फडणवीस ने मुख्यमंत्री बनने के बाद केंद्र को 40 हजार करोड़ रु लौटा दिए: हेगड़े
- 5 years ago
बेंगलुरू. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के सिर्फ 80 घंटे मुख्यमंत्री बनने पर भाजपा नेता अनंत कुमार हेगड़े ने बयान दिया है। कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित येल्लापुर में रविवार को चुनावी सभा के दौरान हेगड़े ने कहा कि कई लोग हमसे पूछ रहे हैं कि जब हमारे पास बहुमत नहीं था, तो फडणवीस मुख्यमंत्री क्यों बने? उन्होंने इतना ड्रामा क्यों किया? इस पर बताना चाहता हूं कि एक मुख्यमंत्री के पास केंद्र के 40 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच होती है। उन्हें (फडणवीस को ) पता था कि अगर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार बन गई, तो वो विकास के लिए तय किए गए फंड का गलत इस्तेमाल करेगी। इसलिए यह ड्रामा किया गया। हालांकि, फडणवीस ने हेगड़े के बयान को नकारा है। मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कोई नीतिगत फैसले नहीं लिए थे। ऐसी सभी बातें झूठी हैं।
फडणवीस ने 15 घंटे में पैसे सुरक्षित कर दिए: हेगड़े
हेगड़े ने कहा कि इसके लिए पहले से ही योजना तैयार थी, जब हमें लग गया कि तीनों पार्टियां साथ में सरकार बनाएंगी, तो फडणवीस ने शपथ ले ली। अगले 15 घंटों में फडणवीस ने तय कर दिया कि पैसा वहां पहुंच जाए, जहां यह सुरक्षित हो। पूरा पैसा केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया। वरना अगले मुख्यमंत्री ने जरूर ही पैसे का गलत इस्तेमाल कर लिया होता।
सबसे कम समय तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे फडणवीस
5 साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस का दूसरा कार्यकाल चार दिन भी नहीं चला था। फडणवीस ने अजित पवार के भरोसे पर 23 नवंबर को आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। अजित को उप-मुख्यमंत्री बनाया था। 26 नवंबर की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुनाया और दोपहर को घंटेभर के अंदर अजित पवार और फडणवीस ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। फडणवीस राज्य के सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
फडणवीस ने 15 घंटे में पैसे सुरक्षित कर दिए: हेगड़े
हेगड़े ने कहा कि इसके लिए पहले से ही योजना तैयार थी, जब हमें लग गया कि तीनों पार्टियां साथ में सरकार बनाएंगी, तो फडणवीस ने शपथ ले ली। अगले 15 घंटों में फडणवीस ने तय कर दिया कि पैसा वहां पहुंच जाए, जहां यह सुरक्षित हो। पूरा पैसा केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया। वरना अगले मुख्यमंत्री ने जरूर ही पैसे का गलत इस्तेमाल कर लिया होता।
सबसे कम समय तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे फडणवीस
5 साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस का दूसरा कार्यकाल चार दिन भी नहीं चला था। फडणवीस ने अजित पवार के भरोसे पर 23 नवंबर को आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। अजित को उप-मुख्यमंत्री बनाया था। 26 नवंबर की सुबह सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुनाया और दोपहर को घंटेभर के अंदर अजित पवार और फडणवीस ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। फडणवीस राज्य के सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहे। हालांकि, पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले वह राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।