वर्ष 2021 में मकर संक्रांति किस वाहन पर आ रही है, जानिए पुण्यकाल का समय

  • 3 years ago
ज्योतिष शास्त्र में गोचर का बहुत महत्त्व होता है। नवग्रहों का गोचर जातक के फलित में अहम् भूमिका रखता है। वहीं ग्रह-गोचर के आधार पर कई मुहूर्त व ज्योतिषीय गणनाओं का निर्धारण भी होता है जैसे त्रिबल शुद्धि, साढ़ेसाती व ढैय्या, मकर संक्रांति आदि। ज्योतिष शास्त्रानुसार नवग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्य का गोचर कई ज्योतिषीय गणनाओं व मुहूर्त का निर्धारण करता है। सूर्य के गोचर को संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति प्रतिमाह आती है क्योंकि सूर्य का गोचर प्रतिमाह होता है।