नगर परिषद की उदासीनता के चलते तालाब में फसल की तरह लहलहाती जलकुंभी

  • 4 years ago
तराना। आश्चर्य मत कीजिए यह लहलहाती सोयाबीन की फसल नहीं, तराना नगर में स्थित तालाब में अपने पैर पसारती जलकुंभी है। जो किसी खेत में लहराती फसल के समान दिखाई दे रही है। यह नगर परिषद तराना की उदासीनता एवं राजनेताओं की महत्वकांक्षा के चलते मछली पालकों के विवाद का परिणाम है। नगर में स्थित यह तालाब ग्रीष्म काल में नगर में हेड पंप ट्यूबवेल कुओ में जलस्तर बढ़ाने का एकमात्र जल स्त्रोत है। बताया जाता है कि जब तक तालाब में पानी रहता है तब तक नगर के ट्यूबवेल हेड पंप में पानी बना रहता है। गत वर्ष तो औसत से दोगुनी वर्षा होने के बाद भी जलकुंभी ने तालाब का पानी सोख लिया था इस वर्ष तो औसत वर्षा भी नहीं हुई है नगर परिषद यदि समय समय पर तालाब से जलकुंभी नहीं निकलती है तो जलकुंभी तालाब का पानी लील जाएगी और ग्रीष्म काल में नगर के जल स्त्रोतों में पानी सूख जाएगा। नगर परिषद के पास के पास जलकुंभी को जड़ मूल से नष्ट करने का कोई स्थाई समाधान नही है। उल्लेखनीय है कि नगर में चलती चर्चाओ के अनुसार कुछ नेताओं ने पट्ठा वाद के चलते अपने पट्ठो को मछली पालन के लिए तालाब की नीलामी नहीं मिलने पर उनसे तालाब में जलकुंभी डलवादी जिसका परिणाम नगर वासियों को भुगतना पड़ रहा है।