बालाघाट. पति की दीर्घायु, सौभाग्य जीवन, परिवार की सुख समृद्धि सहित अन्य मंगल कामनाओं के साथ गुरुवार को महिलाओं ने सावित्री व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा-अर्चना की। गुरुवार को सुबह से ही नगर के विभिन्न स्थानों पर स्थित वट वृक्षों के आसपास महिलाओं का जमावड़ा लगा रहा। जहां फल-फूल और मिष्ठान सहित अन्य सामग्रियां चढ़ाई। इसके बाद वट वृक्ष की परिक्रमा कर विशेष पूजा अर्चना की। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्राचीन काल में सत्यवान हरिशचंद जंगल गए थे। जिन्हें सांप ने काट लिया था। तब सावित्री माता ने अपने पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को रखा था। सावित्री माता ने यमदूत के पास से अपने पति के प्राण वापस लाए थे। यह व्रत कर उन्होंने सौ पुत्रों को जन्म देने वाला वरदान हासिल किया था। जिसके चलते यमदूत को उनके पति के प्राण वापस करने पड़े थे। तब से लेकर पति की दीर्घायु,परिवार की सुख समृद्धि सहित अन्य मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा-अर्चना करती है।
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