बाड़मेर, 12 मई। दूर-दूर तक फैला रेत का समंदर। शहरी चकाचौंध से दूर का इलाका। ऑक्सीजन से भरपूर बिल्कुल शांत वातावरण। सांझ ढलते ही तो यहां नजारा देखने लायक होता है। हम बात कर रहे हैं खमीशा खान के सपनों के आशियाने की जो जमीन पर ना होकर पेड़ पर है।
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