Is Pyaar Ko Kya Naam Doon...Ek Bar Phir_|_Best Indian Drama _|_S4_|_Episode 21

  • 3 months ago
Assalam O Alaikum!
In this video I am gonna tell you about "IPKKND EK BAR PHIR".
"Is Pyaar Ko Kya Naam Doon... Ek Baar Phir" is a captivating Indian drama that revolves around the lives of two central characters, Astha and Shlok. Astha is a spirited and independent young woman who believes in standing up for what is right, while Shlok is a complex individual with a mysterious past and a hardened exterior.

Set against the backdrop of modern Indian society, the show delves into the intricacies of their relationship, which is fraught with misunderstandings, challenges, and societal expectations. As Astha and Shlok navigate through the complexities of love and family, they confront their own demons and learn to reconcile their differences.

With its engaging storyline, relatable characters, and emotional depth, "Is Pyaar Ko Kya Naam Doon... Ek Baar Phir" offers viewers a heartfelt journey of love, redemption, and self-discovery. Through Astha and Shlok's journey, the show explores themes of resilience, forgiveness, and the transformative power of love, leaving audiences both entertained and inspired.
THANKS FOR WATCHING
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Transcript
00:00अगर आपको अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अपने अप�
00:31क्या कर रही हूँ मैं?
00:35क्यूं मैं इतना सथ सवर के ये वरत रख रही हूँ?
00:39सर्फ इसलिए क्यूंकि बाके सब ने भी ये वरत रखा है?
00:44जोंकि मैं अच्छी तरह जानती हूँ.
00:46ये महाशिवरातरी का वरत
00:48कहीं मेरा मन बदल तो नहीं रहा है?
00:52जोंकि मैं अच्छी तरह जानती हूँ.
00:54ये महाशिवरातरी का वरत
00:55इस घर में अपने बदल की भलाय के लिए रखा जाता है.
00:58कहीं मेरा मन बदल तो नहीं हैं?
01:05ऐसे भी
01:09कहीं
01:12मेरा अदर बान्द वो ही ये तैलीर बातारेकी है?
01:14हमोखे नियाताि की वरपि skalो.
01:17मरुस्त्र की सकेजा.
01:19मेरा मन बदल किनिषने सीछित करों,
01:20ऐसे पी?
01:24कहीं, प्रेरसे मुझे शलोक से प्याद?
01:33मैं भी इतनी पागल हूँ.
01:37ये व्रत, मैंने सिर्फ और सिर्फ सासु भाई के कहने पर रखा है.
01:43और रही बात प्यार की
01:45और रही बात प्यार की
01:51वो तो सिर्फ एक पुरानी बात है
01:55जिसे मैंने
01:57अपनी दिल की किसी कोने में दबा कर रखा है.
02:03अप तो सिर्फ
02:06इंसानियत के नाथे मैं शलूप की मदद करना चाहती हूँ.
02:08मैंने इनकी अच्छाय से दुबारा मिलवाना चाहती हूँ.
02:13यूकि आरे इंसान को ये हग हैं.
02:19सोचा, सोचा, सोचा.
02:20चल, चल, यही सही मौंका है.
02:22चल के कुछ खा लेती हूँ, कुछ का.
02:23इसलिए तो इनका बस चलेगा ना
02:24तो शाम तक पाने के एक बून के लिए भी दर्शा देगी.
02:26चल. वही तो, कुछ भी नहीं खाती
02:28और हमें भी नहीं खाने देगी.
02:30चल ना.
02:30कुछ का पिपी तो घिर चुका है, हमारा भी घिराएँगी.
02:33चल कुछ खाती हूँ.
02:34क्या घिराएँगी?
02:35पहले, हमारा भी घिराएँगी.
02:36चल कुछ खाती हूँ.
02:37क्या घिराएँगी?
02:38आडू नहीं.
02:40चल.
02:40सोजल.
02:41भाई डारी वाइट.
02:45चल.
02:46नहीं.
02:46चल.
02:47नहीं.
02:48चल.
02:53अमेर.
02:57अमेर.
03:00करवाजा खोलो, अमेर.
03:02प्लीज़.
03:06प्लीज़, करवाजा खोलो.
03:07मेरे जान मुझकर नहीं किया, अमेर.
03:36सासु बाई.
03:38सासु बाई.
03:40सासु बाई, उठी करने हैं.
03:41अगला आपको प्लट पेशर फिर से लोग होगे.
03:44आराम से.
03:49आपकी तबवियट ठीक नहीं है दो दिन से.
03:52कुछ खा क्यों नहीं लेती आप?
03:55संबल के.
03:57पैठे.
03:58प्लीज कुछ खा लीज़े.
04:00मैं खाना लेकर आती हूँ.
04:02पानी लाओ.
04:03कुछ खा लीजे न, फ्लीज.
04:06साहेब ने भी वरत रखा है.
04:09जब तक वो खाना नहीं खाते, मैं नहीं खा सकते.
04:17इतना समय हो गया तुम्हें इस घर में.
