ज़रूरतमंद के लिए ताला, दलाल जप रहे चैन की माला

  • 4 years ago
कोरोना काल में सभी सार्वजनिक सेवाओं के आदान प्रदान में आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है लेकिन फिर भी वह सहयोग की भावना से देशहित में इसे स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में चिरगाँव की एसबीआई बैंक में धांधली की शिकायतें सामने आरही हैं। ज़रूरतमंद लोग कतारों में भूखे प्यासे खड़े रहते हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं होता। बैंक की तरफ़ से मेन डोर पर ताला लगा दिया जाता है जिससे आमजन बाहर खड़े होकर कार्य करवाने के लिए प्रतीक्षा करते हैं किंतु यह नियम सिर्फ़ आमजन के लिए है। बैंक के दलाल बड़ी आसानी से वहाँ के स्टाफ के साथ मिलकर आमजन की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्हें अंदर भेजकर पांच मिनट में लाखों का पेमेंट कर दिया जाता है वहीं आम ज़रूरतमंद आदमी सुबह से भूखे प्यासे खड़ा रहता है और कई बार बिना काम हुए हताश घर लौटना पड़ता है। फूलखिरिया निवासी भुवनेंद्र कुमार ने चिरगाँव एसबीआई बैंक में दिनाँक 15 जून को बैंक के इस आश्वासन पर अपने किसान क्रेडिट कार्ड को जमा करवाया कि उन्हें 16 जून को पैसा वापस निकालकर दे दिया जाएगा। बैंक ने जितनी बकाया राशि बताई वह पूरी जमा कर दी गयी। जब 16 तारीख़ को वो अपनी मां और भाई के साथ राशि निकालने के लिए गए तो उन्हें घण्टों बाहर इंतज़ार करना पड़ा। उन्होंने बैंक मैनेजर को एक प्रार्थनापत्र लिखकर दिया कि उन्हें आज रात की ट्रेन से वापस दिल्ली जाकर नौकरी जॉइन करनी है तो राशि निकालने दी जाए। बैंक मैनेजर ने यह मामला फील्ड ऑफिसर सुरेश चन्द्रा को दे दिया जो बड़ी बदतमीजी से पेश आये एवं पूरा कार्ड जमा होने के बाद भी उसमें और 2300 रुपये की राशि जमा करने को कहा।