तुम अपने पर लादा गया अपना एक अंधविश्वास हो || आचार्य प्रशांत (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२० मार्च २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
हम किसी भी चीज को गंभीरता से क्यों देखते है?
कैसे जाने की तीसरी आंखे खुल रही है?
मेरे लिये क्या महत्वपूर्ण है ?