Janmastami 2020: छोटीकाशी में छाया कान्हा के जन्म का उल्लास, मध्यरात्रि में प्रगटेंगे नंदलाला

  • 4 years ago
जयपुर। जयपुर शहर की स्थापना के बाद पहली बार कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के मौके पर छोटीकाशी में भक्त अपने आराध्य गोविंददेवजी के दर्शन नहीं कर पाएंगे। कोरोना काल में मंदिर परिसर में न तो खचाखच भक्तों से भरा पांडाल होगा और न ही मंदिर परिसर के बाहर मेले सा नजारा। पहली बार भक्त कृष्ण जन्मोत्सव में ऑनलाइन हाजिरी लगाएंगे। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग सहित विशेष संयोगों में मनाया जाएगा। कोरोना के चलते मंदिरों में होने वाले कार्यक्रमों में भक्तों का प्रवेश पूर्णतया निषेध रहेगा। सभी कार्यक्रम महंत, सेवकों और पुजारियों की मौजदूगी में होंगे। मंदिर प्रबंधन ने भक्तों के लिए ऑनलाइन वेबसाइट सहित अन्य माध्यमों से दर्शन की व्यवस्था की है। घरों से ही भक्त व्रत रखकर ऑनलाइन दर्शन कर संकीर्तन सहित अन्य कार्यक्रम का हिस्सा बन सकेंगे।


यह रहेंगे योग

ज्योतिषाचार्य पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि द्वापर युग में भगवान कृष्ण का जन्म अर्धव्यापनि रात्रि अष्टमी बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृष राशि के चंद्रमा में हुआ था। इस बार बुधवार का संयोग रहेगा। परंतु रोहिणी नक्षत्र का संयोग इस बार नहीं होगा। स्मार्त जन एक दिन पहले मंगलवार को जबकि वैष्णव जन बुधवार को पर्व मनाएंगे। ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि दिनभर सवार्थसिद्धि योग रहेगा। यह योग पर्व की शुभता को और अधिक महत्व देगा। इस बार अष्टमी तिथि का प्रारंभ मंगलवार सुबह 9.07 बजे से अगले दिन बुधवार सुबह 11.17 बजे तक रहेगा। वहीं कृतिका नक्षत्र मध्य रात्रि बाद 3.36 बजे तक रहेगा।

खुद मंदिर प्रबंधन ने तैयार करवाई पोशाक

बीते कई साल से गोविंद देव जी मंदिर प्रबंधन उत्सव के लिए पोशाक कारीगरों से तैयार करवा रहा है। परंतु इस बार मंदिर प्रबंधन ने भगवान की पोशाक कोरोना के चलते मंदिर खुद परिसर में बनवाई है। प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी पीले रंग की पोशाक धारण करेंगे। मंगला झांकी के बाद ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक होगा। विशेष माला धारण करवाई जाएगी। रात 12 बजे जन्म दर्शन, तिथि पूजन व सालिगराम पूजन सहित अभिषेक होगा। खीर, पंजीरीए लड्डू का भोग लगाया जाएगा। इसके साथ ही 31 हवाई गर्जनाएं होगी। अगले दिन नंदोत्सव के बाद निकलने वाली शोभायात्रा नहीं निकाली जाएगी।