स्त्रियों को अपनी सामर्थ्य का स्मरण करना है, बस: डॉ० निधि द्विवेदी, रायबरेली

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लखीमपुर-खीरी। भगवान दीन आर्यकन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखीमपुर खीरी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन 30 मार्च को और समापन समारोह आज सम्पन्न हुआ। डॉ० क्षमा तिवारी के संचालन/संयोजन में आयोजित इस संगोष्ठी के द्वितीय और समापन सत्र में मुख्य अतिथि आर्यमित्रा बिष्ट, महिला कल्याण अधिकारी, ने सेमिनार के केंद्रीय विषय पर आने विचार रखे और कहा कि नारी क्षमता सम्पन्न है,पर उसे सशक्त बनने की ज़रूरत है। सारस्वत अतिथि डॉ अन्नपूर्णा गुप्ता ने कहा कि नारी मानसिक दृष्टि से दुनिया की सबसे मजबूत प्राणी है। संगोष्ठी की विशिष्ट वक्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती निधि द्विवेदी, रायबरेली ने नारियों के लिए स्वयं को जानना आवश्यक बताया, तथा हिंदी सहित्य के संदर्भ से अपनी बात रखी। ईशा फाउंडेशन, कोयम्बटूर के कार्यकर्ता प्रणव सुलक्ष्य त्रिवेदी ने भारतीय आध्यात्मिक चेतना में वर्णित शिव और शक्ति के प्रसंग का उल्लेख करते हुए केंद्रीय विषय पर विचार रखे। वक्ता डॉ० विपिन कुमार सिंह, प्रवक्ता केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार ने विस्तार में विचार रखते हुए।