जल रहा तन बदन आपके प्यार में/अनिल कुमार राही कुमार निश्छल

  • 4 years ago
यह गीत मौलिक एवम् स्वरचित है,जिसे लिखा है मुम्बई के अज़ीम शायर श्री अनिल कुमार 'राही' जी ने, और स्वरबद्ध किया है,
धीरेन्द्र कुमार 'गंभीर' लखीमपुर खीरी उत्तरप्रदेश
अनिल कुमार 'निश्छल' हमीरपुर उत्तरप्रदेश ने

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