टी की मीटिंग और बटवारे की बात,
00:04:23तो मैं हरामी।
00:04:25मुझे खुद के अब्बा ने उनका नाम तक नहीं दिया।
00:04:28जो आदमी अपने हग के लिए नहीं लड़ा,
00:04:30मैं आवाम के हग के लिए क्या लड़ेगा।
00:04:32यह चूड़ ये नहीं।
00:04:34मैंने कितनी बार गए अब्दुल मिया,
00:04:37अगर आप सच में अपना नजरिया दुनिया तक पहुचाना चाथे,
00:04:41तो बलराज चौतरी के निूस-पेपे में तुम्हारी नाव बनते हैं।
00:04:43चोड़िये, चोड़िये.
00:04:54मैंने कितनी बार कहा याँ अब्दुल मिया,
00:04:57अगर आप सच में अपना नजरिया दुनिया तक पहुचाना चाहते,
00:05:00तो बलराज चौदरी के न्यूस पेपर से कोई बैठर जरिया नहीं है.
00:05:04आपके कहने से हम गए थे डली टैम्स के अक्बार वालों से मिले.
00:05:08लेकिन जब से उस बलराज चौदरी का बेटा विलायत से लोटा है,
00:05:12बढ़वारे के खिलाफ एक मुल्क, एक अवाम के आर्टिकल चापने में मश्बूल हैं.
00:05:17इंकलाब खून भागे लाया जाता है,
00:05:19सही कहा आपने, जफर मिया बिल्कुल सही फर्माया.
00:05:22चलिए, आजाए ही हमारी तरफ.
00:05:31खलत ना समझे मुझे, भाई है आप मेरी, जान दे सकता हूँ,
00:05:37लेकिन सिर्फ आपके लिए,
00:05:40बस मुझे इन चौदरीयों के मसलों से दूर रखे आप अबदुल मिया,
00:05:43देव, आपके थोड़ा ख्याल लगा,
00:05:48ये एक बोल के एक आवाम का आर्टिकल, लोगों को हजब नहीं हो रहा है,
00:05:53धर्म के नाम पे अंग्रेज हमारी देश का बटवारा कर रहे हैं,
00:05:57जिससे फ्यूचर में किसी का फायदा नहीं होगा,
00:05:59ये बाकसद का मसिया तुमें किसेने बनाया,
00:06:02मैं बस एक आवास हूँ जिसमें लोगो तक पोँचने की ताकथ है,
00:06:05यह बैखने की ताकथ,
00:06:06या उन्हें सही राह दिखा रहा हूँ,
00:06:09तो वहां आप के विश्वार रीज्वार करें,
00:06:11उसके बारे में क्यों नहीं लिखते हैं आप।
00:06:13वक्के साथ हम सब सीख लेंगे।
00:06:15अगर साथ में रहे तो।
00:06:17इस मकसद का मसिया तुम्हें किसने बनाएं।
00:06:19मैं बस एक आवाज हूँ जिसमें लोगो तक पुछने की ताकत है।
00:06:22या बैखने की ताकत।
00:06:24या उन्हें सही राह दिखा रहा हूँ।
00:06:26जिस सही राह में यकीन आप भी करते हैं।
00:06:28बस सियासत से लड़ते हैं।
00:06:34यह मत भूलिये कि हम यहां माइनॉरिटी हैं।
00:06:37और मुसलिम लीग दिन बढ़ दिन ताकतवर होती जा रहे हैं।
00:06:40आप अपने दिमाग से सुचें। दिल से नहीं।
00:06:42अगर मैं ऐसा कर पाता तो फिर बात ही क्या थी।
00:06:49कभी-कभी दिमाग का दिल से हाँ जाना ज़रूरी होता है।
00:07:00क्या हुआ सरोज? रूप कहा है?
00:07:02वो नीचे नहीं आना चाहती।
00:07:05छलता हूं।
00:07:10कोई बात नहीं. उन्हें उनका नाँश्चा कमरे में ही देदे।
00:07:13जी.
00:07:16डेव को हमेशा लगेगा कि मैने उसके साथ सियाति की।
00:07:22लेकिन आपने जो किया है, सही है।
00:07:27लोग मैं खुछ किया है, नहीं सोची करता हूँ।
00:07:30लेकिन आपने जो किया है सही है।
00:07:34सिंदेगी पर भरूसा रखे हैं।
00:07:38उसने जो उलचा है, वो ये खुछ सुलचाएगी।
00:08:00ये आवास कहां से आ रहे हैं।
00:08:10बहार बेगम की हवेली से।
00:08:14किसी जमाने में हुस्नाबाद की सबसे मशूर मुझ्रे वाली हुआ करती थी।
00:08:18लेकिन फिर उन्होंने नाचना छोड़ दिया।
00:08:21अब गाना सिखाती है।
00:08:26कभी मुझ्रे वाली नहीं है।
00:08:29कहाँ है बाहर बेगम की हवेली।
00:08:33हीरा मंडी में।
00:08:35इस शेहर का सबसे वदनाम महला।
00:08:38उस जगह का सिर्फ नाम लेने से ही लोगों के नाम खराब हो जाते हैं।
00:08:45हरे हम कह रहे हैं आप से मुझ्री साहब।
00:08:47हमारे जफर भाई से अच्छा लोहार पूरे हीरा मंडी में नहीं है।
00:08:51अभी पिछले साल बृतिश आर्मी की तलवारे भी इन्हों नहीं थो बनाई थी।
00:08:57यह वही हराम का पिल्ला है न? जफर?
00:09:03वो कहां से आये है उससे क्या फरक पड़ता है?
00:09:05आप उनका काम देखिये न?
00:09:07मुझे फरक पड़ता है अब्दूल साहब।
00:09:10एक तो यह नजायस है और उपर से माफ किचेगा।
00:09:16वो सलमा है।
00:09:18अगर मेरे पैसे लेके भाग गया तो मैं तुम्हारा गल।
00:09:21लोगों के काम पे तवच्चो देना सीख।
00:09:24उनके बाब के नाम पे नहीं।
00:09:26पर यह बड़ी बात तेरी कम अकल नहीं समझ पहेगी।
00:09:31छोड़ दे. छोड़ दे जफर.
00:09:33मैं कह रहा हूँ जफर, छोड़ दे.
00:09:35छोड़ दे जफर.
00:09:43जफर! जफर!
00:09:45जफर! जफर!
00:09:47शर्मोन यहाँ तो है नहीं इन लोगों में.
00:09:49अरे हिसान मांस हम लोगों का,
00:09:52जो तुझ जैसे हरामियों को अपने महलों में रहने देते हैं.
00:09:57एक तो यह हमारी वज़य से हीला मंडी में पढ़ रहे हैं.
00:09:59और यह क्या कर रहे है? कच्रा बढ़ा रहे हैं, कच्रा.
00:10:29कच्रा...
00:11:00कब तक कैद रहेंगी आप अपने कमरे में?
00:11:07अब आप शादी शुड़ा हैं.
00:11:10आपकी भी कुछ ज़िन्दारिया हैं इस घर में.
00:11:15किसकी तरफ?
00:11:17आपके पत्ती की तरफ?
00:11:19जो सिर्फ आपसे प्यार करते हैं.
00:11:22हम दोनों ने एक दूसरे को देखा तक नहीं है.
00:11:24मेरी एक ही ज़िन्दारी थी.
00:11:26अपनी भेनों की तरफ.
00:11:29वो मैंने यह शादी करके निबाली है.
00:11:34देव की अख़बार में काम करना शुरू करता हूँ.
00:11:37उनकी साथ थोड़ा वाक्प पिता हूँ.
00:11:39देखना, सब कैसे बदलने लगेगा?
00:11:42मैं आपकी दुश्मन नहीं हूँ, रूप.
00:11:47बस अपने बाद आपकी ज़िन्दगी को बहतर बनाने की कोशिश कर रही हूँ.
00:11:53पता है, मेरे माबाब को लगता था कि लड़कियों को बढ़ाना लिखाना फ़ुजूल है.
00:11:58वरना अगर मैं पढ़ी लिखी होती, तो इतने बड़े अख्वा में काम करने का मौका कभी नहीं गवाती.
00:12:05मैं फिर रियास शुरू करना चाहती हूँ.
00:12:10बिल्कुल, करना भी चाहिए. अगर आप चाहो, तो मैं अभी एक अच्छे गुरुजी का इंतजाम करती हूँ.
00:12:28नहीं, मैं हीरा मंडी जाके भार वेगम से सीखना चाहती हूँ.
00:12:40कम वक्त में काफी जादा जान रही हैं ऐस शहर को आप.
00:12:45पर इस घर के उसूर को नहीं जानती.
00:12:48आप संगीत सीख सकती हैं, मगर हीरा मंडी कभी नहीं जासकती.
00:12:52अगर मुझे हीरा मंडी जाने नहीं दिया, तो फिर मैं अगबार के लिए भी काम नहीं करूँगी.
00:12:56मत करो, कैद कर लो अपने आपको अपने गुस्से में.
00:13:01लेकिन याद रखना, अपनी किसमत आपने खुद लिखी है, अपनी मरजी से.
00:13:06अब यही आपकी जिन्दगी है, रू.
00:13:09और जितनी जल्दी आप इस बात को समझ जाएंगी, बाकी जिन्दगी उतनी जल्दी आसान हो जाएंगी.
00:13:16आपका मेरी जिन्दगी पे कोई हक नहीं है.
00:13:19आपका है?
00:13:37पर खारत किसी दिन?
