मलिका बेगम की दिल्ली की सैर | Rasheed Jahan | Full Story | Ek Mulaqat Zaruri hai | Podcast | Boldsky
आज की कहानी “दिल्ली की सैर” है। इस कहानी में एक औरत हैं मलिका बेगम जो पहली बार दिल्ली की सैर को निकलती हैं। और सफर के दौरान क्या क्या होता है वो सभी किस्से मज़ेदार तरीके से अपनी सहेलियों और पड़ोसियों को सुनाती हैं।
रशीद जहान (25 अगस्त 1905 - 29 जुलाई 1952) एक भारतीय लेखक और चिकित्सक थीं जो अपने उर्दू साहित्य और तीखी सामाजिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने लघु कथाएँ और नाटक लिखे और अंगारे किताब (1932) में योगदान दिया, जो सज्जाद ज़हीर, अहमद अली और महमूदुज़ ज़फ़र के सहयोग से लिखी गई अपरंपरागत लघु कथाओं का संग्रह है।
अपने जीवनकाल के दौरान, जहान प्रोग्रेसिव राइटर्स मूवमेंट और इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन की सक्रिय सदस्य थीं। जहान को अब तक की पहली नारीवादियों में से एक कहा गया है और वह एक प्रमुख भारतीय कम्युनिस्ट थीं।
#hindishortstory
रशीद जहान (25 अगस्त 1905 - 29 जुलाई 1952) एक भारतीय लेखक और चिकित्सक थीं जो अपने उर्दू साहित्य और तीखी सामाजिक टिप्पणियों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने लघु कथाएँ और नाटक लिखे और अंगारे किताब (1932) में योगदान दिया, जो सज्जाद ज़हीर, अहमद अली और महमूदुज़ ज़फ़र के सहयोग से लिखी गई अपरंपरागत लघु कथाओं का संग्रह है।
अपने जीवनकाल के दौरान, जहान प्रोग्रेसिव राइटर्स मूवमेंट और इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन की सक्रिय सदस्य थीं। जहान को अब तक की पहली नारीवादियों में से एक कहा गया है और वह एक प्रमुख भारतीय कम्युनिस्ट थीं।
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