बैसाखी से थक चुकी है मंजू, अब ट्राइसाइकिल के लिए भटक रही

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अजमेर. बैसाखियों के सहारे धूप में दफ्तरों के चक्कर काटती नि:शक्त महिला की हिम्मत टूट गई। एक ओर चलने-फिरने में परेशानी दूसरी ओर 38 डिग्री पारा से सांसें फूल गई। एक से दूसरे दफ्तर में पहुंच कर ट्राइसाइकिल के लिए फरियाद करती महिला की उम्मीद जब पूरी होते नहीं दिखी तो फफक-फफक