00:13:40बाबा, मैं रूप को जानती हूँ.
00:13:43एक बार उसने अपना मन बना लिया, फिर वो किसी के नहीं सुनती.
00:13:47पर कस दिन मोतें?
00:13:49आनने गाल हो, गले एक पास पर लाएती है.
00:13:53पर कभी अपने सामार के लिए.
00:13:55भाबा मैं रूप को जानती हूँ.
00:13:57एक बार उसने अपना मन बना लिया फिर वो किसी के नहीं सुनती.
00:14:01वो अस घर की बहुँ हैं.
00:14:03और उसे भी सब की तरह इस घर की उसुलोग की इज़ज़त करनी पड़ेगी.
00:14:06आपके कहने पर हमने उन गलियों की तरफ देखा तक नहीं।
00:14:13लेकिन हम रूप से ये उमीद नहीं रख सकतें।
00:14:17इससे पहले वो कोई गलत कदम उठा ले, हमें उसे जाने की इज़ज़़त दे देनी चाहिए।
00:14:22रूप, ये क्या कर रही है आप?
00:14:24अन कि मैंने यह कोई नहीं कर रही हुई, भी मुझे औगे जो आप के लिए ब़ाता हैं।
00:14:29भी जो आप के लिए जो भी दे दे बहुतों इसके लिए यह इपल़ा हुँ,
00:14:32हमें उसे जाने की इजाज़त दे देनी चाहिए।
00:14:37और यही एक मौका है देव और रूप को करीब लाने का।
00:14:49रूप, यह क्या कर रहे हैं आप?
00:14:52रूप?
00:14:57हाँ?
00:14:59भाभी जी आपको बुला रहे हैं.
00:15:03मेरी जिद और उनके उसूल की बीच,
00:15:08मेरी जिद जीत गई।
00:15:20इस देव चौदरी की यह एक मुल्क, एक समाज वाली बाते
00:15:23सुनने में तो बहुत अच्छी लगते हैं.
00:15:24लेकिन गौर फर्माईँ, एक तरफ यह बटवारे के खिलाफ है,
00:15:28और दूसरी तरफ यह स्टील के कारखाने लाने की कोशिश कर रहे हैं.
00:15:31मतलब दोनों ही तरफ से हम भूखे मते हैं.
00:15:35हमें और अड़विटिस्मिन की जरूरत है.
00:15:37अगर यही हाल रहा तो हफते में सिर्फ तीन दिन पेपर चाप पाएंगे.
00:15:40बहुत अच्छे पैसे दे रहे हैं विस्की वाले.
00:15:43एहमद की बात सही है.
00:15:45जिसी और को ढूनना पड़ेगा.
00:15:47कॉसमेटिक्स और साड़ी.
00:15:54अगर यही हाल रहा तो हफते में सिर्फ तीन दिन पेपर चाप पाएंगे.
00:15:56काजल और कपड़ों से तो किसी को एतराज नहीं हो सकता.
00:16:00शराब की बदले लग साबुन का इश्टिहार डालते हैं पेपर में.
00:16:04इन इश्टिहारू की वज़ेस से और अगर यही हाल रहा तो हफते में सिर्फ तीन दिन पेपर चाप पाएंगे.
00:16:08माफि चाहती हूँ.
00:16:10बस खयाल आ गया तो बोल दिया.
00:16:15मै देव चौदरी वाहिया मैं तूप चाहिए राजा।
00:16:20यह नहीं चाहिए राजा किवार होगा.
00:16:23क्यों तो ऐसे चीज़?
00:16:25इन इश्टहारों की वाज़े से औरते भी पेपर खरीदेंगे।
00:16:30माफ़ी चाहती हूँ।
00:16:33बस ख्याल आ गया तो बोल दिया।
00:16:36मैं देव चौदरी से मरना चाहती हूँ।
00:16:40और आप कौन?
00:16:43रूप।
00:16:45उनकी पत्नी।
00:16:54अनन्यं जी?
00:16:55हाँ जी?
00:16:56इनेंट का टेस दिखा दीजे।
00:16:57जी.
00:17:05मैं अनन्यं तपाली।
00:17:08नमस्तरटे।
00:17:09वैसे यह कौन है?
00:17:19हम तुम्हारे का यहाँ है.
00:17:20सब साता नहीं करींगे है?
00:17:22तुम्हेरे पैसे का क्यूं है?
00:17:24आएये!
00:17:54तमाल है, पती पत्मी एक दूसरे को जान दे तक नहीं।
00:17:58निकाव हुआ है ऐनका शायद।
00:18:02उस दिन अगर पर्दे के पीछे आप भी होते,
00:18:05तो देव साभ को पता नहीं चलता।
00:18:06अगर पर्दे के पीछे आप भी होते,
00:18:09तो देव साभ को पता नहीं चलता।
00:18:36अगर पर्दे के पीछे आप भी होते,
00:18:39तो देव साभ को पता नहीं चलता।
00:19:07हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:11पर यह महला इस शेहर की लिए...
00:19:36अगर पर्दे के पीछे आप भी होते,
00:19:39तो देव साभ को पता नहीं चलता।
00:19:41हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:43हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:45हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:46अगर पर्दे के पीछे आप भी होते,
00:19:49तो देव साभ को पता नहीं चलता।
00:19:51हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:53हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:55हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:19:56हीरा मंडी का सबसे बड़ा प्याहार, गशेरा।
00:20:26पानी पानी सागा मगारे सागा
00:20:41एक अरसे के बाद ऐसी आवास सुनी है,
00:20:45जिसमें दर्द भी है और सुकून भी।
00:20:50अपना फैसला बदलने के लिए शुक्रिया।
00:20:54अभी तो सिर्फ तारीफ की है, शुक्र बेज़िती का करते हैं,
00:20:59क्योंकि असली काबिलियत उसी से मिलती है।
00:21:23चले!
00:21:53बुलिया!
00:22:24आप से ओफिस में बात करनी थी, लेकिन मौका नहीं मिला।
00:22:30किस बारे में?
00:22:33मैं आपकी कमपनी में सिर्फ हाजरी नहीं देना चाहती,
00:22:37काम भी करना चाहती हूँ,
00:22:41मैं एक आर्टिकल लिखना चाहती हूँ।
00:22:44किस मुद्दे पे?
00:22:47हीरम मंडी पे,
00:22:48उस एलाके के लोगों को देखे लगता है कि,
00:22:51हर घर में कई कहानिया छुपी हुई है।
00:22:55अगर आप कोई एसी कहानी ले आएं जो पढ़ने लाइक हो तो,
00:22:58चाप देंगे।
00:23:12मैं ज़रूर के लोगों को पढ़ने लाइक हूँ,
00:23:15मैं जानती हूँ हम दोनों इस रिश्टे में गिरफ़तार है,
00:23:22और इसमें मेरा हाथ भी है।
00:23:26बस आपको बताना चाहती हूँ कि,
00:23:29मेरे आप से या इस रिश्टे से कोई अर्मान नहीं है।
00:23:34ये शादी नहीं,
00:23:37समझोता है,
00:23:41और आप जब चाहे,
00:23:44इस से रहा हो सकते हैं।
00:23:48मैंने कभी इस शादी को तोडने का जिकर नहीं किया है,
00:23:52लेकिन आपके ख्याला जानके खुशी हुई।
00:23:57शुक्या।
00:24:15सुनिये, ये अब्दूल खां कहां मिलेंगे?
00:24:21जफर भाई,
00:24:24अब्दूल बिया कहां है?
00:24:29ये उनसे मिलने आई है,
00:24:32जाएँ।
00:24:36जाएँ।
00:24:39जाएँ।
00:24:45एक मुणाकात में लोटने में मजबूर कर दिया,
00:24:50आईए, आज मन बर देता हूँ आपका,
00:24:55लेकिन आपसे मेरा मन नहीं भरेगा,
00:24:57वग जाया हो जायेगा मेरा,
00:25:01मैं शादी शुदा हूँ,
00:25:03तो, मुझे कौन सा निका पढ़ना था आपसे,
00:25:06मैं अब्दूल खाँ से मिलना चाहती हूँ,
00:25:10क्यों,
00:25:12आपको क्यों बताओ,
00:25:13तो फिर मैं आपको क्यों बताओ कि अब्दूल कहाँ है,
00:25:18मैं हीरा मंडी और उसकी लोगों की कहाणियों पर,
00:25:21एक आर्टिकल लिखना चाहती हूँ,
00:25:22तो इसलिए,
00:25:23तो इसलिए आप तवाइफ के कोठे पर आई थी,
00:25:26ये कोई तरीका है बात करने का,
00:25:28तवाइफ को ताजमेल कह दूगा,
00:25:29तो उसकी किसमक नहीं बदल जाएगी,
00:25:33सारी औरतों को एक ही नजर से देखते हूँ,
00:25:36नजर तो एक ही रहेंगी,
00:25:37अपनी शादी के हालात में गिरफतार जो हैं,
00:25:42लेकिन अगर आप चाहें,
00:25:44अपके अदूरे अर्मा पूरे कर सकता हूँ,
00:25:48बहुत सियादा बत्तमहीस है आप,
00:25:50शुक्रिया,
00:25:52जिन्दाने उसे सब के लिए,
00:25:54हम नहीं जो कोई अदूरे अर्मा करते हैं,
00:25:55आपके आदूरे आर्मा पूरे कर सकता हूँ.
00:25:58बहुत स्यादा बत्तमहीस है आप.
