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World Heart Day is used as an opportunity to create awareness about different heart disease that affect a large population in today's time. On the occasion of World Heart Day, this article focuses on heart failure which is the leading cause of mortality and repeat hospitalization amongst all CVDS. Over the years, India has noticed a drastic increase in the prevalence of heart failure amongst people in the younger age group of 45-50 years and below. Medical experts have time and again emphasised on how heart failure not only impacts the productive years of life, but also puts additional socio-economic burden on patients and their families.

आज विश्व हृदय दिवस है. हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को हृदयरोग के बारे में जागरूक करना है. हृदयरोग के मरीजों की संख्या दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक दिल ही है जिस पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है. तनाव, थकान, प्रदूषण जैसी कई वजहों से इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है. आज युवाओं में हृदय की बीमारियों की बढ़ती संख्या, चिंता का विषय बन रही हैं. पहले जहां 30 से 40 साल तक के बीच हृदय की समस्याएं आंकी जाती थीं, आज ये 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी होने लगी हैं. ऐसे में हृदय की समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि आप खुद अपनी कुछ सामान्य जांच करें और हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को भी गंभीरता से लें.

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