मन, समाधि और सुषुप्ति || आचार्य प्रशांत (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१३ जून, २०१५
कैंचीधाम, नैनीताल

उक्तियाँ:
While praising the gods with steady limbs,
May we enjoy a life that is beneficial to the gods.

~शांति पाठ
This is the lord of all, this is the knower of all, this is the inner controller, this is the source of all, and this is the beginning and the end of beings’. (Mandukya upnishad)

प्रसंग:
समाधी क्या होती है?
समाधि की अवस्था कैसी होती है?
समाधी कितने प्रकार के होते है?
समाधी और मृत्यु में क्या अंतर है?
मन क्या है?
मन की प्रक्रिया कैसे काम करती है?
मन के कितने प्रकार होते है?
जब मन कहुँ जाने के आतुर होता है तो शरीर भी शांत क्यों नहीं बैठता है?
क्या मन हमें चलाता है या हम मन को चलाते हैं?
क्या शरीर और मन का गहरा सम्बन्ध है?
सुषुप्ति का अर्थ क्या है?
समाधी और सुषुप्ति में क्या अंतर है?

संगीत: मिलिंद दाते