00:26:00शुक्रिया.
00:26:03अब्दुल.
00:26:09शुक्रिया.
00:26:15जी.
00:26:16जी, मैं डेली टाइम से हूँ.
00:26:18हीरा मंडी के लोग प्रशाँच चाहते हैं.
00:26:21जी.
00:26:22जी, मैं डेली टाइम से हूँ.
00:26:24हीरा मंडी के लोग और माहॉल के बारे में
00:26:26मैं एक आर्टिक...
00:26:27डेली टाइम से.
00:26:31यहाँ का माहॉल गर्म है.
00:26:33लोहार बेरोज़गार है.
00:26:35और यहाँ की लड़ाई अब बटवारा करबागे रहेगी.
00:26:39लिखना चाहेगा आपका अकबार इस मुद्दे में?
00:26:41नहीं, न?
00:26:42ख़ुदा हाफिस.
00:26:51क्या चाहिए?
00:26:54उसका जवाब मल देंगे.
00:26:57बस पूछना चाहता हूँ.
00:27:00आपका काम हो गया?
00:27:02आपको अच्छाना क्या हो गया?
00:27:04नहीं, वो अब्दुल मिया बड़े तंग मिजाज के हैं.
00:27:07पूरा दिन बटवारे के लड़ाई में उलज़े हैं रहते हैं.
00:27:11हमें क्या लेना?
00:27:12सब तक हमारा एलाका हमारा है, सब ठीक है.
00:27:16चलो.
00:27:17शुक्र है, कम से कम अपने एलाकी की तो इज़त करते हैं आप.
00:27:21मुझे पर यकीन करना मुझ्किल हो सकता है, जानते हूँ.
00:27:29और क्यों है इस अलाके से इतना लगा?
00:27:32फुप्सुरत लड़किया रहती हैं यहाँ?
00:27:34फुप्सुरत भी और आसान भी.
00:27:43तक़दीर ने मुझे यहाँ पहका,
00:27:46जिन्दगी कुछलने ही वाली है.
00:27:48लेकिन इस सड़क ने मुझे बचा लिया, चलना सिखा दिया.
00:27:53मेरी फतय हो गई, और नाम पढ़ गया जफर.
00:27:58अब यही मेरा घर है.
00:28:00यह गलिया नहीं होती, तो मेरी कोई पैचान नहीं होती.
00:28:14मुझसे बेतर हीरा मंडी को कोई नहीं है.
00:28:16मुझसे बेतर हीरा मंडी को कोई नहीं जानता.
00:28:22तो...
00:28:24रूक.
00:28:26बहुत अच्छा है आपका माशाल्ला.
00:28:33तो यहाँ कोई कहानी दून रहा है अपनी छुपाने?
00:28:36दून रहा है.
00:28:43अपनी शादी में खुश है आप?
00:28:46आपने कहा था कि आप शादी शुदा हैं.
00:28:48खुशी का कोई जिकर नहीं हुआ था.
00:28:51कोई तो हद होगी आपकी?
00:28:53हदे तो सरवदो की होती है.
00:28:55सोच की नहीं.
00:28:57और वैसे भी...
00:28:58अगर सवाल उठा है मन में तो पूछ लेना चाहिए.
00:29:00कानिया सोच सोच के वैसे ही आदी दुनिया पागल होगी.
00:29:05तो सियासी मसलों से दूर...
00:29:07इस इलाके में ऐसे कुछ कमाल की चीज़ है.
00:29:09अगर आप देखना चाहें तो...
00:29:10देखना चाहते हूँ.
00:29:12हिम्मत है मेरी दुनिया में कतम रखने की.
00:29:14मेरे पास खोने को कुछ है ही नहीं.
00:29:21और वैसे भी...
00:29:23आपसे तो बहतर ही होगी आपसे दुनिया.
00:29:28ठीक है.
00:29:31तो अगले जुम्मे कुछ मिलते हैं.
00:29:33कलाम वाले.
00:29:36फिकर ना करें.
00:29:38मैं एजाजत या कीमत के बगएर...
00:29:41उर्टों को हात नहीं लगता हूँ.
00:29:42उर्टों को हात नहीं लगता हूँ.
00:30:13यह तो अगले दुनिया।
00:30:16ओड़े के बाद तक सड़ी.
00:30:19दुनिया सकते है.
00:30:21जो काट है गंसर रोगा आपका।
00:30:24में सस्ट से ऩदजा कामुछ refuses करती है.
00:30:29कुछ होता है दिल्सर का पे लीजी खता है.
00:30:32वो लो वो लो , लड़के पे ही खती परे.
00:30:33खहें जी साओजीये का लगेreation की मिलाईट.
00:30:34लो , लो लो साद चेकन , खहें जी साओजीये खती परे.
00:30:39वो लो लो, साद चेकन , फ़ुंबध खहें जी साओजिये ,
00:30:41करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक �
00:31:11करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक करतक
00:31:41तुझे जाना है
00:32:11जाना है
00:32:13जाना है
00:32:15जाना है
00:32:17जाना है
00:32:19जाना है
00:32:21जाना है
00:32:23जाना है
00:32:25जाना है
00:32:27जाना है
00:32:29जाना है
00:32:31जाना है
00:32:33जाना है
00:32:35जाना है
00:32:37जाना है
00:32:39जाना है
00:32:41जाना है
00:32:43जाना है
00:32:45जाना है
00:32:47जाना है
00:32:49जाना है
00:32:51जाना है
00:32:53जाना है
00:32:55जाना है
00:32:57जाना है
00:32:59जाना है
00:33:01जाना है
00:33:03जाना है
00:33:05जाना है
00:33:07जाना है
00:33:15जाना है
00:33:19जाना हाई
00:33:33जुदह में
00:33:37समक्ष!
00:34:07आज़!
00:34:37आज़!
00:35:03पागर है तो?
00:35:05ती जल्दी आप से तुम तक का सफर तै कर लिया भै?
00:35:09क्यों बुलाया मुझे यहाँ?
00:35:11आप कानी ढून रही थी.
00:35:13मैंने आपको एक किस्सा दिखा दिया.
00:35:16डर गई?
00:35:19क्यों?
00:35:22तुम मर सकती थी.
00:35:27मौत हाक के हैं.
00:35:28और मुझे जैसे नाजाईजों के बास ना कोई खास मकसत होता है.
00:35:32ना ही आप की तरह कुछ खोने को होता है.
00:35:37इसलिए मौत से डर नहीं लगता.
00:35:41जिस दिन महाबत हो जाएगी, मकसत भी मिल जाएगा.
00:35:46और मौत से डर भी लगनी लगेगा.
00:35:51अफसोस!
00:35:53अफसोस!
00:35:56आपकी एक ख्वाईश शायद कभी पूरी नहीं हो पाएगी.
00:36:00मज़ा आता है मुझे इस खेल में.
00:36:04मैंने तुम जैसा नमूना कहीं नहीं देखा.
00:36:09है ही नहीं मुझ जैसा मैं कहीं.
00:36:19यह भाई जर्नलिस् लड़की है न?
00:36:23इसे तो छोड़ दे.
00:36:25एक दिन छोड़ दूँगा.
00:36:27अच्छी लड़की है भी जर्नलिस्.
00:36:29जरुरत से ज़्यादा, असले शायद बुरे ख्यालात भी नहीं आते इसके बारे.
00:36:33सुनाया शादी शब्राया है.
00:36:36आप जानते हैं ना आप क्या करें?
00:36:52अच्छी लड़की है भी जरुरत से ज़्यादा, असले शायद बुरे ख्यालात भी नहीं आते इसके बारे.
00:36:56अच्छी लड़की है भी जरुरत से ज़्यादा, असले शायद भी नहीं आते इसके बारे.
00:37:27जितनी घरवालों से दूर हो रहे थी,
00:37:50जितनी घरवालों से दूर हो रहे थी,
00:37:57जितनी घरवालों से दूर हो रहे थी,
00:38:22घीरा मंडि के लोहार आ जाय थे मुझे मिल ले.
00:38:26अपने बात सुन लेनी चाहिए।
00:38:29वन्ना वो हमारे मुस्लिम स्टाफ को
00:38:31स्ट्राइक पर जाने पर मुझबूर कर सकते हैं।
00:38:32बाबा, साफ साफ बताएगे कि
00:38:34इस बाले में बात करना चाहते हैं आप।
00:38:40रूप।
00:38:40तो वाइफे आज कल घर तक आती हैं मुझबूर करने।
00:38:43माफ़ी चाहते हैं।
00:38:45आप गलत पते पाएए हैं।
00:38:49रूप को पक्ष दे जफर।
00:38:52कब तक असलियत से मुझ भेरते रहोगे दें।
00:38:55जब तक असलियत जिन्दा रहें।
00:38:59आप ही इसे सीखा हैं।
00:39:00इस सब में रूप की कोई गलती नहीं है।
00:39:04इस सब में मेरी भी कोई गलती नहीं थी।
00:39:06अगर सीखना है तो मर्द बन कर अपनी मुझकिलों से लड़ना सीखो।
00:39:12अपनी जिन्दगी के लिए किसी को जिम्मेधार मत ठेरा।
00:39:15वही तो मुझकिल है, बाबा।
00:39:17आप अब्दुल को इस्तमाल करके आवाम को उनकी प्रेस के खिलाफ़ भढ़का रहे हैं।
00:39:22मोर्चे करवा रहे हैं।
00:39:25और हम आपसे कुछ नहीं कह रहे हैं।
00:39:28लेकिन रूप यह नहीं दिखती है।
00:39:30आपने एक शादिशुदा मर्झ के साथ इस्खिया ।
00:39:34में हमें इस सालह को यह बीचिया हूँ॥
00:39:40अह हमें, आपका अबदील दिंदी हैं।
00:39:43अपने उसी मंसत को आज कुछ होना जा रहे हैं।
00:39:51अक अबदील में हमें इस उपास्तायंісना करा हैं.
