Education Minister got administration in 11th clash
झारखंड के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो ने 54 साल की उम्र में 11वीं में दाखिला लिया है। इस मौके पर शिक्षामंत्री महतो ने बताया कि बचपन की ग़रीबी और बाद के सालों में झारखंड आंदोलन में सक्रियता के कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक गई थी। मीडिया से बातचीत करते हुए महतो ने बताया कि "जब शिक्षा मंत्री पद की शपथ ले रहा था, तभी कुछ व्हाइट कॉलर लोगों ने मेरी शैक्षणिक योग्यता को लेकर छींटाकशी की। वे अंग्रजी बोलने वाले लोग थे। तभी मुझे लगा कि इन्हें जवाब देना चाहिए और मैंने आगे की पढ़ाई पूरी करने का निर्णय लिया और अब 11वीं में दाखिला ले चुका हूं। इसके साथ ही मंत्री जी ने यह फैसला भी किया है कि अब किसी गरीब को उनकी तरह गरीबी की वजह से पढ़ाई से महरूम नहीं रहना पड़े लिहाजा, उन्होंने हर पंचायत के एक स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में अंग्रेजी की भी पढ़ाई करायी जाएगी, ताकि ग़रीबों के बच्चे भी महंगे प्राईवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की तरह अंग्रेजी बोल सकें। अपने प्रस्तावित मॉडल स्कूल के बारे में बताते हुए उन्हेंने कहा कि "यहां हर आधुनिक सुविधाएं दी जाएगी। पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था होगी। उन्होंने एक बार फिर से यह दोहराया कि उन्होंने यह निर्णय इस लिए लिया है, क्योंकि मैंने ग़रीबी देखी है। अपनी पढ़ाई बीच में रुकते देखी है। यह अनुभव मुझे मेरे शैक्षणिक डिग्री से नहीं, बल्कि समाज से मिला है। मेरी आलोचना करने वाले यह नहीं समझ सकेंगे। इसलिए मुझे उनकी टिप्पणियों की ज़्यादा परवाह भी नहीं है." उन्होंने कहा कि मेरे आलोचकों को यह नहीं पता है कि लोकतंत्र में मंत्री बनने के लिए जनता का निर्वाचित प्रतिनिधि होना जरूरी है।
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