सिंध भूमि मे , हिन्द की sindh bhumi mein

  • 2 years ago
रही रीत जहाँ सत्य विजय की
उस कुलधरा के मूल बिन्दु में ,
रचेता भी है , चकित कतिपय
विच्छेद प्रवाहित सिंधु में |

तनिक क्षणों की बात नहीं है
आकस्मिक हो जाए , ये जज़्बात नहीं है
जब हुआ विभाजन , बँटी वसुंधरा
रहा नहीं भारत ,सिंध धरा के बिन्दु में |

काल- खंड मे बँटने वाली
आर्यावर्त मे जपने वाली
सिंधुदेश के हालत कहो तुम
जनमानस की बात कहो तुम |

अगर मान लो ,यही समय है
बैर नहीं है , सिर्फ विनय है |
तुमको सिर्फ यह कहना होगा
सिंधु को हिन्द मे बहना होगा |