00:40:00पच्चा पैदा करके सड़क पे फेक दिया।
00:40:02ऐसा न कहीं।
00:40:06सत्रा साल के थे हम।
00:40:09महबबद हो गई थी उनसे।
00:40:13और आज तक उससे हम रिहा नहीं हो पाए।
00:40:16गलती हो गई।
00:40:19जिसे आज तक मैं सुधार नहीं पाया।
00:40:20वो शो हवास में की गई गलती नहीं होती। बेमानी होती है।
00:40:26और आज तक आपने अपने इस गुना को कभूल करने तक की हिमद नहीं किये।
00:40:30हमारी महबबद ने हमें खुद कर्स बना दिया था।
00:40:36हमने बच्चा इसलिए रखा ता के बलराज के और करीब हो पाए।
00:40:41लेकिन वो हमसे और दूर चले गए।
00:40:45हमने सुचा बच्चे की शरम से भाग रहे हैं।
00:40:49आपको छोड़ देंगे तो वापस लौटाएंगे।
00:40:56फिर हम समझ गए कि वो आपसे नहीं हमसे भाग रहे थे।
00:41:03हम आपको लेने वापस आए थे। लेकिन आप नहीं...
00:41:07हमारा रिष्टा भी है वो हमेशा के लिए सड चुक है।
00:41:12अब आपके मय्यत के अलावा मेरे पास और कोई वज़े नहीं है आपके पास लौटने की।
00:41:17देव...
00:41:23बस एक बात कहना चाहता हूँ।
00:41:26मेरी भी शादी सबर्दस्ती हुई।
00:41:28इसलिए मैंने इस घर के बाहर प्यार ढूनने की कुशिश की।
00:41:34कही रूप के साथ ऐसा न हो जाए।
00:41:38कुशिश करो अपने इस रिष्टे को निभाने की।
00:41:41सब आपकी अकल के नहीं होते बाबा।
00:41:45कम से कम मैं रूप की इज़ज़त करता हूँ।
00:41:47आपने माँ की कभी इज़ज़त नहीं की।
00:41:50और उसकी पूरी सिंदगी ये सोचने में निकल गी कि शायद उनमें कोई कमी थी।
00:41:55आपके बच्चे तक को कभूल करने को तयार थी।
00:42:00पता नहीं इतनी हिम्मत कांसे लाती थी वो।
00:42:02अगर आप मान जाते थो, हमारा घर बिकरने से पच सकता था।
00:42:08लेकिन आपका घमन आपकी गल्तियों से भी बड़ा था।
00:42:16उस लड़की की कोई गल्ती नहीं है।
00:42:20लेकिन अगर अब उसे निला की जाना था,
00:42:23अगर ये अच्छा की पूरी सिंदगी को टूटा था,
00:42:25उस लड़के की कोई गलती नहीं है।
00:42:29लेकिन अगर अब उसे मिल भी लूँगा तो आपसे और नफ़रत हो जाएगी।
00:42:35हमारा घर आपने बरबात किया है।
00:42:39लेकिन एज़ा हो है।
00:42:41लेकिन एज़ा हो है।
00:42:44तो मुझे अपनी रिष्टे कैसे निभानी चाहिए इस बात की सला आप ना ही देतो बैठर।
00:42:54बलराज चोदरी ने अपने जायस बेटे को मेरे हिस्से की दॉलट, शोरत और इस्सत दे दी।
00:43:01तो बदले में मैं उसके बहुँ को छीन लूँगा और मेरे पास कुछ खोने को तो है नहीं।
00:43:08हराम्यों का कोई वजूद नहीं होता, उनका कोई इमान नहीं होता, किसी को उनकी जरुत नहीं होती है, यही सुन सुन के बड़ा हुआ हूँ मैं।
00:43:15अब बस, जिस लड़की को वो अपना घर आबाद करने के लिए लेके आये थे, उसी लड़की से मैं उनका घर बरबारत कर दूँगा।
00:43:26फिर क्या होगा? यही सब करने से आपको अपने अबबा, अपना बच्चपन, अपनी इस्दत, अपना हक वापस मिल जाएगा?
00:43:35अपने आगों से नफरत हटाएं, फिर उस लड़की की महबबद देख पाएंगे आप।
00:43:42इंतकाम की आग ने आपको अंधा बना दिया है, अपने अबबा को बरबाद करने के तैश में आप खुद को बरबाद कर रहे हैं।
00:43:50मनजूर है, सब कुछ फना कर दूँगा, उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि उनकी तबाई हुई कैसे?
00:43:57जिस आदमी ने मेरा इंकार किया था, वो खुद आके मुझे माफ़ी माँगेगा। और तब उसकी उमीद पर मैं ऐसी आग लगाऊंगा कि जाननम भी दो पल देखते रह जाएगा। उससे अपनी कर्मों की सजा मिलकर रहेगी। और उसके बदले में अगर मेरे कर्म बिग
00:44:27करता है।
00:44:57करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:27करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:29करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:31करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:33करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:35करता है कि जाननम भी दो पल देखते रहेगी।
00:45:37करता है कि जाननम ही दो पल देखते रहेगी।
00:45:39करता है कि जाननम ही दो पल देखते रहेगी।
00:45:41ही टाफ़ा!
00:45:45ही टाफ़ा!
00:45:54ज़ाफर को हीरा मंडि में पहिछान ते सब थे।
00:45:59लिकिन मँझे है कौन ये कोई नहीं जानता थर।
00:46:03वापस जाने का सुआत है तोर इस टाफ़ा पे...
00:46:06लेकिन वो है कौन ये कोई नहीं जानता था।
00:46:10वापस जाने का मन नहीं करता।
00:46:16वापस जाने की बज़य ही नहीं है।
00:46:20पीड़ियों से हम ये काम करते हैं।
00:46:23हमारे बच्चे इसी की खा रहे हैं।
00:46:25अब अगर ये अंग्रेज आउजार बनाने की मशीन ले आए
00:46:28तो लोहार बेरोज़गार हो जाएगा।
00:46:32आज हमारे साथ हो रहा है, कल किसी भी कारीगर के साथ हो सकता।
00:46:44आपके कहने पर हमने चौदरी की फैक्टीरी से भी कारीगर बुलाया था।
00:46:48कोई लगता है बात चौदरी तक होती है।
00:46:51और वो हमारा सपोर्ट करेंगा।
00:46:53उसकी पेपर के आवाम हक पाटी से दुश्मनी पुरानी है।
00:46:57बलराज चौदरी जैसे लोग कभी-कभी अपने मज़ब को अपना मकसथ समझ लेते हैं।
00:47:05सही कहा आप है।
00:47:07अगर वो अपने मज़ब के लिए लड़ सकते हैं, तो हम क्यों होगे।
00:47:11यह रड़ाई इनसाफ की नहीं है, हक की है।
00:47:15और अब आपकी आवाम अपने खोएवे हक को छीमने के लिए तैयार है।
00:47:41सत्या चोदरी मरने वाली है।
00:47:44गुजरने वाली है।
00:47:48कैंसर की बिमारी से।
00:47:56और इसके मरने के बाद क्या होगा?
00:47:59तुम इसकी तक्पर बेटगी।
00:48:01तुम्हारा शोहर तुम्हें पहली बीबी की इजद देने लगेगा।
00:48:04तुम्हारी शादी खुशाल हो जाएगा।
00:48:17ये त्योहार बहुत पसंद हुआ करता था मुझे।
00:48:24फिर क्या होगा?
00:48:30पतंकी उडान उमीद भर देती थी मुझे।
00:48:35अब सिर्फ कटी पतंगों पे ध्यान जाता है मेरा।
00:48:41यहाँ के लोग अपने पतंगों से बेहसाब इश्करते हैं।
00:48:44लेकिन इन्हें अपनी उडाने से ज़्यादा तूसरों के गिराने में मज़ा आता है।
00:48:50तुम हर चीज में बुराई ढूलते हूँ।
00:48:51आगर तुमने मेरी जिंदिगी जी होती ना, शायद तुम समझ पाती।
00:48:57कि मेरे नजरों में इतना अंधेरा क्यों होता है।
00:49:00हालाद सबकी जिंदिगी में आते हैं।
00:49:03लेकिन कड़वा मन अंत में जहर बन के हमी को जंग लगा देगा।
00:49:06तुमें कभी प्यार होहा है ।
00:49:08हालाद सबकी जिन्दगी में आते हैं।
00:49:11लेकिन कड़वा मन अन्त में जहर बन के हमी को जंग लगा देगा।
00:49:16जब किसी और की बर्बादी अपनी जीत चैसी लगे,
00:49:19तो हमसे ज्यादा बर्बाद और कोई नहीं है इस दुनिया में।
00:49:32तुम्हें कभी प्यार हुआ है?
00:49:39मेश लडाता बहुत तो इन पतंगो की दरा,
00:49:43लेकिन इशक से कटता नहीं।
00:50:09निकल नाचिये।
00:50:14वर ना ये शाम हम से आगे निकल जेगी।
00:50:16निकलना चाहिए
00:50:21औरना यह शाम हमसे आगई निकल जाएगी
00:50:47आप सही थी
00:50:50मेरे अंदर कुछ बदल गया है
00:50:56जफर की बज़ा से
00:50:59मुझे लगता है मुझे...
