संसार में सब अपूर्ण ही रहेगा, तुम इसके मध्य पूर्ण रहो || आचार्य प्रशांत (2019)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

खुला सत्र
2 सितम्बर, 2019
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
संतोष का वास्तविक अर्थ क्या है?
इंसान तृप्त क्यों नही हो पाता?
क्या दुनियां में पूर्णता मिल सकती है?

संगीत: मिलिंद दाते