गुरु से प्रेम, सत्य से प्रेम || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2013)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२४ नवम्बर, २०१३
अद्वैत बोधस्थल, नोएडा

दोहा:
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।।
~ गुरु कबीर

प्रसंग:
गुरु से प्रेम कैसा?
यह प्रेम जीवन और मरण से मुक्त कैसे?
क्या गुरु के प्रति ही वास्तविक प्रेम हो सकता है?
क्या गुरु से प्रेम होना संभव है?
क्या गुरु ही सच्चा प्रेमी है?
क्या गुरु परम तक पहुँचने की सीढ़ी है?

संगीत: मिलिंद दाते

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