00:51:00आप शादी शुदा है
00:51:05वो शादी नहीं सोड़ा है
00:51:07सोचना वलटी है
00:51:10लेकिन उस पर अमल करना कुना है
00:51:12आपके एलावा और किसी को नहीं पता
00:51:17मुझे लगा आप समझेंगी
00:51:19कोटा चलाते है इसका मतलब यह नहीं है
00:51:22कि धोका देने के लिए हमसे इजासत ली जाएगी
00:51:26मैं आपकी बेज़दी नहीं करना जाँती थी
00:51:34आपके शोहर अच्छे इनसान है
00:51:37सिर्फ अच्छाए काफी होती है पूरी जिंदगी पितानी के लिए
00:52:07क्या हुआ?
00:52:38मुझे कुछ वक्त चाहिए सोचने के लिए
00:52:42सोचना क्या है?
00:52:45अगर स्टील इंडस्ट्री आ गई तो सब लोहार बेरोज़गार हो जाएगी
00:52:49क्या ये ख़बर चापने लाइक नहीं?
00:52:51लिकिन इंडस्ट्री जाने से देश का बहुत फायदा हो सकता है
00:52:53हम गुलामी नहीं करते हैं
00:52:56सवाल देश की तरक्की का है, किसी की गुलामी का नहीं
00:53:01पहले अंग्रेजों की गुलामी की, अब हिंदूं की
00:53:05यही करता रह जाएगा मुसल्मानिया
00:53:07बात को पलटने की कोशिश मत करिये
00:53:08अब हिंदूं की
00:53:10यही करता रह जाएगा मुसल्मानिया
00:53:12बात को पलटने की कोशिश मत करिये
00:53:16अगर हम हर जाती बयस में धर्म को कसीट लेंगे
00:53:18तो यह देश हमेशा चलता रहेगा
00:53:21मुसल्म लीग एलेक्शन जीच चुका है
00:53:23अब आप मुलकी नहीं
00:53:25बस अपनी फिकर कीचे
00:53:29सबकी फिकर करने की आदथ है मुझे
00:53:33और यही फर्क है आपने और मुझ में
00:53:36मैं लोगों के हालात का इस्तिमाल करके उन्हें बैकाता नहीं
00:53:41सही कहा आप
00:53:44बात मजब की ही है
00:53:45बात मजब की ही है।
00:53:48एक बार हमने अपना मुल्क बना लिया ना,
00:53:51तो फिर हमारी चीखे तो जाया जाएंगी नहीं।
00:53:56लेकिन तब आपकी चीखे कौन सुनेगा देव साहब?
00:54:10ये देव चोदरी को तुसरी में है।
00:54:15ये देव चोदरी को तुसरी में है।
00:54:38मुन्छी जी तुम्हें कॉंट्रैक देना चाहते हैं।
00:54:46और बदले में तुम्हें उन्हें क्या दिया?
00:54:50सिर्फ हिंदू होने के वज़े से तुम्हारी बात मान लिया उन्होंने?
00:54:55मैं खेरात नहीं लेता हूँ।
00:54:59मैं मदद कर रही हूँ, खेरात नहीं.
00:55:05और मैंने मांगी थी मदद आपसा,
00:55:09जैसा हूँ ठीक हूँ।
00:55:11हर चीज में बुराय क्यों ढूलते हूँ?
00:55:15अच्छाई से डर लगता है।
00:55:20उसे अक्सर बदले में कुछ चाहिए हूँ।
00:55:25मैंने तुम्हारी जमानत लिया।
00:55:28मुन्छी जी को समझाया कि हीरा मढ़ी तुम्हारा घर है।
00:55:31और बदले में मुझे कुछ नहीं चाहिए।
00:56:02तुम्हारा आज नहीं चाहिए।
00:56:16पढ़ना फसनत है?
00:56:19बहुत।
00:56:24आपको?
00:56:27बहुत।
00:56:28वो कैबनेट मिशन का आर्टिकल बन गया?
00:56:32नहीं, कुछ बात नहीं बन गया.
00:56:35शायद वो हमारा अगरी आर्टिकल होगा, जिससे हम...
00:56:38जिससे हम एक मुल्क, एक आवाम की सोच को आगे बढ़ा सके?
00:56:47आजादी की कीमत बटवारा है.
00:56:49जितनी जल्द हम इस बात को मान ले उतना फायदा होगा.
00:57:04मुझे देख के रास्ता के बदल देते हैं?
00:57:09तुम्हें शेयर दिखाने में इतना मश्गूल हो गया था,
00:57:12कि अपनी जिन्दगी के रास्ते भूल गया.
00:57:15मैं हुसनबाद छोड़ के जा रहे हूँ.
00:57:20अजीब है ये जिन्दगी भी.
00:57:24पहले मुझे यहाँ आना नहीं था.
00:57:28और अब यहाँ से जाना नहीं है.
00:57:33मुझे अकीन है कि तुम्हारे शोर जहाँ तुम्हें लेके जाएगे,
00:57:36तुम वहाँ खुशी ढूम लोगी.
00:57:40मैं उनसे प्यार नहीं करती.
00:57:41नाहीं वो मुझसे करते हैं.
00:57:47कब तक जीती रहूँगी ये जूट मैं?
00:57:50कुछ रिष्टे करजों की तरह होते हैं.
00:57:53उन्हें निभाना नहीं.
00:57:55चुकाना बढ़ते हैं.
00:58:00तुम जो भी करने की कोशिश कर रहे हूँ,
00:58:03उससे क्योंकि तुम्हारे शोर जाना नहीं है.
00:58:11किसी का फाइदा नहीं हो रहा.
00:58:13कभी-कभी नुखसान रोक लेना,
00:58:15फाइदे से बेतर होता है.
00:58:18जस्बात को रिवाजों की गुलामी नहीं करनी चाहिए.
00:58:24इस दुनिया के सारे गुनाओं में से सबसे बड़ा गुना कौन सा है पता है?
00:58:30अपने मन को मारना.
00:58:31मेरे मन में तुम्हार ले कुछ नहीं है, रू.
00:58:34मुझे तुमपे यकीन क्यों नहीं होता?
00:58:36क्योंकि तुम यकीन नहीं इश करना चाहती हो.
00:58:40परबाद हो जाओगी.
00:58:45दर्ब के लावा कुछ नहीं दे सकता मैं तुम.
00:58:49मनजूर है.
00:58:53तुम जानती नहीं मुझे.
00:58:54मेरी जिन्दगी को या उस वज़े को,
00:58:58जिस वज़े से मैं तुमारे करीब होना चाहता था.
00:59:05और वो वज़े महापत नहीं है.
00:59:11प्यार ना करने की हजार वज़े मिल सकती है डर के बाजार में.
00:59:14लेकिन प्यार करने की सिर्फ एक ढून नहीं होती है अपने दिल में.
00:59:21मुझे अपनी वज़े मिल गई है.
00:59:25बाकि तुमारी मरसी.
00:59:44आप लोगों को जल्दी उसना पाड़ छूडने की तयारी करनी चाहिए.
00:59:49मैं आपके बगएर कहीं नहीं जाओंगा.
00:59:56मैं तो जा रही हूँ आपके बगएर.
01:00:02डॉक्टर ने कहा आप भी आप ठीक हो सकती है.
01:00:04अपने आशिक की आखों में देखते हुए मरना बहुत कम लोगों को नसीब होता है.
01:00:10सुखोन के आशु है.
01:00:14मैं जा रहा हूँ आप टीक होना पड़ता हूँ फिर.
01:00:17फिर अपर ख़ोर को चोंचे नहीं हूँ.
01:00:30तर सीख और कराएँ भी यहीं करी करते है बहुत नहीं होँ.
01:00:32मेरा सुकून तो लेके जा रही है आप।
01:00:36अब क्या करूँगा जिन्दगी का मैं।
01:00:51पिछले कुछ दिनों से रूप से एक अच्छी ज़िन्दगी जा रही है।
01:00:56आप सुकून के आसू हैं।
01:00:59पिछले कुछ दिनों से रूप से एक अच्छी ज़िन्दगी जा रही है।
01:01:05अच्छी ज़िन्दगी।
01:01:10उससे मेरे हिस्सी की खुशिया मिलने वाली है।
01:01:19आपकी जगा कोई नहीं ले सकता।
01:01:23मैं उससे अपनी जगा देना चाहती हूँ।
01:01:29वादा करो।
01:01:34हमारे सारे खुआब आप उसके साथ पूरे करोगे।
01:01:39बीटियों को बढाओगे।
01:01:43बीटों के दोस्त वनोगे।
01:01:47पापा को माफ़ कर दोगे।
01:01:59मुझे मत छोड़ा सत्या।
01:02:03रुख जाओ।
01:02:28पापा को माफ़ कर दोगे।
01:02:58वादा करो।
01:03:23उनकी कमी महिनों तक हमारे साथ रही।
01:03:28सर अब्दूल की पार्टी अब महुत ताकतवर हो गई है।
01:03:32इस आटिकल के बारे में एक बार फिर सोच लेती हैं।
01:03:47एव मुबाल।
01:03:48हाँ कोई।
01:03:50क्या वो जानते हैं वो क्या करने जा रहे हैं।
01:03:52वैसे ही भवा में हाँ के लोग हमारे खुन के प्यासी हैं।
01:03:57इस आटिकल के बारे में यहाँ के लोहार हमें जिनदा चला दे गई।
01:04:06ख़ुआ अफिस।
01:04:22क्या वो जानते हैं वैसे ही भवा में हाँ के लोग हमें जिनदा चला दे गई।
01:04:52वैसे ही भवा में हाँ के लोग हमें जिनदा चला दे गई।
01:05:11जशन के मॉल में रंज मना रहे हैं।
01:05:18किसने कहा मैं रंज मना रहा हूँ।
01:05:21जशन में लोग मिलकर शाराब पीते हैं।
01:05:24तना शाराब रंज में पी जाती हैं।
01:05:31बस अपनी जिनदिगी इसे कुछ लम्में चुरा के अपने आप के साथ वक्त पिताना जाता हूँ।
01:05:36लोगों की तरसे बरी आँकों से ठक के हूँ।
01:05:42मैं भी।
01:05:44तो आपके रंज का राज क्या है?
