O SIKANDER - KAILASH KHER - LYRICS - HINDI
- 3 years ago
ओ सिकंदर हो सिकंदर - LYRICS
क्यो तरसता है तू बन्दे,
जल्द ही बदलेगा मंज़ररर…
क्यो तरसता है तू बन्दे,
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दररर…
क्यो तरसता है तू बन्दे
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दररर..
(तुझमे भी वो बात है, है
तेरी भी औकात है, है) -2
तू भी बन सकता है, सिकंदररर..
हो हो हो, तू भी बन सकता है, सिकंदररर..
(हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर -3
आंख भला तेरी ग़म से क्यो नम होती है -2
पल मे हवाए पूरब से पश्छिम होती है
आंख भला तेरी ग़म से क्यो नाम होती है
पल मे हवाए पूरब से पश्छिम होती है
सावन मे फिर रूट बदलेगी -2
होगी हरी धरती बंजर -2
(हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर..
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है -2
मिलने से क्या बोल तमन्ना कम होती है
कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है
मिलने से क्या बोल तमन्ना कम होती है
हो, जो भी मिला वो, भी है, मुकद्दर -2
जो न मिला, वो भी है, मुकद्दर -2
(ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
क्यो तरसता है तू बन्दे
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले, तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दर
(तुझमे भी वो बात है, है
तेरी भी औकात है है) -2
तू भी बन सकता है, सिकंदर
हो हो हो, तू भी बन सकता है, सिकंदर
हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर -3
क्यो तरसता है तू बन्दे,
जल्द ही बदलेगा मंज़ररर…
क्यो तरसता है तू बन्दे,
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दररर…
क्यो तरसता है तू बन्दे
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दररर..
(तुझमे भी वो बात है, है
तेरी भी औकात है, है) -2
तू भी बन सकता है, सिकंदररर..
हो हो हो, तू भी बन सकता है, सिकंदररर..
(हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर -3
आंख भला तेरी ग़म से क्यो नम होती है -2
पल मे हवाए पूरब से पश्छिम होती है
आंख भला तेरी ग़म से क्यो नाम होती है
पल मे हवाए पूरब से पश्छिम होती है
सावन मे फिर रूट बदलेगी -2
होगी हरी धरती बंजर -2
(हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर..
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है -2
मिलने से क्या बोल तमन्ना कम होती है
कोशिश करने से मुश्किल आसान होती है
मिलने से क्या बोल तमन्ना कम होती है
हो, जो भी मिला वो, भी है, मुकद्दर -2
जो न मिला, वो भी है, मुकद्दर -2
(ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर) -2
क्यो तरसता है तू बन्दे
जल्द ही बदलेगा मंज़र
झांक ले, तू एक दफा बस
दिल से अपने, दिल के अन्दर
(तुझमे भी वो बात है, है
तेरी भी औकात है है) -2
तू भी बन सकता है, सिकंदर
हो हो हो, तू भी बन सकता है, सिकंदर
हो सिकंदर, सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर
झांक ले -3 दिल के अन्दर
ओ सिकंदर, ओ सिकंदर, ओ सिकंदर -3