जो खेल न लगे, उसे भी खेल जानिये || आचार्य प्रशांत (2017)
- 5 years ago
वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२४ अगस्त, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जो खेल न लगे, उसे भी खेल जानिये?
जीवन भी खेल है क्या ?
जीवन में हासिल करने योग्य क्या है?
जीवन में गंभीर इतना गंभीर क्यों?
शब्दयोग सत्संग
२४ अगस्त, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
प्रसंग:
जो खेल न लगे, उसे भी खेल जानिये?
जीवन भी खेल है क्या ?
जीवन में हासिल करने योग्य क्या है?
जीवन में गंभीर इतना गंभीर क्यों?