इसे मन कहूँ, या मेरा मन || आचार्य प्रशांत (2017)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२ अक्टूबर, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नॉएडा

प्रसंग:
मन मन को ही जानने को उत्सुक क्यों रहता है?
मन अपना विस्तार क्यों चाहता है?
मन क्या है?
मन को किस ताल पर जाकर समझा जा सकता है?
मन की बेचैनियाँ मन पर ही भारी क्यों पड़ता है?
इसे मन कहूँ, या मेरा मन?

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