बड़ा सवाल: क्या घुसपैठ बनेगा 2019 में चुनावी मुद्दा?

  • 4 years ago
असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) जारी होने के बाद घुसपैठी लोगों को लेकर देश में एक अलग तरह की राजनीति शुरू हो गई है. असम एनआरसी का ड्राफ्ट जारी होने के बाद लिस्ट में 40 लाख लोगों के नाम नहीं आए थे लेकिन सरकार ने उन्हें भी अपने दावे और पहचान को साबित करने का समय दिया है, यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह हर रैली में 'घुसपैठिये' शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं. अमित शाह बार-बार कह रहे हैं कि अगर 2019 में उनकी सरकार फिर से बनती है तो पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा और घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाएगा. तो क्या अब घुसपैठिए शब्द का इस्तेमाल बीजेपी चुनावी राजनीति के लिए कर रही है? शाह कह रहे हैं कि बीजेपी ने 40 लाख घुसपैठियों की पहचान की है जबकि उन लोगों की स्थानीयता का दावा पेश करना अभी बाकी है. तो क्या घुसपैठिए अब भारतीय राजनीति का एक नया सियासी पैंतरा है? देखिए बड़ा सवाल पर इसी मुद्दे पर बहस.