01:05:49आपके हाथ में ना शाराब है, ना आप जशन में शामिल होना चाहते हैं।
01:06:00अन्जानों को राज बताना बहुत आसान होता है।
01:06:05मन भी अलका हो जाता है और इस्दक भी बनी रहती है।
01:06:08मुझे इश्क हो गया है शादी शदा लड़की से।
01:06:13देखे?
01:06:15मुसल्मान हूँ।
01:06:17इद बबाराथ।
01:06:19शुक्रिया।
01:06:22और वो इश्क करती है आप से।
01:06:27मेरी इश्क से कई ज़ादा।
01:06:30आपके लिए ज़वाद नहीं होगा।
01:06:32काशा आप उसके शोर होते हैं।
01:06:34ये किसा यही नहीं पड़ जाता।
01:06:42एक बार बात तो करके देखें।
01:06:46इतनिया भी बड़ी अजीब है।
01:06:49कोई किसी से बात नहीं करता है।
01:06:50सीधे जंग के निकल जाते हैं।
01:06:52कभी-कभी जंग कर लेना,
01:06:53दिल की बात बताने से आसान होता है।
01:06:54कौन सा पती है?
01:06:55एक ऐसी औरत के साथ रहना चाहिए कौँ जो किसी और से प्यार करती है।
01:07:07लेकिन इसमें एक और राज है।
01:07:09वाह-वाह।
01:07:11मैं कहानी सुनने आया था,
01:07:12आपने कठेरा घड़ा कर दिया।
01:07:13मसला यही है।
01:07:14कि मैंने उसमें सिर बाते सच बताये।
01:07:17तो फूरे बता दो।
01:07:18इतना आसान नहीं है।
01:07:21उससे इतना ही आसान होता है।
01:07:29ख़िर.
01:07:30आपकी कहानी के?
01:07:34बुस अपनी तलिए नहीं होता हूँ.
01:07:37वो ज़्याद आपने कहानी के?
01:07:39खेर हो, आपकी गानी क्या है?
01:07:44बस अपनी तूटी हुई कस्मत के तुकड़े समयट के आगे निकल जाना चाहता हूँ।
01:07:51लेकिन पता नहीं शुरुहात कहां से करो।
01:07:55पहला तुकड़ा जिस जखम से हुआ, उसे डून दिये।
01:07:58बागी तुकड़े अपने आप मिल जाएंगे।
01:08:09तो कितनी अर्थों के साथ सोएं आँ?
01:08:13यह कैसा बेवदा सबार है?
01:08:15मतलब एक।
01:08:19अठारा साल की उमर में शादी होती।
01:08:23आँ कितनी लड़कियों के साथ सोएं आँ?
01:08:25उतनी गिंती नहीं आती है मुझे।
01:08:28अच्छे तो देखें।
01:08:49कभी जिंदगी में चीखें आँ?
01:08:52आईए, आज घला फारड के जिंदगी को बोल देते हैं।
01:08:55आप कोशिस कीज़ी हैं
01:09:25बास बास बास
01:09:35कसम से एक ही लड़की के साथ जिंदगी बार
01:09:41उसरा साल आपके लिए बहुत मुझ़किल ना है
01:09:47अगर मेरे बरताव से आपको कोई तकलिफ पहुँची हो तो
01:09:51माफ़ी चाहता हूँ
01:09:52तो माफ़ी चाहता हूँ.
01:10:05अब या तो आप अलग हो सकती हैं...
01:10:11या शादी को एक और मौका दे सकती हैं.
01:10:13आप जो फेसला लेंगी मुझे मन्दूर है.
01:10:43उसे परिया वह परिया चाहता है.
01:11:05आपके कोटे के दर्वाजे हमेशा खुले रहते हैं.
01:11:10हमें कुछ भी चुपाने की ज़्योरत नहीं है.
01:11:14हम ये शहर छोड़के जा रहे हैं।
01:11:20अलविदा तो आप बहुत साल पहले कह चुके हैं।
01:11:24बताईए, आज कौन सी तकलीफ देने आए हैं।
01:11:29वक्त बदल गया, लेकिन आपने ही बदली बाहर जाया।
01:11:33अब अपने बेटे को इस्तेमाल करके
01:11:35आप हमारे खांदान को तबा करना चाहते हैं।
01:11:39समझाए उसे, रूप हमारी बहु है।
01:11:45ख़दा के मजाद का भी जवाब नहीं है।
01:11:48जिस आदमी ने इतनी जिंदिगियों का तमाशा बनाया।
01:11:53आज वो अपनी इजद बचाने के लिए गुजारिश करने आया है।
01:11:58वक्त नहीं, आपको भी नहीं बदला बल्राई साहाँ।
01:12:03हमने आपको साफ साफ समझाया था कि हमारा रिष्टा गलत था।
01:12:08लेकिन आप सच्चाई बरदाश नहीं कर पाए।
01:12:11और जिंदिगी बार हमसे धूका काने का तमाशा करती रहें।
01:12:14तो क्या यही कहकर तसली देते रहे आप अपने आपको।
01:12:19रिष्टा गलत था, तो क्यों बार-बार लोटके आते थे हमारे दर्वाजे पे।
01:12:25महापत आपको भी हुई थी बल्राई साहाँ।
01:12:27लेकिन समाच के डर से एक दिन अच्छानब कुड़े की तरफ फैंक दिया हमें।
01:12:34खिनाती है आपके खुदकरसी पर।
01:12:37महर-बानी करके यहां से निकल जाये।
01:12:47बा, क्या रह्मत बरसाई है खुदा ने मुझे आज।
01:12:51बरसों बाद अम्मी को मिलने आया था, साथ में अब्बा भी मिल गए।
01:12:57एक तरफ भार बेगम, जिसने मुझे फैंक दिया।
01:13:01और दूसरी तरफ बलराज शौदरी, जो कल तक मुझे कभूल नहीं कर रहा था।
01:13:07और आज मुझसे भीक मांगने आया है।
01:13:09येकिन वो काम तो आपका है, अपनों को छोड़ देना।
01:13:13आप को क्या पता है, खांदान क्या होता है?
