भविष्य की चिंता और डर || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)

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वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
२२ सितम्बर, २०१४
बी.बी.डी.आई.टी, ग़ाज़ियाबाद

प्रसंग:
भविष्य के बारे में सोचता हूँ और डर जाता हूँ और इस कारण किसी भी काम में मन नहीं लगता, क्या करे?
वर्तमान में जीने का क्या अर्थ है?
भविष्य की चिंता से कैसे मुक्त हों?
सुंदर भविष्य का निर्माण कैसे करें?
सही कार्य कैसे चुनें?
सहीं फैसले कैसे करें?
प्रतिस्पर्धा का डर कैसे निकालें?