उपराज्यपाल ने अभी तक जफरुल इस्लाम को सस्पेंड क्यों नहीं किया : तहसील पूनावाला
मजहब के उन ठेकेदारों से समाज को सतर्क रहने की जरूरत है जो धर्म के नाम पर शब्दों की मर्यादा लांघ जाते हैं. भड़काऊ भाषणों की फेहरिस्त में जफरुल इस्लाम कान का नाम भी शामिल हो गया है. वह भारत के अंदरूनी मामलों को एक इंटरनेशनल मुद्दा बनाने में लगे. इसी पर देखिए बड़ी बहस.
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