Kon-Tiki The Historical True StoryMovie Explained In Hindi

  • 3 months ago
Kon-Tiki (2012) Survival movie explained in Hindi Urdu. The South Korean Survival adventure film “Kon Tiki” as known as Journey has no limits summarized with a full ending in हिन्दी explanation. The plot revolves around a legendary adventurer embarking on a challenging 4,300-mile journey across the Pacific Ocean using a balsawood raft. These men experience sharks and enormous tidal waves while on their mission. Like, Share and Subscribe. Will you?

This film follows the true story of the Norwegian explorer and writer Thor Heyerdahl and his epic journey across the Pacific Ocean on a wooden raft. Heyerdahl and a small team of fellow adventurers set out to prove that ancient peoples from South America could have settled Polynesia in pre-Columbian times. Despite facing numerous challenges and obstacles along the way, including storms, sharks, and the threat of starvation, the Kon-Tiki crew ultimately succeed in their daring crossing of the Pacific. The film is based on Heyerdahl's own account of the expedition, which he documented in his bestselling book of the same name.

Credits:
Images and footage Source: Nordisk Film
Director: Joachim Rønning
Producer: Jeremy Thomas and Recorded Picture Company
Edited by: Per-Erik Eriksen

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Transcript
00:00इस फिल्म की कहानी की शुरुवात में थोर हैडाहल नाम के एक युवा लड़के को बर्फीले वातावरण में चित्रित किया गया है।
00:09परन्तु वहाँ पानी था और बर्फ पिघल गयी थी और पानी पर बर्फ के दो टुकडे थे जिन में से एक पर कुलहाडी थी।
00:18वहाँ बहुत सारे बच्चे थे और कोई भी वहाँ जाना नहीं चाहता था लेकिन बच्चों के मना करने के बावजूद थोर वहाँ चला गया।
00:28वहाँ कुलहाडी उठाता है लेकिन जब वहाँ कुलहाडी लेकर लोट रहा था तो उसका पैर फिसल गया अब वहाँ पानी में डूबने लगा लेकिन उसके एक दोस्त ने उसे बचा लिया।
00:39अब थोर को घर लाया गया और उसके पिता कहते हैं कि तुम्हे सबक मिल गया होगा और मुझसे वादा करो कि तुम अपने जीवन में कभी भी यह जोखिम नहीं उठाओगे लेकिन थोर ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया।
00:54धीरे धीरे समय बीटता गया और अब 1937 का समय था और थोर बड़ा हो गया था और अलग-अलग जगों पर घूमता रहता था। वह अलग-अलग इलाकों के लोगों पर रिसर्च करते थे और इसे अपनी किताप थोर में लिखा था जो यहां के लोगों पर रिसर्च करने औ
01:24रहते हैं। बूड़ा आद्मी कहता है कि सब कुछ पूर्व से आया है जैसे
01:40हवा और सूरज की रोशनी हम भी सूरज की रोशनी के कारण यहां आते हैं। फिर बूड़ा
01:47आद्मी उसे एक मूर्टी दिखाता है जो उनके भगवान की थी। कहानी यह है कि वे सभी दक्षन अमेरिका से आते हैं लेकिन
01:57कुछ लोगों ने उनके बारे में गलत लिखा है कि वे एशिया थोर से आये हैं। इस पर हैरानी हुई। अब साल
02:05के लिए उन्होंने इसके बारे में एक किताब लिखी और उन्होंने अपने जीवन के दस साल इस द्वीप पर बिताएं और यह सब जानने के बाद उन्होंने निशकर्ष निकाला कि बूड़ा व्यक्ति इस बारे में सही था कि द्वीप पर लोग दक्षन अमेरिका से आये
02:35थे और यहाँ बात हम पिछले 1500 वर्षों से सुनते आ रहे हैं। उस समय दक्षन
02:41अमेरिका के पास ना तो कोई तक्नीक थी और नहीं कोई नाव। यात्रा करना
02:47यहां तक की एशियाईयों के पास भी यह सब हैं इसलिए नहीं कोई नाव के
02:54सिद्धान्त पर विश्वास नहीं करेगा। थोर कहते हैं कि वे एक लकड़ी
03:00की नाव पर आये थे यह उनके द्वारा बनाया गया था लेकिन प्रकाशक
03:05हंसने लगता है और उसे अमेरिका से नाव पर यात्रा करने और द्वीप
03:09तक पहुँचने के लिए कहता है। यदि आप सफल हो जाएंगे तो मैं आपकी
03:15पुस्तक प्रकाशित करूंगा। प्रकाशक ऐसा इसलिए कह रहा था क्योंकि
