साथियों, मनुष्य समय के अनुसार बदलता जा रहा है और प्रत्येक कार्य में अपनी संकीर्णता देखता है। अतः किसी भी घटना में जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे की सहायता करता है तो वह उसमें अपना लाभ या प्रतिशोध रखता है। परन्तु जब किसी व्यक्ति में कृतघ्नता या उपकार के लायक ऐसी किसी बात को करने के लिए प्रतिशोध की भावना नहीं होती है, तो उसे नेकी कर दरिया मे डाल कहा जाता है ।