04:20तुम्हें पता है न?
04:21वरत शाम को ही खोलते हैं.
04:25बनती सालों में मैंने
04:27साहेब से बहरे कभी खाना नहीं खाने.
04:30आज भी नहीं खाँगे.
04:37सासु बाई, मैं जानती हूँ.
04:39लेकिन, आपको बीपी की दवाई लेनी पड़ेगी न.
04:41खाली बेट तो ले नहीं सकते.
04:43कुछ खा लीजिये न.
04:45मुझे पता है.
04:47बाबा को इस बात से सहमत होगी.
04:49आस्ता.
04:52साहेब ने तुम्हे कुछ ज़्यादा ही छूट देकर रखी.
04:54जो इतनी ज़बान चलती है तुम्हारी.
04:56मुझे तुम्हे से कोई बयस नहीं करनी.
04:58साहेब ने तुम्हे कुछ ज़्यादा ही छूट देकर रखी.
05:00जो इतनी ज़बान चलती है तुम्हारी.
05:02मुझे तुम्हे से कोई बयस नहीं करनी.
05:04जाओ जाके सोचल की मदद करो.
05:05रात के खाने के त्यारी करनी.
05:08जाओ.
05:10खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़, खुफ़.
05:27सासो बाई अगर ऐसे ही जित करती रहे
05:30उनकी तब्यत और खराब हो जाएगी.
05:33क्या करो?
05:36ऐसा क्या करो जिससे मैं उन्हें खानी के लिए मना सको?
05:39जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाएगी, जाए
06:10राह सीज्ञ धें चींड२
06:28सरवासा खॉली
06:31द्रवासा खॉली फसि द्रवासा खॉली फस Scott
06:34तेरा यह दाम खुदर है मै फस सीज़
06:38अब तेरा दम खुड रहा है, हाँ?
06:41और जब मेरा हाथ जलाया था, तब क्या हुआ था तुझे?
06:44अब मैं मैंने जान्मूज़ के नहीं किया.
06:47चो हुआ गलती से हुआ, फ्लीद मेरे विश्वास कीजिए.
06:50मैं अपने सबने में भी आपके साथ बुढ़ा नहीं कर सकती, अब मैं फ्लीद, एक बाद.
06:55मैं जानता हूँ कि ये तुने गलती से किया.
07:00तो कि अगर तुझे जान्मूज़ के करती, तो मैं तुझे जिन्दा नहीं छोड़ता.
07:04पर गलती तो होई है ना, और गलती गलती होती है, सजा तो मिलेगी.
07:09नहीं आपने, फ्लीद, फ्लीद, दर्वासा कोली, मैं यहाँ मर जाओंगी, आपने, फ्लीद.
07:17चल अब ये सब नाटक बंद कर, और अपनी आई की बात हमेशा ज्यान में रखने के लिए.
07:21चल अब ये सब नाटक बंद कर, और अपनी आई की बात हमेशा ज्यान में रखने के लिए.
07:26ये औरतों को सब कुछ सहना पड़ता हैं.
07:29आपने, आपने, नहीं, दर्वासा कोली, आपने, फ्लीद, ऐसे मत करो, मेरे स्थानों भाई.
07:51खुदवीकाट
08:15ये लोग,
08:19वै्ट करें तुमारा,
08:20तुम्हारे जैसा नहीं होगा.
08:22अगर मैं भी वैसा ही करता
08:25तुम्हें और मुझें कोई फर्क नहीं रह जाता.
08:30पढ़ा नहीं.
08:32इस जन्नम में मैं आपको कभी समझ पाओंगी भी है नहीं.
08:34मेस्टर अक्रुम.
08:36आपके ज़िन्दगी एक पहली की तरह है.
08:40इसका अगर एक सिरा मैं समझूं
08:42तो दूसरा और भी उलट जाता है.
08:44एक पल में अक्रुम
08:45और दूसरे ही पल में आप अच्छे हो जाते हैं.
08:48जहां मैं आपको समझ पाओंगी
08:50उस घेहराई तक पहुँचना चाहती हूँ मैं.
08:53ताकि मैं आपकी मदद कर सकूँ.
08:59डाइरी.
09:16आज मैंने स्वाती को हरी और लाल चूड़िया दे.
09:20उसकी खिल-खिलादी हसी ने मुझे दुनिया की सारी खुशी दे दे.
09:26किसी को पसंद करते-करते
09:29शायद अपनी पसंद भी बदल जाती.
09:33चूड़ियों की घंखन स्वाती को पसंद नहीं थी.
09:36लेकिन जैसे ही वो चूड़िया मैंने उसकी कलाई में पहना आए
09:39उनकी घंखन से जैसे उसका छेहरा खिल उठा.
09:47मैं याकिन नहीं होता मुझे.
09:49शलोग किसी की इतनी छोटी-छोटी चीज़ों का ध्यान रख सकते हैं.
09:55किसी की ही खासी के लिए इतना कुछ करना.
09:58चाची.
10:05हाँ, काविया.
10:07चाची.