03:21विशाल समुद्र में लंबी यात्रा अब नाव पर नहीं की जा सकती। थोर उसका
03:27बस अपनी बात को साबिद करने का एक तरीका है यानि दक्षन
03:31अमेरिका से नाव पर अपनी यात्रा शुरू करना। यह यात्रा
03:35समुद्र में आठ हजार किलोमीटर से अधिक की हैं जिसमें
03:39बड़े बड़े जहास डूब जाते हैं। थोर को इन सब के
03:43लिए पैसो की जरूरत है। वह मैगजीन के पास जाता है और उन्हें
03:47बताता है कि वह एक हजार पांट सो साल पहले काम करने
03:51वाले लकडी के चुहे पर आठ हजार किलोमीटर की यात्रा
03:55करेगा और इसमें कोई सुविधा नहीं होगी। मैगजीन
03:59मालिक कहता है कि क्या आप चाहते हैं दम तूटना? हम उन
04:03लोगों को पैसे नहीं देते जो स्वेच्छा से आत्माथ्या
04:07करना चाहते हैं फिर वह क्लब में चला जाता है। वहां
04:11वह उन लोगों से मिलते हैं जो समुद्र में अपना
04:15समय बिताते हैं और वह उन्हें बेड़ा का नक्षा दिखाते
04:19हैं और उनसे पूछते हैं कि क्या वे उनका समर्थन
04:23करेंगे? इसी बीच उनमें से एक शक्स पूछता है कि
04:27क्या आप जानते हैं कि यह कितना मुश्किल है? आप
04:31जो नक्षा दिखा रहे हैं अगर हम लकडिया बांदेंगे
04:35तो कुछी दिनों में रस्या खुल जाएंगी. ऐसी स्थिती
04:39में हम फंच सकते हैं और पानी में डूब कर मर सकते
04:43हैं. थोर उन्हें सुनने के बाद चला जाता है और
04:47वहाँ थोर के पास जाता है और कहता है कि मुझे
04:51आपके बेड़े का विचार पसंद आया लेकिन थोर
04:55कहता है कि तुम कौन हो? वह कहता है मैं एक इंजिनियर
04:59हूँ. मैं भी इसी तरह आपका समर्थन करना
05:03चाहता हूँ कि तुम कौन हो? वह कहता है मैं एक
05:07इंजिनियर हूँ. मैं भी इसी तरह आपका
05:11समर्थन करना चाहता हूँ. थोर को अपना पहला
05:15साथी मिल गया है और उसने उसे अपनी टीम में
05:19शामिल किया है. फिर भी उसे इस काम के लिए
05:23पैसो की जरूरत है इसलिए उसने अपनी पत्नी
05:27को फोन किया और कहा कि वह इस क्रिस्मस पर
05:31घार नहीं आ Canvas kapa. मैं यात्रा पर जा रहा हूयँ.
05:35लेकिन उसकी पत्नी उसे मना करती है और कहती है
05:39कि नहीं, ऐसा मत करो क्योंकि यह मिश्किल है.
05:41वह कहता है अपनी पतनी से कहा की अगर मैं
05:46करूँगा तो मैं खत्म हो जाओंगा क्योंकि मैंने अपनी
05:49जिन्दगी के 10 साल इस रिसर्च पर खर्च कर दिये
05:52हैं। इतना कहकर वह कॉल कार्ड देता है।
05:55इसके बाद, वहाँ अपने साथी के साथ एक जगह जाता है
06:00और वहां उसके तीन साथियों के साथ एक लकडी का
06:03स्टॉक था और वे कुल मिलाकर पांच थे।
06:06ठोर का कहना है कि हम कुछ भी नहीं बदल सकते हैं
06:10अन्यता हमारा दावा जूटा होगा कि वे नाव पर सवार होकर आया
06:15फिर वह एक आदमी के पास गया जो अमीर था और वह उसे
06:19पैसे देने के लिए सहमत हो गया और उनकी खबर अखबार में थी।
06:24खबर देखकर एक कैमरामैन भी उनकी टीम में शामिल हो जाता है
06:28ताकि वह इस यात्रा को रिकॉर्ड कर सके उनोंने एक बेडा बनाया है और बहुत से लोग उन्हें
06:34अलविदा कहने के लिए समुद्र के किनारे आते हैं। वे सभी मानते हैं
06:40कि वे उन्हें दोबारा नहीं देख सकते क्योंकि वे विशाल समुद्र में एक
06:44चोटे से जहाज पर थे। उनके पास मुसीबत में काम आने वाली एक
06:50चोटी सी नाव, कुछ खाने का सामान और एक रेडियो है। धीरे-धीरे
06:56उनका बेडा समुद्र की गहराई तक चला जाता है लेकिन फिर एक रात
07:00जब वे सो रहे थे तो एक बड़ा तूफान आया, थोर बेडा का परदा
07:04हटाते समय पानी में गिर जाता है और उसे तैरना नहीं आता
07:08लेकिन उसके साथियोंने उसे बचा लिया। इसी तरह वह बच गया,
07:14सुभा उनोंने देखा कि तूफान ने उनके बेड़े को नुकसान
07:18पहचाया है, अब वे उसकी मरम्मत करते हैं और समुद्र
07:22शांत था और वे धीरे धीरे अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे
07:26थे। ये सफर इतना आसान नहीं था जितना वो सोच रहे
07:30थे। इसी बीच उन्हें एक शार्क दिखती है और वो उसे
07:34रेकॉर्ड करना शुरू कर देते हैं। थोर का साथी, जो
07:38एक इंजिनियर था, देखता है कि शार्क उनके बेड़े
