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पुराणों के मुताबिक गणेश जी का जन्म भादौ की चतुर्थी को दिन के दूसरे प्रहर में हुआ था। उस दिन स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त था। ऐसा ही संयोग 19 सितंबर को बन रहा है। इन्हीं तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग में मध्याह्न यानी दोपहर में जब सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है, तब देवी पार्वती ने गणपति की मूर्ति बनाई और उसमें शिवजी ने प्राण डाले थे। वीडियो में देखें गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट: गणेश चतुर्थी पूजा में क्या क्या सामान लगता है ?

According to the Puranas, Lord Ganesha was born on the Chaturthi of Bhadau in the second quarter of the day. That day was Swati Nakshatra and Abhijeet Muhurta. A similar coincidence is taking place on 19th September. In the coincidence of these dates, times and constellations, in the afternoon when the Sun is directly above the head, Goddess Parvati made the idol of Ganapati and Lord Shiva sacrificed his life in it.

#GaneshChaturthi2023PujaSamagriList
~HT.99~ED.117~PR.111~

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