उत्तर प्रदेश वैसे तो पुरातत्व विभाग की इमारतों से घिरा हुआ है, लेकिन हमारा इटावा भी उन्हीं की गिनती में सबसे ऊपर दिखाई देता है, क्योंकि यहां की आस्था और परंपरा पूरे भारत में मशहूर है। तभी शायर कहते हैं कि 100 बार काशी तो एक आसई। आसई से इटावा जनपद से 20 किलोमीटर दूर पर बसा हुआ एक गांव है। जहां पर कुछ साल पहले राजा जयचंद का किला हुआ करता था, जिसमें काफी इतिहास देखी हुई है और आज यह क्लब पूरी तरीके से एक किले में तब्दील हो गया। झांकी लोगों की आस्था है कि यहां पर एक मंदिर बना हुआ है, जहां पर जैन धर्म की काफी सारी पुरानी मूर्तियां पिया पर मौजूद थे। इस किले के आज भी काफी अक्स बरामद होते हैं।