10:09उपवास रखना मुझे अच्छा नहीं रखता.
10:14तेरे पेट में गुड़-गुड़ होती है.
10:20पेट में गुड़-गुड़ हो रही है?
10:23तो फिर इस गुड़-गुड़ को शान करना पड़ेगा.
10:27क्या करे, क्या करे?
10:29कुछ खाले.
10:31लेकिन चाची, उपवास में खाना कैसे खाएंगे?
10:37पूजा तो हो गई.
10:39तुम अब खाना खा सकते हैं.
10:41लेकिन आजी ने कहा,
10:43आजुबा, पापा के खाने के बाद ही मैं खा सकते हूं.
10:50लेकिन उपवास का खाना तो खाए सकते हैं.
10:53मुझे पता था, मेरे छूटे से शैताण को जरूर भूँख लगेगे.
10:57इसलिए मैंने पहले से दूद बना कर रखा है तुम्हारे.
11:00दूद पिए?
11:04चल, चल्दी, चल्दी, चल्दी, चल्दी, चल्दी, चल्दी.
11:14चाची, ये दूसरा दूद किसके लिए है?
11:17बताओ, किसके लिए है?
11:21ये दूसरा गलास बड़ी कावया के लिए है.
11:24चाची, ये बड़ी कावया कौम है?
11:29किसे को बताना मत.
11:30पक्का.
11:32बड़ी कावया तुम्हारी अच्छी है.
11:36वो भी न, इसकुल तुम्हारे तरहें, सिद्धी.
11:38वो भी न, इसकुल तुम्हारे तरहें, सिद्धी.
11:41लेकिन ये सीकरेट सिर्फ हम दोनों के बीच है.
11:44किसे को बताना मत.
11:46जाओ, पियो.
11:49आजा, जाओ आई के साथ.
11:52जाओ.
12:08सासो बाई, ये लीज़े दूद पी लीज़े.
12:11खाना ना सहे, दूद तो पी ही सकती है ना आप.
12:15उसके बाद दवाई ले लीज़े.
12:17और अब तो पूजा भी हो गई, अब कोई बहाना नहीं चलेगा.
12:20चली, दूद पी लीज़े.
12:21आस्था, इस उपवास के साथ मैं कोई समझाता नहीं करूँगी.
12:28दूद वापस ले जाओ.
12:33सासो बाई.
12:35परिया.
12:50सासो बाई.
12:53मैं थीक है.
12:56सासो.
12:57जिस तरह से सासो बाई कुछ कोो तकलीफ देखा है.
13:01मैं बहुत इस बात का डर है, क्योंकि उन्हीं की तबयत और ना बिगर जाया.
13:04आस्था, चाओ.
13:35बापा, कुछ ऐसा कीजिए
13:36जिससे वो खडूस बाबा को जल्दी से घर लेकर आ जाए.
13:39ताकि सासो बाई कुछ खा सके.
14:04काट दिया.
14:35Switched off.
14:40Message कर देते हूँ.
14:42Shlok, please call.
14:50Message भी डिलिवर नहीं हो रहा है.
15:05सासो बाई वाlsp बाई, जल्दी से पानी लेवाँ पर dependent बन गिल्ड चल्दी
15:10अधलाये, think कर गई तंदाल
15:17आगे अगर मैं चला चल्दी ले से पलानी적인 शत्यकान फलपरी बडびे�
15:24आपे समझा येन कुछ खायें जैने ना
15:29जाना उनका सर तबा के दे बेटा.
15:31उनका अच्छा लगेगा.
15:33जाना आई सर तबा ना बेटा.
16:00सासु बाई, इस तरह अपनी सेहत पर ध्यान ना देना
16:03ठीक बात नहीं है.
16:05सेहत का क्या है?
16:09बदलते रेतु की तरह बदलते रहती हैं.
16:14सेहत के लिए मैं परंपराओं को उनलंगन नहीं कर सकती.
16:25सासु बाई से जीतना तो इंपोसिबल नहीं है.
16:27क्या करूँ मैं?
16:29हाँ, एक काम करते हूँ.
16:32बाबा को फोन लगा कर देखते हूँ.
16:33उनसे पूछती हूँ उन्हें कितना टाइम है घर आने में.
16:58बाबा, फोन क्यों नहीं उठा रहे हैं?
17:05ये लीजे, थोड़ा सा खा लीजे.
17:07साहेब आएंगे तो खा लूगे.
17:08बाबा ने कहा है न, उन्होंने खाना खा लिया है.
17:11और उन्हें आने में देड़ी हो जाएगी.
17:12अब खाना खा लीजे.
17:14ये लीजे, थोड़ा सा खा लीजे.
17:16साहेब आएंगे तो खा लूगे.
17:17बाबा ने कहा है न, उन्होंने खाना खा लिया है.
17:19और उन्हें आने में देड़ी हो जाएगी.
17:21अब खाना खा लीजे.
17:43बाबा ने कहा है न, उन्होंने खा लिये है.
17:45बाबा ने कहा है न, उन्होंने खा लिये है.

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