कर्त्तव्य की विदाई ही प्रेम का आगमन है || आचार्य प्रशांत, श्री अष्टावक्र पर (2014)

  • 5 years ago
वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२३ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल,नॉएडा

अष्टावक्र गीता (अध्याय ९, श्लोक १)
कृताकृते च द्वन्द्वानि कदा शान्तानि कस्य वा।
एवं ज्ञात्वेह निर्वेदाद् भवत्यागपरोऽव्रती॥

प्रसंग:
क्या कर्तव्यों के पार भी कुछ है?
कर्तव्य किसके लिए हैं?
क्या प्रेम पहले आता है या कर्तव्य?