01:13:17वैसे भी माशाल्बा, स्वर्षिण जानते की मैं मैं चोड़ देना।
01:13:21हम तुमसे अपने खांदान की इज़द की फीक मागे
01:13:25छोड़ दो उन्हें
01:13:27येकिन वो काम तो आपका है
01:13:29अपनों को छोड़ देना
01:13:32आपको क्या पता है खांदान क्या होता है
01:13:36वैसे भी माशा अल्ला
01:13:38सब अल्ला जानते की मेरे कितने बाई बहन गुम रहे है
01:13:41मेरा सिर्फ एक खांदान है
01:13:44जिसे मुझे तुम दोनों से बचाना है
01:13:47तो फिर कहे दो अपनी भावों से
01:13:49कि मुझे से इश करना छोड़ दे
01:13:56मैंने कहा था ना गिरा दो इसे
01:14:00इसकी पैदाईश ने हमारी रिष्ते का कतल कर दिया
01:14:03ज़्या आपकी असलियत को जाहर कर दिया
01:14:07यह हमारी आउलाद नहीं है
01:14:11हमारी एक गल्ती का नतीजा है
01:14:15जिसे हम जिन्दगी भर वे हार नहीं कर पाएँगे
01:14:20सफर, छोड़ दो इने
01:14:22सफर
01:14:28हमारे साथ जो भी करना है कर लो
01:14:31लेकिन हमारी गुनाओं की सजा हमारी बेटी को मत दो
01:14:35उसने कुछ नहीं बेखारा तुमारा
01:14:39मेरी मुलाकात हुई थी उससे हाँच
01:14:43सब कुछ है उसके पास
01:14:45खुशी के अलाब
01:14:46उससे दुनिया से बचाने की कश्म कश्में
01:14:49आप उसे प्यार देना भूल गये
01:14:51मेरी जिनदिगी का एक ही मकसद था
01:14:54आपको इस हाल में देखना
01:14:56लेकिन रूप सही कहती है
01:14:59जब किसी और की बरबादी अपनी जीज़ से लगे
01:15:02तो आपसे ज़्यादा बरबाद और कोई नहीं है इस दुनिया में
01:15:05तो आपसे ज़्यादा बरबाद और कोई नहीं है इस दुनिया में
01:15:09मैं जानता हूँ कि आप मुझे कभी कभूल नहीं करेंगे
01:15:13लेकिन यह इनकार भी नहीं कर सकते
01:15:14क्योंकि मैं हूँ तो आपी का हिस्सा
01:15:18बस मुझे अपने बेटे के हिस्से से रूप दे दे
01:15:21मौबत करता हूँ उससे
01:15:24इसके अलावा और कुछ नहीं माँगुगा
01:15:26रूप और देव की शादी से दूर रहो जफर
01:15:31वर्ना अन्जाम पूरा होगा
01:15:37रूप की मौबत मेरा हक है
01:15:40जिसके मालेक आप नहीं है
01:15:43और यह हक मैं लेके रहूंगा
01:15:46जफर
01:15:51हम जानते हैं कि आप हमारी किसी बी बात पर राजी नहीं
01:15:56लेकिन इस बार आप जानती हैं
01:15:59कि हम सही हैं
01:16:20आप जानते हैं कि आप हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर राजी नहीं हमारी किसी बात पर र
01:16:50आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते हैं कि आप जानते ह
01:17:21हीरा मंडी से आपको कोई मिलने के लिए आए हैं
01:17:38क्या हुआ मिया
01:17:45ये सब उस औरद की वाज़े से हो रहा है
01:17:48मुझे तो यकीन भी नहीं हो रहा कि चौधरी इस हद तक गिर सकता है आपको तकलीफ देने के लिए
01:17:53इसमें रूप का होई आदमी है
01:17:59इश का अंधाबन अकल के दरवाजे बंद कर देता है
01:18:02आपको दिखाए नहीं दे रहा चौधरी आपके साथ क्या खेल खेल रहा है
01:18:08लेकिन मैं अंधा नहीं हूँ
01:18:12आप चाहें तो उसे माफ कर दीजे
01:18:15लेकिन अब आपका बदला उस औरद से मैं लूँगा
01:18:23अगर उसे हाथ लगाया
01:18:24तो अमारे रिष्टे के साथ आपकी करदन भी काट दूँगा मैं
01:18:49महबाल
01:18:51महबाल
01:18:53अकसर गलती करवाते है
01:18:56कहा था हमें
01:19:01आप गलत समझ रही है
01:19:04कसम कही थी हमें
01:19:06कि इस चोखट पर कभी नहीं आएगे
01:19:11लेकिन आज आपने
01:19:13उस कसम तो कोड में पर मजबूर कर दिया
01:19:16आप नहीं जानती मेरा हाल क्या है
01:19:18और अपसोस
01:19:20अब वो बिदल नहीं पढ़ा है
01:19:25जफर हमारा और बराज का बेटा है
01:19:36उसने आपका इसतमाँ किया है
01:19:38इस घर को बरवात करने के लिए
01:19:40वो महबाल करता है मुझसे
01:19:42देखा है मैं भी उसकी आखों में
01:19:45शुरुवात के लिए
01:19:46उसने आपसे जूर बोला है
01:19:48उसने अपने हालात में कुछ खलितिया की होगी
01:19:50लेकिन हमारी महबात सची है
01:19:53पढ़ी लीखी हैं आप
01:19:55अकलमन्द है
01:19:57हीरा मंडी का लड़का है वो
01:19:59उसकी जिन्दगी में बिस्तर के बाहर
01:20:01किसी भी औरत की कोई कीमत नहीं है
01:20:02और आपसे तो हम बिस्तर भी नहीं होना चाहता था
01:20:07बस वो यही चाहता है कि किसी भी तरह
01:20:10भरे बाजार में
01:20:12बल्राच चौदरी को जलीव कर रहा है
01:20:15और आपके अंधे इश्क ने
01:20:18उसके सपने को पूरा करने का मौका दिया
01:20:23यही सच्चाई है
01:20:25मान ले
01:20:26अगर आप अपने शोहर को छोड़के उसके पास भी चली जाती
01:20:30तो वो आपको कभूल नहीं करता
01:20:36महपत उससे करते हैं
01:20:39जो आपके इज़द कर सके
01:20:42आपसे आपके महपत से ज्यादा महपत कर सके
01:20:49रोज नहीं चाहता था
01:20:51आपसे ज्यादा महपत कर सके
01:20:56रूप
01:20:59आप उसका इशक नहीं
01:21:02इंतकाम है
01:21:06और वो सिर्फ अपने इंतकाम से महपत करता है
01:21:22अपनी खांदानी लड़ारी जीतने के लिए
01:21:25आपने इतने साल अमेर सियासी जंगों में फ़सा दिया
01:21:29सभी कहते हैं सो
01:21:31हरामी हों का कुई ईमान नहीं होता
01:21:41अपने इंतकाम को पूरा करने के लिए
01:21:44जिस आग औपने पूरा दियी थी न
01:21:46अपने इंतिकाम को पूरा करने के लिए जिस आग को आपने फूंग दी थी न
01:21:53अब उसी आग से यह शहर जला दूँगा
01:21:57अब आप अपने आमाल का अंजाम रोख नहीं पाएंगे
01:22:05कुछ उस
01:22:17जरूरी था
01:22:20जफर हमसे नफरत शुरू से करते हैं
01:22:24थोड़ी और कर लेंगे
01:22:27लेकिन इस तरहों के जान तो बच चाएगी
01:22:30क्या फैदा जान बचचाने का
01:22:33जब आपने जीने का मकसत ही छीन लिया
01:22:37नाजायस महबत का अंजाम अकसर तबाही होता है
01:22:41जफर नाम है उसका, तुम्हारा भाई
01:22:45जिसे तुम ईद के दिन पर मिले थे
01:22:51मुझे में इम्मत नहीं थी अपनी गल्त्यों मुकों कमुल ख़ाने के
01:23:00जफर के बाद जैसे आपका प्रशाब है
01:23:03जिसे आपका बाद बाद नहीं है
01:23:06जफर के बाद नहीं नहीं है
01:23:07माफ़ कर दो मुझे
01:23:37माफ़ कर दो मुझे
01:24:07माफ़ कर दो मुझे
01:24:38माफ़ कर दो मुझे
01:24:41माफ़ कर दो मुझे
01:25:07मुझे हीरा मंडी में किसी से प्यार हो गया था
01:25:17आपने शुरुवाद से मुझे सच कहा है
01:25:23अब
01:25:25जब हम इस शादी को ठीक तरह से कायम कर रहे हैं
01:25:31मैं आपको अपना सच बता देना चाहते हूँ
01:25:37इस रिश्ते में इजद होगी
01:25:43प्यार नहीं होगा
01:25:49उम्मीद करती हूँ आपका दिल मुझसे बढ़ा हो
01:25:55और वक्त के साथ आप मुझे माफ़ कर दे रहे हैं
01:26:03आप किसी से प्यार करती थी
01:26:08फिर क्या बदल गया?
01:26:11मैं उनकी इजद नहीं करती हूँ
01:26:13और प्यार खत्म हो गया हूँ?
01:26:24आपने कहा आप इस रिश्ते को कायम करना चाहती हूँ
01:26:29अब क्यूं?
01:26:37इसे साथ सो लेना काफी नहीं होता
01:26:42और कई पहलों निभाने होते हैं शारी कायम करने में
01:26:48मैंने सत्या से हमेशा कहा था
01:26:50जबदस्ती बनाया रिश्तों का अंजाम कभी अच्छा नहीं होता
01:26:55उसकी खुशी की खाते रफनी कुर्बान कर दी मैंने
01:26:58और कहीं आपकी खुशियों का भी करतल हो गया
01:27:03इसके लिए मैं बहुत शर्मिन्दा था
01:27:11वक्के साथ वो शर्मिन्दा की शायद चाहत में बदल नहीं लगी
01:27:22आपकी पूरी जिनदी आपके सामनें बाकी है
01:27:27गुस्य में की ये फैसलें अक्सर गल्तियों में तबदील होते हैं
01:27:32एक बार अपने आपसे सच बोल के देखिये
01:27:37इस रिष्टी को और मुझे उतनी इस्जट थो देही सकती हुआ
01:27:53पती पतनी का रिष्टा रिवाज़ों से नहीं
01:27:57प्यार से बनना चाहिए
01:27:59पती पतनी का रिष्टा रिवाज़ों से नहीं
01:28:01पती पतनी का रिष्टा रिवाज़ों से नहीं
01:28:26देव चोदरी ने हमारे खिलाब फैसला ले दिया है
01:28:30मैंने भी एक फैसला लिया
01:28:33इन चोदरीयों को खत्म करने का
01:28:36सोच लीज़े
01:28:39अब जो हमारे साथ नहीं है
01:28:42वो हमारा तुष्मन है
01:29:00सरोज जी
01:29:18सरोज जी
01:29:29सरोज जी
01:29:31सरोज जी
01:29:33सरोज जी
01:29:57माफ कर दो मुझे
01:30:00बस
01:30:04यही कहने आये हो
01:30:07क्या फ़रक बढ़ता है
01:30:10इसलिए तुमने अपना फैसला ले लिया है
01:30:15ये ना
01:30:17पूरी शिद्धत से तुमसे प्यार किया
01:30:22और बदली में तुम्हें मानदारी तक नहीं कर पाए
01:30:29इतना बुश्किल था मुझसे सच बोला
01:30:39पूरी जिन्दगी दिल में एक चीज भरके रखी थी
01:30:43नफरत
01:30:45सबको दोखा दिया
01:30:48ताकि अपने अबबा से इंतिकाम दे सको
01:30:52तुमने मेरे नफरत को बेखर कर दी
01:30:54पर मेरे दिल में महवपत भर दी
01:30:58तो मेरे दिल को बदल रही थी
01:31:01मैं तर गया
01:31:03तर गया तुम्हारी महवपत से
01:31:08जो सब इस घर से चाहता था
01:31:14तुमने मुझे दिया
01:31:16अगर तुम्हें सच कहता
01:31:19तो खो देता
01:31:20छूट बोल के पार नहीं आ गया मुझे
01:31:26मैं एक दूसरे के नसीब में नहीं है रूम
01:31:31यही खुदा की मरसी
01:31:37तुम्हें कभी मुझे से प्यार हुआ ही नहीं
01:31:41अगर मुझे इसका जवाब देना पड़ा
01:31:45मुझे आपको प्यार करते है
01:31:47अगर मुझे इसका जवाब देना पड़ा,
01:31:51तो तुम्हारे मौपद में सावाल उठ जाएंगे.
