उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में पुलिस ने दो पत्रकारों के ख़िलाफ़ मुक़दमा लिखा है।यह पहला मामला नहीं है, इस पहले क़रीब एक दर्जन मामलों में पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ है।यहाँ पत्रकारों पर मुक़दमे लिखे गये हैं और उनको जेल भेजा गया, हिरासत में लिया गया या उनके साथ हिंसा हुई।वरिष्ठ पत्रकार मानते हैं अगर किसी पत्रकार की ख़बर से पुलिस या सरकार को शिकायत है तो उसका खंडन संपादक से करें या प्रेस काउन्सिल में शिकायत दर्ज की जाये।सीधे मुक़दमा करने का अर्थ मीडिया को डरना और उसकी स्वतंत्रा पर हमला करना है।फ़तेहपुर प्रेस मामले में आज पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय प्रशासन से मिला और पत्रकारों के ख़िलाफ़ मुक़दमा वापिस लेने की माँग करी है।
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