• 4 years ago
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मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिरेगी या बचेगी। उच्चतम न्यायालय इस मामले में क्या व्यवस्था देगा। क्या भाजपा का ऑपरेशन लोटस सफल हो पाएगा? यह सब भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है, लेकिन इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ-साथ भाजपा भी उलझ गई है, भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है, कमलनाथ सरकार भी फ्लोर टेस्ट चाहती है, लेकिन बागी 16 विधायकों की मौजूदगी में, कमलनाथ के इस दांव से भाजपा की उलझन बढ़ गई है। क्यों ये आपको बताते हैं। दरअसल भाजपा की मंशा है कि 16 विधायक अनुपस्थित रहे और कमलनाथ सरकार का बहुमत साबित ना करने की स्थिति में पतन हो जाए, वही कांग्रेस के रणनीतिकारों ने कुछ अलग ही योजना बना रखी है, दरअसल अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्हीप जारी करने के बाद सरकार के खिलाफ वोट करने पर 16 विधायक दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार हो सकते हैं। यह स्थिति भाजपा के लिए दो स्तर पर लाभप्रद होगी, पहली तो यह कि कमलनाथ सरकार का पतन हो जाएगा, दूसरा बागी हुए 16 विधायकों के अयोग्य घोषित होने पर उपचुनाव में टिकट देने का झंझट ही नहीं रहेगा। इस घटनाक्रम में  बागी विधायकों के सामने एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई जैसे हालात है। सिंधिया के लिए परेशानी इधर, इस स्थिति ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को परेशानी में डाल दिया है। भाजपा को सरकार गिराने की चिंता आन पड़ी है और यह उसके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। भाजपा की मंशा बागी विधायकों को अनुपस्थित रखने की है, तो कमलनाथ और कांग्रेस के रणनीतिकार चाहते हैं कि बागी सदन में आए और कांग्रेस के खिलाफ वोट कर अयोग्य होने की दहलीज पर पहुंच जाएं, यह तभी होगा, जब कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में लाया जाए। विधायकों के अयोग्य होने पर 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं होगी, और यह स्थिति सिंधिया के बड़ी चिंता खड़ी कर रही है, क्योंकि सिंधिया यदि अपने समर्थकों को कुछ नहीं दे पाए तो यह उनके साथ ना इंसाफ़ी होगी। 16 विधायक अयोग्य करार होने की स्थिति में भाजपा यदि उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारती है, तो फिर सिंधिया अपने समर्थन में कांग्रेस से बगावत करने वालों को क्या जवाब देंगे ?

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