01:31:59तुम कभी सीधा जवाब क्यों नहीं देते, जफर?
01:32:03एक बार कह दो.
01:32:08एक बार कह दो, मौपबद करते हूँ मुझसे.
01:32:33ठीक है.. नॉंगी है.
01:32:51बीचे की तलाभी है, साइड.
01:32:52चलि, आनल्नी.
01:33:02अलकुरी, अलकुरी, अलकुरी
01:33:23एमन
01:33:32अलकुरी, अलकुरी, अलकुरी
01:33:53जली, जली
01:34:02खतम कर दो तीनों को
01:34:32जली, जली, जली
01:35:02हम इने बढ़ा नहीं दो सकते
01:35:04सड्य यह हिंदुं को
01:35:05मुस्लमान पे सन्दा चार जा रहा है
01:35:07यह याँ सलामत नहीन है
01:35:09आप इने स्टेसियन ले चायिये
01:35:11जलो हमारे साथ
01:35:12हम अपनी हिंदु लड़्यूं को छूट कर नहीं जा सकता
01:35:14सारे हिंदू को मुसल्मान पे घरों में ढूंडा जा रहा है।
01:35:18यह यहाँ सालामत नहीं है।
01:35:20आप इन्हें स्टेशन ले चाहिए।
01:35:23चलो हमारे साथ।
01:35:24हम अपने हिंदू लड़कियों को छूड़ कर नहीं चाहिए।
01:35:27आप चलिए मेरे साथ अम्मी।
01:35:29जहाँ हमारी पैदाईश हुई थी।
01:35:32शैद होई हमारी मुझ आएगी।
01:35:36जाएगे।
01:35:38आप जाएगे।
01:35:41साफर।
01:35:58साफर।
01:36:29आदिंजी।
01:36:32चलिए।
01:36:35इस तरह।
01:36:58हमारी लाझमझंट आएगी।
01:37:08भी अदीशा, भी अदिशा.
01:37:12साफर।
01:37:21बहुत सबस्त्र तरह होगा।
01:37:25पोड़ा एक हमयाparod से कहता है,
01:37:27अगर आपको अपने लिए करते हैं, अपने लिए करते हैं।
01:37:29अगर आपको अपने लिए करते हैं, अपने लिए करते हैं।
01:37:31अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर �
01:38:02देव, आप ठीक हो देव
01:38:17आप लोग ट्रेन पर चड़िये, मैं नहीं रुपता हूँ
01:38:20मार देंगे आपको
01:38:22ये मेरे लोग हैं, मुझे कुछ नहीं करेंगे
01:38:31आपको अपने लिए करते हैं, अगर आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:34आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:35आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:36आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:37आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:38आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:39आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:40आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:41आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:42आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:38:43आपको अपने लिए करते हैं, अगर देव
01:39:09यहाँ, यहाँ
01:39:10चल्दी, चल्दी, चल्दी
01:39:12चलो, वो रहे हैं
01:39:13चलो, वो रहे हैं
01:39:14चलो, वो रहे हैं
01:39:15चलो, वो रहे हैं
01:39:16चलो, वो रहे हैं
01:39:17चलो, वो रहे हैं
01:39:18चलो, वो रहे हैं
01:39:19चलो, वो रहे हैं
01:39:20चलो, वो रहे हैं
01:39:21चलो, वो रहे हैं
01:39:23हटो, चल ये लुब
01:39:42हे, चलो हटो, हटो, हटो
01:39:47हे, हटो, हटो
01:39:52जह चोड़े अब तो इमील
01:40:01जाने दे उनने
01:40:04तेरी कहचन
01:40:08यह अथक
01:40:18जूड़ा कोने ना परवी टीजा चोगी
01:40:20या गंगले गंगले, गंगले गंगले
01:40:22हर खोडिया चोगे
01:40:23को जावशाँ इंसावन होगे
01:40:24हर बेश्का भी गंगले
01:40:26बेशिंगार भी बुलते होंगे
01:40:27या बलकार बजीती होगे
01:40:29जलो हमारे साथ!
01:40:59सफ़न!
01:41:17सफ़न चलो!
01:41:30भावो!
01:41:51जल्दी!
01:41:59जल्दी!
01:42:19सफ़न!
01:42:24सफ़न चलो!
01:42:27सफ़न!
01:42:29उठो सफ़न!
01:42:32सफ़न!
01:42:39उठो सफ़न!
01:42:42सफ़न उठो!
01:42:53भावो सफ़न!
01:42:59सफ़न चलो!
01:43:29सफ़न चलो!
01:43:59सफ़न चलो!
01:44:29सफ़न चलो!
01:44:59सफ़न चलो!
01:45:01सफ़न चलो!
01:45:03सफ़न चलो!
01:45:05सफ़न चलो!
01:45:07सफ़न चलो!
01:45:09सफ़न चलो!
01:45:11सफ़न चलो!
01:45:13सफ़न चलो!
01:45:15सफ़न चलो!
01:45:17सफ़न चलो!
01:45:19सफ़न चलो!
01:45:21सफ़न चलो!
01:45:23सफ़न चलो!
01:45:25सफ़न चलो!
01:45:27सफ़न चलो!
01:45:29सफ़न चलो!
01:45:31सफ़न चलो!
01:45:33सफ़न चलो!
01:45:35सफ़न चलो!
01:45:37सफ़न चलो!
01:45:39सफ़न चलो!
01:45:41सफ़न चलो!
01:45:43सफ़न चलो!
01:45:45सफ़न चलो!
01:45:47सफ़न चलो!
01:45:49सफ़न चलो!
01:45:51सफ़न चलो!
01:45:53सफ़न चलो!
01:45:55सफ़न चलो!
01:45:57सफ़न चलो!
01:45:59सफ़न चलो!
01:46:01सफ़न चलो!
01:46:03सफ़न चलो!
01:46:05सफ़न चलो!
01:46:07सफ़न चलो!
01:46:09सफ़न चलो!
01:46:11सफ़न चलो!
01:46:13सफ़न चलो!
01:46:15सफ़न चलो!
01:46:17सफ़न चलो!
01:46:19सफ़न चलो!
01:46:21सफ़न चलो!
01:46:23सफ़न चलो!
01:46:25सफ़न चलो!
01:46:27सफ़न चलो!
01:46:29सफ़न चलो!
01:46:31सफ़न चलो!
01:46:33सफ़न चलो!
01:46:35सफ़न चलो!
01:46:37सफ़न चलो!
01:46:39सफ़न चलो!
01:46:41सफ़न चलो!
01:46:43सफ़न चलो!
01:46:45सफ़न चलो!
01:46:47सफ़न चलो!
01:46:49सफ़न चलो!
01:46:51सफ़न चलो!
01:46:53सफ़न चलो!
01:46:55सफ़न चलो!
01:46:57सफ़न चलो!
01:46:59सफ़न चलो!
01:47:01सफ़न चलो!
01:47:03सफ़न चलो!
01:47:05सफ़न चलो!
01:47:07सफ़न चलो!
01:47:09सफ़न चलो!
01:47:11सफ़न चलो!
01:47:13सफ़न चलो!
01:47:15सफ़न चलो!
01:47:17सफ़न चलो!
01:47:19सफ़न चलो!
01:47:21लकीरे खीच लेने से दुनिया चोटी या बड़ी नहीं हो जाती
01:47:25बस हजारों जिंदिगियां बिखर जाती हैं
01:47:30अक्सर उन बिखरी होई जिंदिगियों में
01:47:32दिल तूटने का गम दो लोगों को जोड़ देता है
01:47:49देली टाइम्स अख़पार के देव और रूप का किस्सा भी पट्वारे की उन हजारों कहानियों में से है, जो इतिहास की चीखों में कहीं खो जाएंगे।
01:48:19देली टाइम्स अख़पार के देव और रूप का किस्सा भी पटवारे की उन हजारों कहानियों में से है, जो इतिहास की चीखों में कहीं खो जाएंगे।
01:48:26मौभबत और नफरत तोनुगे रंग लाल है, लिकिन फर्ख ये है की नफरत से दुनिया बर्बाद हो जाती है।
01:48:49और मौभबत, नत्रच से तुम्मी की रच शेसा हो जाती है।
01:48:54और महबत में खुद बरबाद होना पड़ता है।
01:49:09फिर भी, कलंग अकसर महबत पे लगते हैं।
01:49:24हमारी यह कलंग से रंगी महबत कभी मिटेगी नहीं।
01:49:31हमारे अंदर हमेशा मौजूद रहेगी।
01:49:55अब फैसला आपके नजरिये का है।
01:50:01आपने इस कहानी में क्या देखा?
01:50:05कलंग या महबत?

Recommended