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  • 3/18/2020
20 मार्च को निर्भया केस के दोषियों को फांसी दी जानी है. इससे पहले 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों में से एक मुकेश सिंह की याचिका खारिज कर दी. मुकेश ने याचिका में मांग की थी कि उसे क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दायर करने का एक और मौका दिया जाए. उसने आरोप लगाया था कि, उसके वकील ने कानूनी विकल्पों को लेकर उसे गुमराह किया था.
पहली बार 7 जनवरी को फांसी की तारीख तय किये जाने के बाद से ही बचने के नये-नये पैंतरे आजमा रहे दोषियों ने अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया है.
दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि, उन्हें भारतीय न्याय प्रणाली में पूरा यकीन है लेकिन कुछ विदेशी संस्थायें पहले ही दिन से इस केस पर अपनी नजरें जमाये हुए थीं. उन्होंने ही इसे आईसीजे में ले जाने का फैसला किया है.
एपी सिंह के मुताबिक निचली अदालत से केस से जुड़े दस्तावेज में मांगे गए हैं ताकि उन्हें आईसीजे में पेश किया जाये. हालांकि विधि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला और 20 मार्च को फांसी तय है.
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