टोंक में कोवीड़ 19 के चलते धारा 144 लागू है। जिला प्रशासन इसको बखूबी तरीके से बतौर गाइड लाइन की पालना करवा रहा है ।
वही पर टोंक की जनता के साथ भी खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।। हम आपको बता के कि सदर थाना क्षेत्र में चंदलाई के पास। एक निजी खेत में सैकड़ों की तादात मे लोग एक साथ रात के अंधेरे में इकट्ठा हो रहे ।
बकरा मंडी इतनी ज़रूरी हो गई कि नगर परिषद के लिए कई अलग अलग जिले से लोग इस बकरा मंडी में बकरा लेकर बेचने व खरीदने आते है ।
लेकिन जिला प्रशासन का इस ओर शायद ध्यान आकर्षक नहीं हो पा रहा है ।
जिले में कई शादी समारोह में चालान काटे जा चुके है।। लेकिन जिला प्रशासन इस पर आंख बन्द किए हुए है।
कारण इसका ठेका नगर परिषद ने ऐसे लोगो को से रखा है। जो नगर परिषद सभापति के करीबी माने जाते है ।
कोरॉना को रोकने के लिए राज्य सरकार भरपूर कोशिश कर रही है।। तथा टोंक नगर परिषद के द्वारा इस बकरा मंडी में जो कॉविड 19 के नियमो की अवहेलना आसानी से करते नजर आ रही है।।
आपको बता दे कि नगर परिषद के नियमानुसार जो रसीद काटी जाती है।। उससे दो या तीन गुना वसूली व्यापारियों से की जा रही है।। नगर परिषद के नियम अनुसार रसीद नहीं काटी जा रही।। ओर राशि लेने के बाद ठेकेदार द्वारा कोई रसीद नहीं दी जा रही है। इस लूटमार के पीछे आखिर कोन लोग है ।। ओर बकरा मंडी रात के अंधेरे में ही क्यों भरी जाती है।। जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।। आम जनता को आखिर कार कब इस लूट मार से निजात मिलेगी।। या फिर नगर परिषद की मिली भगत इससे उजागर है ।
देखना यह है कि नगर परिषद आयुक्त इस पर कोई कार्यवाही अमल में लाते हैं।। या फिर लीपा पोती जारी रहेगी।। नगर परिषद नियमो में जो राशि टेंडर फार्म में जो कंडीशन दी गई है।। उसके आधार से वसूलने पर कार्यवाही को अमल में लाती है।।
वही पर टोंक की जनता के साथ भी खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।। हम आपको बता के कि सदर थाना क्षेत्र में चंदलाई के पास। एक निजी खेत में सैकड़ों की तादात मे लोग एक साथ रात के अंधेरे में इकट्ठा हो रहे ।
बकरा मंडी इतनी ज़रूरी हो गई कि नगर परिषद के लिए कई अलग अलग जिले से लोग इस बकरा मंडी में बकरा लेकर बेचने व खरीदने आते है ।
लेकिन जिला प्रशासन का इस ओर शायद ध्यान आकर्षक नहीं हो पा रहा है ।
जिले में कई शादी समारोह में चालान काटे जा चुके है।। लेकिन जिला प्रशासन इस पर आंख बन्द किए हुए है।
कारण इसका ठेका नगर परिषद ने ऐसे लोगो को से रखा है। जो नगर परिषद सभापति के करीबी माने जाते है ।
कोरॉना को रोकने के लिए राज्य सरकार भरपूर कोशिश कर रही है।। तथा टोंक नगर परिषद के द्वारा इस बकरा मंडी में जो कॉविड 19 के नियमो की अवहेलना आसानी से करते नजर आ रही है।।
आपको बता दे कि नगर परिषद के नियमानुसार जो रसीद काटी जाती है।। उससे दो या तीन गुना वसूली व्यापारियों से की जा रही है।। नगर परिषद के नियम अनुसार रसीद नहीं काटी जा रही।। ओर राशि लेने के बाद ठेकेदार द्वारा कोई रसीद नहीं दी जा रही है। इस लूटमार के पीछे आखिर कोन लोग है ।। ओर बकरा मंडी रात के अंधेरे में ही क्यों भरी जाती है।। जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।। आम जनता को आखिर कार कब इस लूट मार से निजात मिलेगी।। या फिर नगर परिषद की मिली भगत इससे उजागर है ।
देखना यह है कि नगर परिषद आयुक्त इस पर कोई कार्यवाही अमल में लाते हैं।। या फिर लीपा पोती जारी रहेगी।। नगर परिषद नियमो में जो राशि टेंडर फार्म में जो कंडीशन दी गई है।। उसके आधार से वसूलने पर कार्यवाही को अमल में लाती है।।
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