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  • 9/20/2019
अयोध्या में विवादित स्थल पर मालिकाना हक से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई चल रही है। 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच 3 बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था। इस फैसले से असंतुष्ट सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और शीर्ष अदालत ने 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। आखिर क्या है अयोध्या के बारे में धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं और किस तरह हुई इस विवाद की शुरुआत। आइए जानते हैं...
सबसे पहले जानते हैं ‍अयोध्या के पौराणिक इतिहास और मान्यताओं के बारे में। अयोध्या को पौराणिक इतिहास में प्राचीन भारत की पवित्र सप्त पुरियों में शामिल किया गया है। अथर्ववेद में इसे ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है। अयोध्या में कई महान योद्धा, ऋषि-मुनि और अवतारी पुरुष हो चुके हैं। भगवान राम ने भी यहीं जन्म लिया था। जैन मत के अनुसार यहां आदिनाथ सहित 5 तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। बौद्ध मान्यताओं के अनुसार बुद्ध ने अयोध्या अथवा साकेत में 16 वर्षों तक निवास किया था।
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