मिनी मुंबई कहलाने वाला इंदौर शहर वैसे तो व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अपनी अलग पहचान रखता है लेकिन माँ की आराधना के पर्व नवरात्रि में इंदौर, गुजरात में तब्दील हो जाता है। यहाँ होने वाले धार्मिक आयोजन जिसमे ख़ास तौर पर सजने वाले माता पांडाल श्रद्धालुओं के लिए विशेष आराधना केंद्र बन जाते है, लेकिन कई त्यौहारों को ख़राब करने के बाद इस बार कोविड का साया नवरात्रि के आयोजन पर भी छा चूका है। कोरोना के चलते आयोजक पहली बार गरबे और भंडारे जैसे आयोजन नहीं कर रहे है। वैसे तो हर साल शहर में बड़े पंडालों में गुजरात और मुंबई से आने वाले कलाकार रंग जमाते है लेकिन इस बार दुसरे राज्यों से कलाकारों को भी नहीं बुलाया जा रहा है। शहर में हर साल करोड़ों रूपये इन आयोजनों पर खर्च किए जाते है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण दुर्गोत्सव उस भव्यता से नहीं मनाया जाएगा, जिसके लिए इंदौर मशहूर है। गौरतलब है कि मध्यभारत में इंदौर ही वह शहर है, जहां करीब ढाई सौ से ज्यादा गरबा मंडल गरबोत्सव कराते हैं और लाखों लोग माता की भक्ति करते हैं।
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