07:42से नीचे जा रही है, वह डर जाता है और शार्क
07:46को खत्म करने के लिए एक हतियार उठाता है और उस पर
07:50फैंक देता है। उसके साथी उसे मना कर रहे थे लेकिन
07:54उसने ऐसा नहीं किया और उसने जो हतियार फैंका उसमें
07:58रसी बंदी होती है और वो शार्क को लगती है जिससे
08:02वो पागल हो जाती है और समुद्र में भटकने लगती
08:06है। उनका बेडा डूबने ही वाला था लेकिन वे बच
08:10निकलते हैं और अपने साथी से लडते भी हैं. वह
08:14कहता है कि तुमने ऐसा क्यो किया? हम एक बड़ी
08:18मुसीबत में फंच सकते हैं और यहां थोर कहता
08:32है कि तुमने काम करना बंद कर दिया और वे किसी
08:36से संपर्क नहीं कर सके. उनके इंजिनियर साथी का
08:40दिमाग खराब हो रहा था और उन्हें विश्वास था कि
08:44बेडा जल्द ही डूब जाएगा. सब मर जाएँगे,
08:48यही बात उसके मन में चल रही थी. बाद में,
09:02उसे देख लेता है और उसे पानी से बाहर ले जाता है.
09:06इसी तरह वह बज गया और समुद्र में हर जगा खत्रा था.
09:10उनकी मौत हर जगा थी. उनमें से एक के पास एक
09:14तोता है और वह पानी पर बैठता है लेकिन एक बड़ी
09:18है और उसे खा जाती है. तोते के मालिक को बुरा
09:22लगता है और जब शार्क नाव के करीब आती है तो वह आदमी
09:26उसे अपनी पून्च से उठा लेता है और नाव पर बिठा
09:30लेता है और दोनों मिलकर मुठभेड समाप्त करते हैं.
09:34अगर शार्क को हराने में काम्याब हो जाते हैं तो उसका
09:38खून पानी में फैल जाता है जिसके कारण कई शार्क उनके
09:42राफ्ट के करीब आ रही थी और इंजिनियर साथी डर जाता
09:46है. इसी बीच वह एक बक्सा लाता है जिसमें लोहे
09:50और वह कहता है कि हम इससे अपना बेडा बान सकते हैं.
09:54नहीं तो हम दूब जाएंगे और शार्क का भोजन बन जाएंगे
09:58लेकिन थोर तारों को फैंक देता है और कहता है कि नहीं
10:02हम 1500 साल पहले गए लोगों की तरह जाएंगे
10:06लेकिन इस सब से इंजिनियर नाराज हो जाता है डॉट उसका पैर
10:10फिसल गया और वह पानी में गिर गया लेकिन इससे पहले कि
10:14वह शार्क का भोजन बनता उसके साथियों ने उसे बचा लिया
10:18फिर वह उनसे माफी मांगता है क्योंकि वह गलत था
10:22बड़ी बात यह थी कि वे अपनी यात्रा पर थे लेकिन
10:26कोई नहीं जानता कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:30या नहीं लेकिन ठोर का ध्रिड विश्वास है और उनका
10:34कहना है कि हम सही रास्ते पर जा रहे हैं उनकी यात्रा
10:38बात यह थी कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:42या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:46या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:50या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:54या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
10:58या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
11:02या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
11:06या नहीं लेकिन कि वे सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं
11:10वे करीब आते हैं और लहरों के कारण उनका बेड़ा डूपने वाला होता है
11:14लेकिन किसमत उनके पक्ष में थी और वे पॉलिनेशियन द्वीप पर पहुँच जाते हैं
11:18उनोंने इतिहास बदल दिया है
11:22उनोंने कई सालों की थियोरी को गलत साबित कर दिया है
11:26इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर हमारी सोच शुध है तो इस दुनिया में कुछ भी मुश्किल नहीं है
11:33और अगर हमारे अंदर काम के प्रती जुनून है तो बड़ी से बड़ी मुसीबत भी उन छे की तरह आसानी से हल हो सकती है
11:41कि वहाँ ऐसा कर सकते हैं उन छे लोगों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर 101 दिन का सफर पूरा किया उन्होंने इतिहास में अपना नाम लिखवाया और इस से यह सिध हो गया कि पोलिनेशियन लोग एशियाई नहीं बल्कि दक्षिन अमेरिका से हैं जिस नाम पर उन्हो
12:11रखा हुआ है और इसे देखने के लिए हर साल हजारों लोग आते थे।
12:15यह उस फिल्म का अंथ है जो सच्ची कहानी पर आधारित थी।
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