नदी जो धरती को सींचकर उसके सीने पर लहलहाती फसलों को खड़ा करती है उसने खेत के खेत डुबो दिए हैं. नदी जो जीवनदायिनी होती है.. उसके रौद्र रूप से सहमा हुआ है इंसान. और ऐसी एक नहीं.. पांच नदियों के प्रचंड प्रहार से कराह रहा है हिंदुस्तान का वो हिस्सा.. जहां खतरे का निशान पार कर चुकी नदियां पूरे वेग के साथ गांवों के भीतर दस्तक दे चुकी हैं.
Category
🗞
News